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दारूवाला ने मैकलारेन के साथ सफल फॉर्मूला वन कार से अभ्यास पूरा किया - फॉर्मूला वन

दारूवाला का सपना भारत का तीसरा फार्मूला वन चालक बनने का है. फार्मूला टू’ के मौजूदा सत्र में तालिका में तीसरे स्थान पर काबिज 23 साल के जेहान ने इंग्लैंड में सिल्वरस्टोन सर्किट पर ‘एमएलसी35एम’ कार पर हाथ आजमाया.

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Jehan Daruvala
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Published : Jun 24, 2022, 6:54 PM IST

मुंबई: युवा भारतीय फार्मूला टू रेसर जेहान दारुवाला ने आठ बार के कंस्ट्रक्टर्स (टीम चैम्पियनशिप) विजेता मैकलारेन के साथ इस सप्ताह फॉर्मूला वन परीक्षण में सफल शुरुआत की और अब वह सुपर लाइंस के लिए पात्र हैं.

दारूवाला का सपना भारत का तीसरा फार्मूला वन चालक बनने का है. फार्मूला टू’ के मौजूदा सत्र में तालिका में तीसरे स्थान पर काबिज 23 साल के जेहान ने इंग्लैंड में सिल्वरस्टोन सर्किट पर ‘एमएलसी35एम’ कार पर हाथ आजमाया.

उन्होंने बुधवार और गुरुवार को दो सत्र में 130 से अधिक चक्कर लगाए. यह अगले सप्ताहांत के ब्रिटिश ग्रां प्री के दौरान एफवन चालकों द्वारा तय की जाने वाली दूरी से दोगुनी से अधिक है. इस ट्रैक टाइम ने उन्हें सुपर लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए पर्याप्त अंक अर्जित करने में मदद की, जो फॉर्मूला वन में प्रतिस्पर्धा करने के लिए आवश्यक है.

यह भी पढ़ें: International Olympics Day: ओलंपिक में भारत के शीर्ष 5 खिलाड़ी

उन्होंने शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति में कहा, मैंने पहली बार फॉर्मूला वन कार चलाने का आनंद लिया. यह शारीरिक रूप से थका देने वाला था लेकिन मुझे अपनी फिटनेस के साथ कोई समस्या नहीं लगी. नारायण कार्तिकेयन और करुण चंडोक एफवन में अब तक देश का प्रतिनिधित्व करने वाले चालकों में शामिल है.

मुंबई: युवा भारतीय फार्मूला टू रेसर जेहान दारुवाला ने आठ बार के कंस्ट्रक्टर्स (टीम चैम्पियनशिप) विजेता मैकलारेन के साथ इस सप्ताह फॉर्मूला वन परीक्षण में सफल शुरुआत की और अब वह सुपर लाइंस के लिए पात्र हैं.

दारूवाला का सपना भारत का तीसरा फार्मूला वन चालक बनने का है. फार्मूला टू’ के मौजूदा सत्र में तालिका में तीसरे स्थान पर काबिज 23 साल के जेहान ने इंग्लैंड में सिल्वरस्टोन सर्किट पर ‘एमएलसी35एम’ कार पर हाथ आजमाया.

उन्होंने बुधवार और गुरुवार को दो सत्र में 130 से अधिक चक्कर लगाए. यह अगले सप्ताहांत के ब्रिटिश ग्रां प्री के दौरान एफवन चालकों द्वारा तय की जाने वाली दूरी से दोगुनी से अधिक है. इस ट्रैक टाइम ने उन्हें सुपर लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए पर्याप्त अंक अर्जित करने में मदद की, जो फॉर्मूला वन में प्रतिस्पर्धा करने के लिए आवश्यक है.

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उन्होंने शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति में कहा, मैंने पहली बार फॉर्मूला वन कार चलाने का आनंद लिया. यह शारीरिक रूप से थका देने वाला था लेकिन मुझे अपनी फिटनेस के साथ कोई समस्या नहीं लगी. नारायण कार्तिकेयन और करुण चंडोक एफवन में अब तक देश का प्रतिनिधित्व करने वाले चालकों में शामिल है.

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