नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को गारंटी दी कि शस्त्र (संशोधन) विधेयक 2019 से स्पोर्ट्सपर्सन, विशेष रूप से निशानेबाजों को प्रभावित नहीं करेगा.
स्पोर्ट्सपर्सन इससे प्रभावित नहीं होंगे
उन्होंने स्पष्ट किया कि खिलाड़ियों को दिए जा रहे लाइसेंसों में वृद्धि की गई है, ताकि उन्हें शूटिंग अभ्यास के दौरान किसी समस्या का सामना न करना पड़े. इस विधेयक को 29 नवंबर को पेश किया गया था. इसमें व्यक्तिगत तौर पर प्रयोग होने वाले लाइसेंसधारी हथियारों की संख्या को कम करने और कानून का उल्लंघन करने पर सजा में वृद्धि करने का प्रावधान है.
टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों को लेकर नरेंद्र बत्रा ने की अमित शाह से मुलाकात
शाह ने कहा, "स्पोर्ट्सपर्सन इससे प्रभावित नहीं होंगे. हमने इस बात को ध्यान में रखा है कि किसी भी खिलाड़ी को अपनी शूटिंग के दौरान कोई समस्या नहीं हो."
सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा दी जाएगी
गृहमंत्री ने कहा कि विधेयक में शामिल प्रावधानों के अनुसार जो लोग अवैध हथियार के निर्माण, बिक्री, तस्करी और निर्यात के कामों में शामिल हैं, उन्हें सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा दी जाएगी. विधेयक के बारे में बताते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य कानून व्यवस्था को सही तरीके से बनाए रखना है.
इसके साथ ही प्रतिबंधित हथियार और गोला-बारूद रखने की सजा पांच से 10 साल से बढ़ाकर सात से 14 साल तक कर दी गई है. नक्सल इलाकों में पुलिस से हथियार छीनने या चोरी करने से संबंधित मामलों में आजीवन कारावास का भी प्रावधान है.
NRAI ने छूट देने का अनुरोध किया
इससे पहले, नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने शाह से शस्त्र संशोधन विधेयक, 2019 से शूटरों को छूट देने का अनुरोध किया था. NRAI के सचिव राजीव भाटिया ने एक समाचार एजेंसी को बताया, "हमने पहले ही गृह मंत्री को शस्त्र संशोधन विधेयक के बारे में लिखा है. हमने शूटरों को छूट देने का अनुरोध किया है."