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सात्विक और चिराग की स्टार भारतीय बैडमिंटन जोड़ी चाइना मास्टर्स 2023 के फाइनल में हारी - चिराग शेट्टी

China Masters 2023 Final : सत्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी चाइना मास्टर्स 2023 के कांटे के फाइनल मैच में चीन के लियांग वेई केंग और वांग चांग की जोड़ी से हार गई.

Chirag Shetty and Satwiksairaj Rankireddy
चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी
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By PTI

Published : Nov 26, 2023, 10:31 PM IST

शेनझेन : भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी को रविवार को यहां चाइना मास्टर्स सुपर 750 टूर्नामेंट के रोमांचक पुरुष युगल के फाइनल में चुनौती पेश करने के बाद चीन के लियांग वेई केंग और वांग चांग की जोड़ी से हार का सामना करना पड़ा.

सात्विक और चिराग की एशियाई खेलों की चैम्पियन जोड़ी को एक घंटे 11 मिनट तक चले फाइनल में दुनिया की नंबर एक जोड़ी से 19-21 21-18 19-21 से पराजय झेलनी पड़ी. यह इस सत्र में छह फाइनल में उनकी पहली हार थी.

इस भारतीय जोड़ी ने निर्णायक गेम में गजब का जज्बा दिखाते हुए 1-8 से उबरने के बाद 13-20 से 19-20 तक छह चैम्पियनशिप अंक बचाये. लेकिन लियांग और वांग ने समय पर संयम बनाते हुए मेजबान देश के लिये आठ साल में पहला पुरुष युगल चाइना मास्टर्स खिताब जीत लिया. इस जीत से लियांग और वांग ने एशियाड में भारतीय जोड़ी से मिली हार का बदला भी चुकता किया.

भारतीय जोड़ी उतार चढ़ाव भरे फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दिखा सकी और उनका डिफेंस दबाव में कमजोर हो गया, विशेष रूप से सात्विक का. वहीं वांग महत्वपूर्ण मौकों पर मजबूत बने रहे.

यह सेमीफाइनल की तरह स्मैश शॉट वाला मुकाबला नहीं था. इसमें खिलाड़ियों की प्रतिभा दिखायी दी जिसमें दोनों जोड़ियां कोण के अलावा शॉट की गति बदलकर एक दूसरे को पछाड़ रही थीं.

लियांग और वांग का फाइनल से पहले भारतीय जोड़ी के खिलाफ जीत का रिकॉर्ड बराबरी का था जिसमें से सात्विक और चिराग ने ज्यादातर मुकाबले सीधे गेम में जीते हैं.

चिराग ने सर्विस की गलती से शुरूआत की जिससे वे 1-4 से पिछड़ गये. धीमी शुरूआत के बावजूद भारतीय जोड़ी ने 9-9, 15-15 और 19-19 से बराबरी हासिल की. लियांग ने स्मैश शॉट से गेम प्वाइंट हासिल किया और सात्विक के नेट में शॉट मारने से इसे अपने नाम किया.

दूसरे गेम में भारतीय जोड़ी ने शानदार रेलियों का प्रदर्शन किया और इसे 21-18 से जीतकर बराबरी हासिल की. पर सात्विक और चिराग ने निर्णायक गेम में सहज गलतियां कर दीं जिससे चीन की जोड़ी की शुरूआत अच्छी रही और उन्होंने 8-1 से बढ़त बना ली.

इसके बाद वांग और लियांग ने ब्रेक तक 11-6 से बढ़त हासिल कर ली. इसके बाद उन्होंने सात चैम्पियनशिप अंक हासिल किये. सात्विक और चिराग ने भी शानदार जज्बा दिखाते हुए छह अंक बचाकर उम्मीद जगायी. लेकिन चीन की जोड़ी ने एक शानदार रेली में चिराग के नेट में शॉट लगाने से मैच जीत लिया.

सात्विक और चिराग के लिए यह वर्ष शानदार रहा है. उन्होंने इस साल एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप, इंडोनेशिया सुपर 1000, कोरिया सुपर 500, स्विस सुपर 300 और एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता.

