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नरेंदर बत्रा ने एसएजी पर राष्ट्रीय खेल मुद्दे को सही से नहीं संभालने का लगाया आरोप

गोवा सरकार और भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के बीच राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. आईओए अध्यक्ष नरेंदर बत्रा ने गोवा खेल प्राधिकरण (एसएजी) के कार्यकारी निदेशक वीएम. प्रभुदेसाई को पत्र लिखकर मौजूदा स्थिति पर निराशा जताई है.

Narinder Batra
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Published : Jul 27, 2019, 12:22 PM IST

नई दिल्ली : आईओए अध्यक्ष नरेंदर बत्रा ने अपने पत्र में लिखा है कि अब से एसएजी और आईओए के बीच जितने भी संवाद होने हैं वो आईओए के सचिव राजीव मेहता के साथ होंगे क्योंकि बत्रा 20 अगस्त तक देश से बाहर रहेंगे.

बत्रा हुए निराश



बत्रा ने अपने पत्र में कहा, "मैं आपके संवाद के तरीके से निराश हूं. ये आपकी संपर्क करने में अपरिपक्वता को बताता है क्योकि जब आप लिखते हैं- 'आईओए का कार्य ओलम्पिक के लक्ष्य की सेवा न करना लग रहा है इसलिए खेलों की मेजबानी के अलावा आईओए अपना खजाना भरने पर ध्यान दे रहा है."

बत्रा ने लिखा, "हकीकत यह है कि आप गोवा के अधिकारी ही इस गफलत के जिम्मेदार हैं क्योंकि आप आते हैं और आईओए से तमाम वादे करते हैं और फिर गोवा के मुख्यमंत्री के सामने आप पलट जाते हैं और हर चीज के लिए मना करते हैं."

भारतीय ओलम्पिक संघ
भारतीय ओलम्पिक संघ

राजीव मेहता को भेजा मेल


उन्होंने कहा, "गोवा सरकार के अधिकारियों को झूठ बोलने की आदत है और मेरी आपसे ये गुजारिश है कि आप अपनी तरफ से चीजों को संभालें."

बत्रा ने लिखा, "मैं इस मेल को राजीव मेहता को भी भेज रहा हूं क्योंकि वो आईओए के सचिव हैं और इस मुद्दे से पूरी तरह से वाकिफ हैं. उनके साथ जीटीसीसी के चेयरमैन मुकेश कुमार तथा कोषाध्यक्ष आनंदेश्वर पांडे इस मामले में आपसे संपर्क में रहेंगे. सभी तरह का संवाद राजीव मेहता के साथ होना चाहिए."

जरूरी इंफ्रास्ट्रग्चर नहीं

काफी लंबे समय से लंबित पड़े खेल विवाद का कारण हैं क्योंकि दोनों पक्ष आरोप-प्रत्यारोप का दौर खत्म करने के मूड़ में नहीं लग रहे हैं. गोवा सरकार ने कहा था कि वो इस साल नवंबर में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि उसके पास जरूरी इंफ्रास्ट्रग्चर नहीं है.

लोकसभा चुनावों के कारण हुई देरी

मेहता ने बताया कि गोवा सरकार ने आईओए से खेलों के लिए मई 2020 में नई तारीखों का ऐलान करने को कहा था जिसमें आईओए असमर्थ है क्योंकि 2020 में ओलम्पिक खेल होने हैं. आईओए ने गोवा सरकार पर स्पांसरशिप डील में देरी करने के भी आरोप लगाए हैं. राष्ट्रीय खेल इसी साल मार्च-अप्रैल में होने थे लेकिन लोकसभा चुनावों के चलते इन्हें नवंबर तक के लिए टाल दिया गया था.

नई दिल्ली : आईओए अध्यक्ष नरेंदर बत्रा ने अपने पत्र में लिखा है कि अब से एसएजी और आईओए के बीच जितने भी संवाद होने हैं वो आईओए के सचिव राजीव मेहता के साथ होंगे क्योंकि बत्रा 20 अगस्त तक देश से बाहर रहेंगे.

बत्रा हुए निराश



बत्रा ने अपने पत्र में कहा, "मैं आपके संवाद के तरीके से निराश हूं. ये आपकी संपर्क करने में अपरिपक्वता को बताता है क्योकि जब आप लिखते हैं- 'आईओए का कार्य ओलम्पिक के लक्ष्य की सेवा न करना लग रहा है इसलिए खेलों की मेजबानी के अलावा आईओए अपना खजाना भरने पर ध्यान दे रहा है."

बत्रा ने लिखा, "हकीकत यह है कि आप गोवा के अधिकारी ही इस गफलत के जिम्मेदार हैं क्योंकि आप आते हैं और आईओए से तमाम वादे करते हैं और फिर गोवा के मुख्यमंत्री के सामने आप पलट जाते हैं और हर चीज के लिए मना करते हैं."

भारतीय ओलम्पिक संघ
भारतीय ओलम्पिक संघ

राजीव मेहता को भेजा मेल


उन्होंने कहा, "गोवा सरकार के अधिकारियों को झूठ बोलने की आदत है और मेरी आपसे ये गुजारिश है कि आप अपनी तरफ से चीजों को संभालें."

