नई दिल्लीः खेल मंत्रालय देश में डोपिंग (Doping in india) के खतरे को रोकने के लिए अहमदाबाद के राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (National University of Forensic Sciences Ahmedabad) (एनएफएसयू) में भारत की पहली आहार पूरक परीक्षण केंद्र स्थापित करेगा. डोपिंग पर तीन दिवसीय विश्व संगोष्ठी (Symposium on Doping) के बाद खेल मंत्रालय, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और एनएफएसयू ने परीक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए शनिवार को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये.
पत्र सूचना कार्यालय से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, 'आहार में अघोषित चीजों की मौजूदगी एक गंभीर चिंता का विषय है. अब तक, आहार में 'प्रतिबंधित पदार्थ' की अनुपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए भारत में कोई परीक्षण सुविधा उपलब्ध नहीं है.' इसमें कहा गया, 'इस कमी को दूर करने और खिलाड़ियों के लिए गुणवत्तापूर्ण आहार सुनिश्चित करने के लिए एफएसएसएआई के सहयोग से (एनएफएसयू) एक परीक्षण सुविधा बनाने के लिए आज एक बड़ा कदम उठाया गया है.
यह समझौता ज्ञापन इस उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद करेगा.' प्रतिबंधित पदार्थों की सूची काफी विस्तृत है इसमें औषधीय और गैर-औषधीय दोनों प्रकार के पदार्थों की एक जानकारी शामिल है. भारत ऐसी परीक्षण सुविधा के साथ इस क्षेत्र में अग्रणी देश बनने की उम्मीद कर रहा है. खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, 'इस समझौता ज्ञापन से एथलीटों और उनके सहयोगियों को पोषक तत्वों की खुराक में मौजूद प्रतिबंधित पदार्थों के कारण अनजाने में डोपिंग के बारे में शिक्षित और जागरूकता फैलाने से लाभ होगा.
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उन्होंने कहा, 'एनएफएसयू में स्थापित की जा रही यह सुविधा न केवल देश में बल्कि पूरे क्षेत्र में हितधारकों की मदद करेगी. पिछले साल दिसंबर में प्रकाशित वाडा (WADA) की रिपोर्ट के अनुसार डोपिंग में भारत रूस और इटली के बाद तीसरे स्थान पर है.
(पीटीआई-भाषा)