बीडब्ल्यूएफ (विश्व बैडमिंटन महासंघ) विश्व टूर को छह वर्गों में विभाजित किया गया है. इनमें विश्व टूर फाइनल्स, चार सुपर 1000, छह सुपर 750, सात सुपर 500 और 11 सुपर 300 टूर्नामेंट शामिल हैं. एक अन्य टूर्नामेंट बीडब्ल्यूएफ सुपर 100 है और इसमें भी रैंकिंग अंक मिलते हैं. इनमें से प्रत्येक टूर्नामेंट में अलग रैंकिंग अंक और पुरस्कार राशि मिलती है. सबसे अधिक रैंकिंग अंक और पुरस्कार राशि सुपर 1000 टूर्नामेंट में मिलती है.

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सात्विक और चिराग की एशियाई खेलों की चैम्पियन जोड़ी को एक घंटे 11 मिनट तक चले फाइनल में दुनिया की नंबर एक जोड़ी से 19-21 21-18 19-21 से पराजय झेलनी पड़ी. यह इस सत्र में छह फाइनल में उनकी पहली हार थी.

इस भारतीय जोड़ी ने निर्णायक गेम में गजब का जज्बा दिखाते हुए 1-8 से उबरने के बाद 13-20 से 19-20 तक छह चैम्पियनशिप अंक बचाये. लेकिन लियांग और वांग ने समय पर संयम बनाते हुए मेजबान देश के लिये आठ साल में पहला पुरुष युगल चाइना मास्टर्स खिताब जीत लिया. इस जीत से लियांग और वांग ने एशियाड में भारतीय जोड़ी से मिली हार का बदला भी चुकता किया.

भारतीय जोड़ी उतार चढ़ाव भरे फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दिखा सकी और उनका डिफेंस दबाव में कमजोर हो गया, विशेष रूप से सात्विक का. वहीं वांग महत्वपूर्ण मौकों पर मजबूत बने रहे.

यह सेमीफाइनल की तरह स्मैश शॉट वाला मुकाबला नहीं था. इसमें खिलाड़ियों की प्रतिभा दिखायी दी जिसमें दोनों जोड़ियां कोण के अलावा शॉट की गति बदलकर एक दूसरे को पछाड़ रही थीं.

लियांग और वांग का फाइनल से पहले भारतीय जोड़ी के खिलाफ जीत का रिकॉर्ड बराबरी का था जिसमें से सात्विक और चिराग ने ज्यादातर मुकाबले सीधे गेम में जीते हैं.

चिराग ने सर्विस की गलती से शुरूआत की जिससे वे 1-4 से पिछड़ गये. धीमी शुरूआत के बावजूद भारतीय जोड़ी ने 9-9, 15-15 और 19-19 से बराबरी हासिल की. लियांग ने स्मैश शॉट से गेम प्वाइंट हासिल किया और सात्विक के नेट में शॉट मारने से इसे अपने नाम किया.

दूसरे गेम में भारतीय जोड़ी ने शानदार रेलियों का प्रदर्शन किया और इसे 21-18 से जीतकर बराबरी हासिल की. पर सात्विक और चिराग ने निर्णायक गेम में सहज गलतियां कर दीं जिससे चीन की जोड़ी की शुरूआत अच्छी रही और उन्होंने 8-1 से बढ़त बना ली.

इसके बाद वांग और लियांग ने ब्रेक तक 11-6 से बढ़त हासिल कर ली. इसके बाद उन्होंने सात चैम्पियनशिप अंक हासिल किये. सात्विक और चिराग ने भी शानदार जज्बा दिखाते हुए छह अंक बचाकर उम्मीद जगायी. लेकिन चीन की जोड़ी ने एक शानदार रेली में चिराग के नेट में शॉट लगाने से मैच जीत लिया.

सात्विक और चिराग के लिए यह वर्ष शानदार रहा है. उन्होंने इस साल एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप, इंडोनेशिया सुपर 1000, कोरिया सुपर 500, स्विस सुपर 300 और एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता.

बीडब्ल्यूएफ (विश्व बैडमिंटन महासंघ) विश्व टूर को छह वर्गों में विभाजित किया गया है. इनमें विश्व टूर फाइनल्स, चार सुपर 1000, छह सुपर 750, सात सुपर 500 और 11 सुपर 300 टूर्नामेंट शामिल हैं. एक अन्य टूर्नामेंट बीडब्ल्यूएफ सुपर 100 है और इसमें भी रैंकिंग अंक मिलते हैं. इनमें से प्रत्येक टूर्नामेंट में अलग रैंकिंग अंक और पुरस्कार राशि मिलती है. सबसे अधिक रैंकिंग अंक और पुरस्कार राशि सुपर 1000 टूर्नामेंट में मिलती है.

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