बत्रा ने लिखा, "मैं इस मेल को राजीव मेहता को भी भेज रहा हूं क्योंकि वो आईओए के सचिव हैं और इस मुद्दे से पूरी तरह से वाकिफ हैं. उनके साथ जीटीसीसी के चेयरमैन मुकेश कुमार तथा कोषाध्यक्ष आनंदेश्वर पांडे इस मामले में आपसे संपर्क में रहेंगे. सभी तरह का संवाद राजीव मेहता के साथ होना चाहिए."

जरूरी इंफ्रास्ट्रग्चर नहीं

काफी लंबे समय से लंबित पड़े खेल विवाद का कारण हैं क्योंकि दोनों पक्ष आरोप-प्रत्यारोप का दौर खत्म करने के मूड़ में नहीं लग रहे हैं. गोवा सरकार ने कहा था कि वो इस साल नवंबर में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि उसके पास जरूरी इंफ्रास्ट्रग्चर नहीं है.

लोकसभा चुनावों के कारण हुई देरी

मेहता ने बताया कि गोवा सरकार ने आईओए से खेलों के लिए मई 2020 में नई तारीखों का ऐलान करने को कहा था जिसमें आईओए असमर्थ है क्योंकि 2020 में ओलम्पिक खेल होने हैं. आईओए ने गोवा सरकार पर स्पांसरशिप डील में देरी करने के भी आरोप लगाए हैं. राष्ट्रीय खेल इसी साल मार्च-अप्रैल में होने थे लेकिन लोकसभा चुनावों के चलते इन्हें नवंबर तक के लिए टाल दिया गया था.

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गोवा सरकार और भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के बीच राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. आईओए अध्यक्ष नरेंदर बत्रा ने गोवा खेल प्राधिकरण (एसएजी) के कार्यकारी निदेशक वीएम. प्रभुदेसाई को पत्र लिखकर मौजूदा स्थिति पर निराशा जताई है.



नई दिल्ली :  आईओए अध्यक्ष नरेंदर बत्रा ने अपने पत्र में लिखा है कि अब से एसएजी और आईओए के बीच जितने भी संवाद होने हैं वो आईओए के सचिव राजीव मेहता के साथ होंगे क्योंकि बत्रा 20 अगस्त तक देश से बाहर रहेंगे.



बत्रा हुए निराश





बत्रा ने अपने पत्र में कहा, "मैं आपके संवाद के तरीके से निराश हूं. ये आपकी संपर्क करने में अपरिपक्वता को बताता है क्योकि जब आप लिखते हैं- 'आईओए का कार्य ओलम्पिक के लक्ष्य की सेवा न करना लग रहा है इसलिए खेलों की मेजबानी के अलावा आईओए अपना खजाना भरने पर ध्यान दे रहा है."



बत्रा ने लिखा, "हकीकत यह है कि आप गोवा के अधिकारी ही इस गफलत के जिम्मेदार हैं क्योंकि आप आते हैं और आईओए से तमाम वादे करते हैं और फिर गोवा के मुख्यमंत्री के सामने आप पलट जाते हैं और हर चीज के लिए मना करते हैं."



राजीव मेहता को भेजा मेल





उन्होंने कहा, "गोवा सरकार के अधिकारियों को झूठ बोलने की आदत है और मेरी आपसे ये गुजारिश है कि आप अपनी तरफ से चीजों को संभालें."



बत्रा ने लिखा, "मैं इस मेल को राजीव मेहता को भी भेज रहा हूं क्योंकि वो आईओए के सचिव हैं और इस मुद्दे से पूरी तरह से वाकिफ हैं. उनके साथ जीटीसीसी के चेयरमैन मुकेश कुमार तथा कोषाध्यक्ष आनंदेश्वर पांडे इस मामले में आपसे संपर्क में रहेंगे. सभी तरह का संवाद राजीव मेहता के साथ होना चाहिए."



जरूरी इंफ्रास्ट्रग्चर नहीं



काफी लंबे समय से लंबित पड़े खेल विवाद का कारण हैं क्योंकि दोनों पक्ष आरोप-प्रत्यारोप का दौर खत्म करने के मूड़ में नहीं लग रहे हैं. गोवा सरकार ने कहा था कि वो इस साल नवंबर में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि उसके पास जरूरी इंफ्रास्ट्रग्चर नहीं है.



लोकसभा चुनावों के कारण हुई देरी



मेहता ने बताया कि गोवा सरकार ने आईओए से खेलों के लिए मई 2020 में नई तारीखों का ऐलान करने को कहा था जिसमें आईओए असमर्थ है क्योंकि 2020 में ओलम्पिक खेल होने हैं. आईओए ने गोवा सरकार पर स्पांसरशिप डील में देरी करने के भी आरोप लगाए हैं.



राष्ट्रीय खेल इसी साल मार्च-अप्रैल में होने थे लेकिन लोकसभा चुनावों के चलते इन्हें नवंबर तक के लिए टाल दिया गया था.


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