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CWG 2022: मीराबाई चानू ने जीता गोल्ड, वेटलिफ्टिंग में भारत को मिला तीसरा मेडल - Mirabai Chanu

बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के दूसरे दिन वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल अपने नाम किया. वेटलिफ्टिंग में भारत को यह तीसरा पदक मिला है. इससे पहले 55 किलो की कैटेगरी में संकेत महादेव सागर ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. वहीं, 61 किलोग्राम की कैटेगरी में गुरुराज पुजारी ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था.

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Published : Jul 30, 2022, 10:23 PM IST

Updated : Jul 30, 2022, 10:58 PM IST

बर्मिंघम: मीराबाई चानू ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाया. महिला वेटलिफ्टर मीराबाई 49 किग्रा वेट कैटेगरी में 201 किग्रा वजन उठाकर पहले स्थान पर रहीं. स्नैच में 88 और क्लीन एंड जर्क में 113 किग्रा का वजन उठाया. उन्होंने लगातार दूसरे कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता. इससे पहले 2018 गोल्ड कोस्ट में भी वे पहले नंबर पर रही थीं. इसके अलावा 2020 टोक्यो ओलंपिक में 27 साल की इस एथलीट ने सिल्वर मेडल जीता था.

मौजूदा कॉमनवेल्थ गेम्स की बात करें, तो भारत को अब तक तीन मेडल मिले हैं और तीनों ही मेडल वेटलिफ्टर्स ने दिलाए हैं. इससे पहले पुरुष कैटेगरी में संकेत महादेव सरगर ने सिल्वर और गुरुराज पुजारी ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था. मीराबाई चानू ने छोटी सी उम्र में ही वेटलिफ्टिंग शुरू कर दी थी. वे 11 साल की उम्र में ही अंडर-15 चैंपियन बन गई थीं और 17 साल में जूनियर चैंपियन. लेकिन ओलंपिक 2016 ने उनके करियर पर जैसे रोक ही लगा दी.

  • MIRABAI WINS GOLD 🥇@mirabai_chanu wins 1️⃣st Gold & 3️⃣rd Medal for 🇮🇳 at @birminghamcg22 🤩🤩 & her 3rd consecutive medal at CWG: 2 🥇1 🥈

    The Confident Mira lifted a total of 201 Kg (GR) in the Women's 49kg Finals🏋‍♂️ at #B2022

    Snatch- 88kg (GR)
    Clean & Jerk- 113kg (GR)
    1/1 pic.twitter.com/kI56gxxIqg

    — SAI Media (@Media_SAI) July 30, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मीराबाई गेम्स की सिर्फ दूसरी खिलाड़ी थीं, जिनके नाम के आगे ओलंपिक में लिखा गया था 'डिड नॉट फिनिश'. वे अपने इवेंट को पूरा नहीं कर सकी थीं. इस कारण वे अपने खेल में काफी पीछे हो गई थीं. इसने उनके मनोबल को बुरी तरह तोड़ दिया था. इसके बाद वे डिप्रेशन में चली गईं और उन्हें मनोचिकित्सक की मदद तक लेनी पड़ी. इसके बाद उन्होंने खेल से अलविदा लेने तक मन बना लिया था. लेकिन शायद उनके खेल करियर को दूसरी ओर जाना था.

इसके बाद उन्होंने साल 2017 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर शानदार वापसी की. फिर गोल्ड कोस्ट में साल 2018 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में फिर गोल्ड जीतकर अपना दम दिखाया. वे यहीं नहीं रूकीं, साल 2020 टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर उन्होंने इतिहास रच दिया. इस कारण भारत टोक्यो में शानदार प्रदर्शन करने में कामयाब रहा. अब बर्मिंघम में एक बार फिर इस महिला वेटलिफ्टर ने गोल्ड जीतकर तिरंगा लहराया है.

यह भी पढ़ें: CWG 2022: जय हो...गुरुराज ने वेटलिफ्टिंग में जीता ब्रॉन्ज मेडल, भारत को मिला दूसरा पदक

मणिपुर की मीराबाई चानू को डांस का भी शौक है. उन्होंने एक बार कहा था कि मैं कभी-कभी ट्रेनिंग के बाद कमरा बंद करके डांस करती हूं और मुझे सलमान खान पसंद हैं. उन्हें खेल रत्न अवार्ड और पद्मश्री सम्मान से नवाजा जा चुका है. आने वाले समय में वे देश को इंटरनेशनल लेवल और पहचान दिलाने उतरेंगी. मीराबाई चानू का शुरुआती समय काफी गरीबी में बीता. वह घर के लिए जंगलों में लकड़ियां चुना करती थीं. 12 साल की उम्र से ही चानू वजन उठाती रही हैं और इसी हुनर के कारण वह विश्व स्तर पर देश का परचम लहरा रही है. बर्मिंघम में उनकी इस जीत पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी है.

  • The exceptional @mirabai_chanu makes India proud once again! Every Indian is delighted that she’s won a Gold and set a new Commonwealth record at the Birmingham Games. Her success inspires several Indians, especially budding athletes. pic.twitter.com/e1vtmKnD65

    — Narendra Modi (@narendramodi) July 30, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मीराबाई चानू जब जंगल में लकड़ियां बीनने जाती थीं तो वह अपने भाई बहनों से अधिक वजनी लड़कियां आसानी से उठा लेती थीं. जंगल से यह लकड़ी वह जलावन के लिए इकट्ठा करती थीं. लेकिन बचपन से उनका यह अभ्यास आखिर में उनके काम आया और वह देश की चोटी की वेटलिफ्टर बन गईं.

