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COVID-19 के कारण राष्ट्रमंडल निशानेबाजी और तीरंदाजी प्रतियोगिता रद - खेल न्यूज

CGF अध्यक्ष लुइस मार्टिन ने कहा, "हम निराश हैं कि 2022 राष्ट्रमंडल तीरंदाजी और निशानेबाजी चैंपियनशिप अब नहीं होगी. मौजूदा परिस्थितियों में हालांकि ये सही निर्णय है."

2022 Commonwealth shooting and archery in India cancelled due to COVID threat
2022 Commonwealth shooting and archery in India cancelled due to COVID threat
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Published : Jul 2, 2021, 5:15 PM IST

नई दिल्ली: बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों (CWG) 2022 से पहले चंडीगढ़ में प्रस्तावित राष्ट्रमंडल तीरंदाजी और निशानेबाजी चैंपियनशिप को कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न 'अनिश्चितता' के कारण रद कर दिया गया है.

राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (CGF) के सहयोग से भारतीय राष्ट्रमंडल खेल (CGI) के कार्यकारी बोर्ड ने ये फैसला लिया.

CGF अध्यक्ष लुइस मार्टिन ने कहा, "हम निराश हैं कि 2022 राष्ट्रमंडल तीरंदाजी और निशानेबाजी चैंपियनशिप अब नहीं होगी. मौजूदा परिस्थितियों में हालांकि ये सही निर्णय है."

उन्होंने कहा, "इस खबर के बावजूद, हमें कई चीजें सीखने को मिली, जिससे हमारे मौजूदा कार्यों को फायदा होगा. चंडीगढ़ 2022 की अवधारणा ने भविष्य की सह-मेजबानी की संभावनाओं को लेकर रोमांचक अवसरों की पहचान की है, जिस पर हमें और काम करना चाहिए."

राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी में भारत का शानदार प्रदर्शन रहा है. जब बर्मिंघम 2022 सीडब्ल्यूजी के कार्यक्रम से निशानेबाजी को बाहर रखा गया था, तो भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए इन खेलों का बहिष्कार करने की धमकी दी थी.

इसके बाद हालांकि सीजीएफ अध्यक्ष मार्टिन और तत्कालीन सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) डेविड ग्रेवमबर्ग की यात्रा के बाद आईओए ने दिसंबर 2019 में वार्षिक आम सभा की बैठक के दौरान अपनी धमकी वापस ले ली थी.

इसके समाधान के तहत अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से छह महीने पहले जनवरी में चंडीगढ़ में इन दोनों खेलों के लिए चैंपियनशिप का आयोजन करना शामिल था। चैंपियनशिप के पदकों को बाद में राष्ट्रमंडल खेलों की पदक तालिका में जोड़ा जाना था.

भारतीय ओलंपिक संघ ने हालाँकि पिछले महीने तक चैंपियनशिप की मेजबानी की पुष्टि नहीं की थी. महामारी के बीच व्यक्तिगत मौजूदगी के साथ बैठक की कमी का हवाला देते हुए आईओए ने यह स्वीकार किया था कि स्वास्थ्य संकट के कारण इन आयोजनों का संचालन करना ‘वास्तव में कठिन’ हो गया है.

निशानेबाजी चैंपियनशिप के खर्च को बड़े पैमाने पर भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) द्वारा वहन किया जाना था जबकि तीरंदाजी आयोजन को पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाना था.

कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का भारत पर काफी प्रभाव पड़ा और इससे मरने वालों का आंकड़ा चार लाख को पार कर गया है. अब भी हर दिन इसके संक्रमण के 40,000 से अधिक मामले आ रहे हैं.

नई दिल्ली: बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों (CWG) 2022 से पहले चंडीगढ़ में प्रस्तावित राष्ट्रमंडल तीरंदाजी और निशानेबाजी चैंपियनशिप को कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न 'अनिश्चितता' के कारण रद कर दिया गया है.

राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (CGF) के सहयोग से भारतीय राष्ट्रमंडल खेल (CGI) के कार्यकारी बोर्ड ने ये फैसला लिया.

CGF अध्यक्ष लुइस मार्टिन ने कहा, "हम निराश हैं कि 2022 राष्ट्रमंडल तीरंदाजी और निशानेबाजी चैंपियनशिप अब नहीं होगी. मौजूदा परिस्थितियों में हालांकि ये सही निर्णय है."

उन्होंने कहा, "इस खबर के बावजूद, हमें कई चीजें सीखने को मिली, जिससे हमारे मौजूदा कार्यों को फायदा होगा. चंडीगढ़ 2022 की अवधारणा ने भविष्य की सह-मेजबानी की संभावनाओं को लेकर रोमांचक अवसरों की पहचान की है, जिस पर हमें और काम करना चाहिए."

राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी में भारत का शानदार प्रदर्शन रहा है. जब बर्मिंघम 2022 सीडब्ल्यूजी के कार्यक्रम से निशानेबाजी को बाहर रखा गया था, तो भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए इन खेलों का बहिष्कार करने की धमकी दी थी.

इसके बाद हालांकि सीजीएफ अध्यक्ष मार्टिन और तत्कालीन सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) डेविड ग्रेवमबर्ग की यात्रा के बाद आईओए ने दिसंबर 2019 में वार्षिक आम सभा की बैठक के दौरान अपनी धमकी वापस ले ली थी.

इसके समाधान के तहत अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से छह महीने पहले जनवरी में चंडीगढ़ में इन दोनों खेलों के लिए चैंपियनशिप का आयोजन करना शामिल था। चैंपियनशिप के पदकों को बाद में राष्ट्रमंडल खेलों की पदक तालिका में जोड़ा जाना था.

भारतीय ओलंपिक संघ ने हालाँकि पिछले महीने तक चैंपियनशिप की मेजबानी की पुष्टि नहीं की थी. महामारी के बीच व्यक्तिगत मौजूदगी के साथ बैठक की कमी का हवाला देते हुए आईओए ने यह स्वीकार किया था कि स्वास्थ्य संकट के कारण इन आयोजनों का संचालन करना ‘वास्तव में कठिन’ हो गया है.

निशानेबाजी चैंपियनशिप के खर्च को बड़े पैमाने पर भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) द्वारा वहन किया जाना था जबकि तीरंदाजी आयोजन को पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाना था.

कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का भारत पर काफी प्रभाव पड़ा और इससे मरने वालों का आंकड़ा चार लाख को पार कर गया है. अब भी हर दिन इसके संक्रमण के 40,000 से अधिक मामले आ रहे हैं.

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