नई दिल्ली: राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीडब्ल्यूजी) ने राष्ट्रमंडल खेलों को लेकर भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के 'कम स्तर' के बयान को खारिज करते हुए कहा कि ये खेल पहले से ज्यादा प्रासंगिक है और इसमें भारत को अहम भूमिका निभानी है.
सीजीएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेविड ग्रेवेम्बर्ग ने कहा कि वो नवंबर में भारत का दौरा करेंगे और तभी बर्मिंघम में होने वाले 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी को हटाए जाने पर भारत की चिंताओं को दूर किया जाएगा.
इस दौरे पर ग्रेवेम्बर्ग के साथ सीजीएफ के अध्यक्ष लुइस मार्टिन भी होंगे.
बत्रा के बयान के बारे में पूछे जाने पर ग्रेवेम्बर्ग ने कहा,"नवंबर में होने वाला भारत का दौरा हमारे लिए काफी अहम है. हमारा ध्यान भारतीय एथलीटों को ज्यादा मौके देना है. हमारा दृष्टिकोण सम्मान करना, सुनना, सीखना और योगदान करना होगा. हम भारत में अपने सहयोगियों और दोस्तों से मिलने का इंतजार कर रहे हैं."
उन्होंने कहा,"हम मानते है कि आधुनिक राष्ट्रमंडल और राष्ट्रमंडल खेलों आंदोलन अब पहले से ज्यादा प्रासंगिक है और इसमें भारत को अहम भूमिका निभानी है."
बत्रा ने मंगलवार को बेंगलुरू में एक कार्यक्रम के दौरान बात करते हुए कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों में प्रतिस्पर्धा का स्तर इतना ऊंचा नहीं होता और भारत को अपने मानकों को सुधारने के लिए इनसे हटने पर विचार करना चाहिए.
बत्रा ने 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के कार्यक्रम से निशानेबाजी को हटाने के बाद बर्मिंघम का बहिष्कार करने को कहा था. भारत राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी में काफी पदक जीतता है और वो इस खेल में कुल 134 पदक लेकर सभी देशों में दूसरे स्थान पर है.