नई दिल्ली: हॉकी इंडिया (एचआई) के कार्यकारी बोर्ड ने शुक्रवार को बैठक रखी और मणिपुर के ज्ञानेंद्र निंगोमबाम को अपना नया अध्यक्ष चुना है. यह तब हुआ जब मुश्ताक अहमद ने सात जुलाई को अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों का हवाला देते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.
बोर्ड की बैठक में मुश्ताक का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया. एचआई के कार्यकारी बोर्ड ने अपने संविधान के नियम कानून को मानते हुए उपाध्यक्ष निंगोमबान को नया अध्यक्ष नियुक्त किया.
-
Hockey India is happy to welcome Mr. Gyanendro Ningombam as the Officiating President of Hockey India. 👏
— Hockey India (@TheHockeyIndia) July 10, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
More: https://t.co/hxT0Y3LnBn#IndiaKaGame @IndiaSports @CMO_Odisha @Media_SAI @sports_odisha
">Hockey India is happy to welcome Mr. Gyanendro Ningombam as the Officiating President of Hockey India. 👏
— Hockey India (@TheHockeyIndia) July 10, 2020
More: https://t.co/hxT0Y3LnBn#IndiaKaGame @IndiaSports @CMO_Odisha @Media_SAI @sports_odishaHockey India is happy to welcome Mr. Gyanendro Ningombam as the Officiating President of Hockey India. 👏
— Hockey India (@TheHockeyIndia) July 10, 2020
More: https://t.co/hxT0Y3LnBn#IndiaKaGame @IndiaSports @CMO_Odisha @Media_SAI @sports_odisha
2018 में अध्यक्ष पद संभालने से पहले मुश्ताक एचआई के महासचिव थे. कार्यकारी बोर्ड ने मुश्ताक को धन्यवाद दिया है.
इससे पहले खेल मंत्रालय ने ही हॉकी इंडिया अध्यक्ष मुश्ताक अहमद को पद से इस्तीफा देने को कहा है. मंत्रालय ने कहा था कि 2018 में उनका चुनाव राष्ट्रीय खेल संहिता के कार्यकाल के दिशा निर्देशों का उल्लंघन है.
हॉकी इंडिया महासचिव राजिंदर सिंह को छह जुलाई को लिखे पत्र में मंत्रालय ने महासंघ से अध्यक्ष पद के चुनाव 30 सितंबर तक नए सिरे से कराने के लिए कहा था.
पत्र में कहा गया, "मामले की जांच की गई है. यह पाया गया कि मुश्ताक अहमद 2010 से 2014 तक हॉकी इंडिया के कोषाध्यक्ष और 2014 से 2018 तक महासचिव थे. अध्यक्ष के तौर पर 2018 से 2022 के बीच उनका हॉकी इंडिया के पदाधिकारी के तौर पर लगातार तीसरा कार्यकाल होगा."
हॉकी इंडिया के नए अध्यक्ष निंगोमबाम कई वर्षो से मणिपुर हॉकी से जुड़े हैं और वहां की प्रतिभा को तराशने में उनकी अहम भूमिका रही है. साथ ही उन्होंने वहां जमीनी स्तर पर खेल को बढ़ावा देने के लिए काफी काम किया है.
वह 2009 से 2014 तक मणिपुर हॉकी के मुख्य कायकारी अधिकारी रहे और 2014 से 2018 तक अध्यक्ष भी रहे.