भुवनेश्वर: भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा, भारत में हॉकी का भविष्य काफी उज्जवल है. भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल के अंतराल के बाद टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को 5-4 से हराकर कांस्य पदक जीता था. भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमें ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के सम्मान समारोह में भाग लेने के लिए यहां आई हुई हैं.
मनप्रीत ने कहा, साल 2008 में हम लोग ओलंपिक के लिए क्वालीफाई भी नहीं कर सके थे, लेकिन हालात कुछ साल में बदल गए और उसका नतीजा दिख रहा है. भारत ने अब विश्व रैंकिंग में अपने स्थान में भी सुधार किया है.
उन्होंने कहा, हां, यह सही है कि हमने यहां पहुंचने में काफी समय लिया. लेकिन अब हमें उस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर और सहायता मिली जो बेस्ट एथलीट्स के लिए जरूरी है. हमारे देश में हॉकी का भविष्य उज्जवल है.
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मनप्रीत ने साथ ही कहा कि टीम का ध्यान अब एशिया खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंटों पर केंद्रित है. हम टोक्यो में किए गए अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करेंगे और जहां भी सुधार की जरूरत होगी, वहां सुधार कर लगातार अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते रहेंगे.
ओडिशा में उनके अनुभव के बारे में पूछे जाने पर मनप्रीत ने कहा, हम लोगों को पिछली बार भुवनेश्वर में विश्व कप के दौरान ओडिशा से काफी प्यार मिला था. इससे हम सभी को काफी बूस्ट मिला. उन्होंने उम्मीद जताई की पटनायक अगले पांच-10 साल तक टीम को स्पॉन्सर करना जारी रखेंगे.
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इस बीच, भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने सुझाव देते हुए कहा, हॉकी सहित सभी खेलों को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए, जिससे भविष्य में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी निकल सकें.
भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने भी कहा कि उनकी टीम अब आने वाले टूर्नामेंटों के लिए तैयारी कर रही है. रानी ने पुरुष और महिला टीमों के लिए हॉकी लीग कराने की सिफारिश भी की, जिससे खिलाड़ियों का प्रदर्शन और बेहतर हो सके.
रानी ने कहा, हमने अपने साइंटिफिक सलाहकार के साथ ओलंपिक से पहले अपनी फिटनेस में सुधारने के लिए काफी मेहनत की थी. टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारतीय महिला हॉकी टीम का पहला पदक हासिल करने का सपना भले ही अधूरा रह गया. लेकिन इन्होंने ओलंपिक खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था.