हैदराबाद: कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल जीतने वाली मुक्केबाज निकहत जरीन से ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की. निकहत ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत के दौरान इतने बड़े मुकाम तक पहुंचने तक की संघर्ष की कहानी बताई. निकहत ने कहा, ये मेडल उन लोगों के सवालों का जवाब हैं जिन्होंने मेरे करियर की शुरुआत में मुझसे सवाल किया था, क्या किसी लड़की को बॉक्सिंग में करियर बनाना चाहिए? यह पुरुषों का खेल है. क्या होगा अगर चेहरे पर चोट लग जाए? तेलंगाना की युवा मुक्केबाज निकहत जरीन ने बताया कि ऐसे सवाल मुझसे मेरे करियर की शुरुआत में पूछे जाते थे लेकिन वह उन सभी सवालों को पीछे छोड़ कर गोल्ड मेडल जीतीं.
तेलंगाना के निजामाबाद जिले में जन्मीं निकहत जरीन ने महज 13 साल की उम्र में बाक्सिंग ग्लव्स थाम लिए थे. इसके बाद उन्होंने मुकाम हासिल करने के लिए जमकर पसीना बहाया. हाल ही में कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में निकहत ने बॉक्सिंग में महिलाओं के 48-50 किग्रा भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था. मेडल जीतने पर निकहत ने कहा कि उन्हें भारत के लिए पदक जीतने पर गर्व है और वह भविष्य में भी भारत के लिए इसी तरह की सफलता हासिल करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं.
उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि तेलंगाना और भारत की अधिक महिला मुक्केबाज पदक जीतेंगी. निकहत ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में प्रदर्शन पर कहा कि उन्होंने हर मैच में पूरे 5 अंक बनाए और यह उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने अपने कोच के समर्थन से अपने प्रदर्शन को बनाए रखने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि भारतीय बॉक्सिंग टीम बहुत मजबूत है, लेकिन इसे और मजबूत करने की जरूरत है. अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर की कोचिंग और कोच उपलब्ध कराए जाएं तो भारतीय मुक्केबाज अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.
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निकहत ने आगे कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स के मुकाबले वर्ल्ड चैंपियनशिप में ज्यादा प्रतिस्पर्धा होती है. कॉमनवेल्थ गेम्स में कुछ खास देश हिस्सा लेते हैं लेकिन वर्ल्ड चैंपियनशिप में ऐसा नहीं है. कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में मुझे दो देशों (इंग्लैंड और उत्तरी आयरलैंड) से कड़े मुकाबले की उम्मीद थी, लेकिन मैं दोनों देशों के खिलाफ 5-0 से मुकाबला जीती और गोल्ड मेडल लाई जिसकी मुझे खुशी है. निकहत ने कहा, मेरा अगला लक्ष्य एशियन चैंपियनशिप है जो अक्टूबर में शुरू होगा.