नई दिल्ली : गुवाहाटी के इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में शनिवार से शुरू हो रही पांच दिवसीय 36वीं राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप की पूर्व संध्या पर मेडिकल स्क्रीनिंग के दौरान 91 एथलीटों को ओवरएज पाया गया.
गुवाहाटी से एक सूत्र ने एक एजेंसी को बताया कि प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए अनिवार्य प्रमाण पत्र जारी करने हेतु उम्र की जांच करने वाली मेडिकल पैनल ने 83 संदिग्ध मामले पाए, सात को ओवरएज पाया गया और एक बिना दस्तावेज के आया था.
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जिन 83 एथलीटों को 'संदिग्ध' श्रेणी में श्रेणीबद्ध किया गया था, वो अब एक या दो दिन में प्रयोगशाला परीक्षण से गुजरेंगे. यदि ये अंतत: पुष्टि की जाती है कि वो वास्तव में ओवरएज हैं, तो उन्हें चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी, लेकिन यदि वो साबित करते हैं कि वो अंडरएज हैं तो वो भाग ले सकेंगे.
नाम न छापने की शर्त पर सूत्र ने बताया, एथलीटों को प्रतियोगिता से सीधे हटा नहीं दिया जाएगा क्योंकि उस फैसले को अदालत में चुनौती दी जा सकती है. इसलिए, आवश्यकता पड़ने पर उन्हें निलंबन से पहले एक प्रयोगशाला परीक्षण से गुजारा जाएगा.
एथलीटों की स्क्रीनिंग शनिवार और उसके बाद के दिनों में भी जारी रहेगी क्योंकि प्रतिस्पर्धी अभी भी गुवाहाटी पहुंच रहे हैं. महामारी के कारण सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए प्रतिभागियों को अपने आयु प्रमाणपत्र सत्यापित करवाने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है.
राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में प्रतियोगिता चार आयु वर्ग की श्रेणियों - अंडर -14, अंडर -16, अंडर -18 और अंडर -20 में आयोजित की जाएगी.
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नकली प्रमाण पत्र के साथ चुपके से प्रयास करने वाले ओवरएज एथलीट भारतीय एथलेटिक्स में एक बारहमासी समस्या रही है.
रांची में आयोजित नेशनल जूनियर चैंपियनशिप के 2018 संस्करण में, 70 से अधिक एथलीट संदिग्ध पाए गए थे और उन्होंने अंतिम मेडिकल टेस्ट में हिस्सा नहीं लिया था.