कोलंबो: राष्ट्रमंडल खेल गांव से लापता हुए श्रीलंकाई दल के तीन सदस्यों के मामले में श्रीलंका की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के महासचिव मैक्सवेल डी सिल्वा ने आईएएनएस को बताया, ब्रिटिश पुलिस ने लापता सदस्यों में से दो का पता लगा लिया था. लेकिन श्रीलंका के अधिकारियों ने उनके विवरण का खुलासा नहीं किया है.
उन्होंने कहा, हमने ब्रिटिश उच्चायोग से संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया. एक पहलवान, एक जूडोको और एक जूडो कोच, जिसमें एथलीट और कोचिंग स्टाफ शामिल थे, लगभग छह महीने का वीजा प्राप्त कर बर्मिंघम पहुंचे थे. तीन सदस्यों के लापता होने के बाद, एनओसी अधिकारियों ने टीम के सभी शेष सदस्यों के लिए वर्तमान में बर्मिंघम खेलों में दस्तावेजों को हटा दिया है. श्रीलंकाई अधिकारियों ने पहले मीडिया को बताया था, बर्मिंघम पुलिस तीनों सदस्यों के लापता होने की जांच कर रही है.
यह मामला तब सामने आया, जब श्रीलंका ने तीन पदक जीते, जिसमें युपुन अबेकून की प्रभावशाली उपलब्धि भी शामिल है, जिसने पुरुषों की 100 मीटर में दक्षिण एशिया में सबसे तेज व्यक्ति के रूप में कांस्य पदक जीता. साल 1948 में आजादी के बाद से खराब आर्थिक संकट का सामना करते हुए, कई श्रीलंकाई कानूनी और अवैध रूप से प्रवास करने का प्रयास कर रहे हैं.
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ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और यहां तक कि फ्रांस जाने वाली बड़ी संख्या में नौकाओं को हाल ही में हिरासत में लिया गया है. जबकि उत्तरी श्रीलंका से बड़ी संख्या में तमिल फाइबर नौकाओं में भारत के रामेश्वरम में उतरे थे.