यह भी पढ़ें: CWG 2022: पान बेचने वाले के बेटे ने भारत को दिलाया पहला मेडल, राष्ट्रपति मुर्मू ने दी बधाई

बर्मिंघम: मीराबाई चानू ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाया. महिला वेटलिफ्टर मीराबाई 49 किग्रा वेट कैटेगरी में 201 किग्रा वजन उठाकर पहले स्थान पर रहीं. स्नैच में 88 और क्लीन एंड जर्क में 113 किग्रा का वजन उठाया. उन्होंने लगातार दूसरे कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता. इससे पहले 2018 गोल्ड कोस्ट में भी वे पहले नंबर पर रही थीं. इसके अलावा 2020 टोक्यो ओलंपिक में 27 साल की इस एथलीट ने सिल्वर मेडल जीता था.

मौजूदा कॉमनवेल्थ गेम्स की बात करें, तो भारत को अब तक तीन मेडल मिले हैं और तीनों ही मेडल वेटलिफ्टर्स ने दिलाए हैं. इससे पहले पुरुष कैटेगरी में संकेत महादेव सरगर ने सिल्वर और गुरुराज पुजारी ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था. मीराबाई चानू ने छोटी सी उम्र में ही वेटलिफ्टिंग शुरू कर दी थी. वे 11 साल की उम्र में ही अंडर-15 चैंपियन बन गई थीं और 17 साल में जूनियर चैंपियन. लेकिन ओलंपिक 2016 ने उनके करियर पर जैसे रोक ही लगा दी.

  • MIRABAI WINS GOLD 🥇@mirabai_chanu wins 1️⃣st Gold & 3️⃣rd Medal for 🇮🇳 at @birminghamcg22 🤩🤩 & her 3rd consecutive medal at CWG: 2 🥇1 🥈

    The Confident Mira lifted a total of 201 Kg (GR) in the Women's 49kg Finals🏋‍♂️ at #B2022

    Snatch- 88kg (GR)
    Clean & Jerk- 113kg (GR)
    1/1 pic.twitter.com/kI56gxxIqg

    — SAI Media (@Media_SAI) July 30, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मीराबाई गेम्स की सिर्फ दूसरी खिलाड़ी थीं, जिनके नाम के आगे ओलंपिक में लिखा गया था 'डिड नॉट फिनिश'. वे अपने इवेंट को पूरा नहीं कर सकी थीं. इस कारण वे अपने खेल में काफी पीछे हो गई थीं. इसने उनके मनोबल को बुरी तरह तोड़ दिया था. इसके बाद वे डिप्रेशन में चली गईं और उन्हें मनोचिकित्सक की मदद तक लेनी पड़ी. इसके बाद उन्होंने खेल से अलविदा लेने तक मन बना लिया था. लेकिन शायद उनके खेल करियर को दूसरी ओर जाना था.

इसके बाद उन्होंने साल 2017 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर शानदार वापसी की. फिर गोल्ड कोस्ट में साल 2018 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में फिर गोल्ड जीतकर अपना दम दिखाया. वे यहीं नहीं रूकीं, साल 2020 टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर उन्होंने इतिहास रच दिया. इस कारण भारत टोक्यो में शानदार प्रदर्शन करने में कामयाब रहा. अब बर्मिंघम में एक बार फिर इस महिला वेटलिफ्टर ने गोल्ड जीतकर तिरंगा लहराया है.

यह भी पढ़ें: CWG 2022: जय हो...गुरुराज ने वेटलिफ्टिंग में जीता ब्रॉन्ज मेडल, भारत को मिला दूसरा पदक

मणिपुर की मीराबाई चानू को डांस का भी शौक है. उन्होंने एक बार कहा था कि मैं कभी-कभी ट्रेनिंग के बाद कमरा बंद करके डांस करती हूं और मुझे सलमान खान पसंद हैं. उन्हें खेल रत्न अवार्ड और पद्मश्री सम्मान से नवाजा जा चुका है. आने वाले समय में वे देश को इंटरनेशनल लेवल और पहचान दिलाने उतरेंगी. मीराबाई चानू का शुरुआती समय काफी गरीबी में बीता. वह घर के लिए जंगलों में लकड़ियां चुना करती थीं. 12 साल की उम्र से ही चानू वजन उठाती रही हैं और इसी हुनर के कारण वह विश्व स्तर पर देश का परचम लहरा रही है. बर्मिंघम में उनकी इस जीत पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी है.

  • The exceptional @mirabai_chanu makes India proud once again! Every Indian is delighted that she’s won a Gold and set a new Commonwealth record at the Birmingham Games. Her success inspires several Indians, especially budding athletes. pic.twitter.com/e1vtmKnD65

    — Narendra Modi (@narendramodi) July 30, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मीराबाई चानू जब जंगल में लकड़ियां बीनने जाती थीं तो वह अपने भाई बहनों से अधिक वजनी लड़कियां आसानी से उठा लेती थीं. जंगल से यह लकड़ी वह जलावन के लिए इकट्ठा करती थीं. लेकिन बचपन से उनका यह अभ्यास आखिर में उनके काम आया और वह देश की चोटी की वेटलिफ्टर बन गईं.

यह भी पढ़ें: CWG 2022: पान बेचने वाले के बेटे ने भारत को दिलाया पहला मेडल, राष्ट्रपति मुर्मू ने दी बधाई

Last Updated : Jul 30, 2022, 10:58 PM IST
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