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कोरोना की वजह से लय में आना मुश्किल होगा: श्रीजेश

श्रीजेश ने कहा, "हम इसलिए तो तैयारी कर रहे हैं, ओलम्पिक के लिए. अब हम जानते हैं कि हम कब किसी टीम के खिलाफ खेलेंगे. ये हमारे लिए बड़ी प्ररेणा है कि हम कोविड-19 से वापसी करें क्योंकि चार महीने हमने नहीं खेला है, लेकिन जब कार्यक्रम आया तो यह हमारे लिए अच्छा था. इससे हमें कुछ काम करने में मदद मिली."

PR Shreejesh
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Published : Jul 31, 2020, 2:09 PM IST

नई दिल्ली: मार्च के पहले सप्ताह में भारतीय हॉकी टीम के 32 खिलाड़ी भारतीय खेल प्राधिकरण के बेंगलुरू स्थित राष्ट्रीय कैम्प में इकट्ठा हुए थे. इस कैम्प का लक्ष्य एफआईएच प्रो लीग में हिस्सा लेने के लिए जर्मनी और इंग्लैंड के लिए जाने वाली टीम का चयन करना था.

लेकिन तीन सप्ताह के भीतर कोविड-19 के कारण स्थिति बिगड़ गई जिसके कारण 25 मार्च को लॉकडाउन लगा और चार सप्ताह का यह कैम्प तीन महीने लंबा हो गया. खिलाड़ियों को जून के मध्य में अखिरकार घर जाने का मौका मिला.

टीम के अनुभवी गोलकीपर पीआर. श्रीजेश ने कहा, "ये हमारे लिए काफी मुश्किल है. हम गतिविधियों, टीम बैठकों और इस तरह की चीजों में व्यस्त थे. जब लॉकडाउन आया हमारी ट्रेनिंग का समय कम हो गया. हमें ट्रेनिंग कार्यक्रम मिला और उसके आधार पर हम छोटे-छोटे समूहों में जाकर ट्रेनिंग करने लगे."

उन्होंने कहा, "इसलिए अगर हम कुछ गतिविधियां नहीं कर रहे होते तो हम बस बैठे रहते थे. मैं जल्दी उठ जाता हूं कि क्योंकि मैं किताब पढ़ता हूं और अपने खाली समय में कुछ रचनात्मक करने की कोशिश करता हूं. सुबह में कुछ योगा करता था और इसके बाद ब्रेकफास्ट कर हम अपना काम करते थे."

हॉकी खिलाड़ियों के लिए एक अच्छी बात ये है कि प्रो लीग का कार्यक्रम बदला गया है और टोक्यो ओलम्पिक भी अगले साल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

श्रीजेश ने कहा, "हम इसलिए तो तैयारी कर रहे हैं, ओलम्पिक के लिए. अब हम जानते हैं कि हम कब किसी टीम के खिलाफ खेलेंगे. ये हमारे लिए बड़ी प्ररेणा है कि हम कोविड-19 से वापसी करें क्योंकि चार महीने हमने नहीं खेला है, लेकिन जब कार्यक्रम आया तो यह हमारे लिए अच्छा था। इससे हमें कुछ काम करने में मदद मिली."

पुरुष टीम का प्रो लीग में अगला मैच अप्रैल-2021 में अर्जेंटीना के खिलाफ होगा. श्रीजेश ने कहा है कि वह इसी साल नवंबर में होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप ट्रॉफी में वापसी की तैयारी कर रहे हैं.

PR Shreejesh
श्रीजेश

श्रीजेश लंबे अरसे बाद वापसी के अनुभव से गुजर चुके हैं. एसीएल चोट न 2017 में श्रीजेश को तकरीबन एक साल के लिए टीम से बाहर रखा था.

उन्होंने कहा, "पहले भी मुझे सामान्य ट्रेनिंग में वापसी करने में छह से सात महीने का समय लगा, लेकिन वो अलग था, तब हमारे पास छोटा लक्ष्य था. हम जानते थे कि हमारा अगला टूर्नामेंट कब है और मैं वापसी के बारे में सोच सकता था."

उन्होंने कहा, "लेकिन इस समय में आप स्वास्थ हो ट्रेनिंग से दूर हो तो, यह जरूरी है कि आप उन सभी मैचों को देखें जो आप पहले खेल चुके हो और अपनी गलती निकालो. आप किसी और से बेहतर अपनी गलती निकाल सकते हो. इसलिए यह हमारे लिए समय है कि हम उन गलतियों को देखें और हमारी बुनियाद को मजबूत करें. एक बार टूर्नामेंट्स शुरू हो जाएंगे तो हम तैयार रहेंगे क्योंकि हम एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी में कोई शीर्ष टीम से नहीं खेलेंगे."

उन्होंने कहा, "हर किसी के लिए अंतरराष्ट्रीय हॉकी में उसी लय में वापसी करना मुश्किल होगा लेकिन मुझे लगता है कि हमारे पास लय हासिल करने का समय है."

श्रीजेश उन चुनौती को भलीभांती जानते हैं जो भारत के बाहर सफर करने को लेकर आएंगी, लेकिन इस समय उनका पूरा ध्यान मैदान पर वापसी करने पर है.

उन्होंने कहा, "पहली चीज हम जिसका इंतजार कर रहे हैं वो है मैदान पर वापसी. हम क्वांरनटीन में जाने, स्टेडियम में रहने और बाकी चीजों को लेकर भी चिंतित नहीं हैं. पहली चीज टूर्नामेंट्स खेलना है, जब आप हॉकी के बारे में सोचते हो तो यह काफी मुश्किल है क्योंकि यह फिजिकल स्पोर्ट है."

नई दिल्ली: मार्च के पहले सप्ताह में भारतीय हॉकी टीम के 32 खिलाड़ी भारतीय खेल प्राधिकरण के बेंगलुरू स्थित राष्ट्रीय कैम्प में इकट्ठा हुए थे. इस कैम्प का लक्ष्य एफआईएच प्रो लीग में हिस्सा लेने के लिए जर्मनी और इंग्लैंड के लिए जाने वाली टीम का चयन करना था.

लेकिन तीन सप्ताह के भीतर कोविड-19 के कारण स्थिति बिगड़ गई जिसके कारण 25 मार्च को लॉकडाउन लगा और चार सप्ताह का यह कैम्प तीन महीने लंबा हो गया. खिलाड़ियों को जून के मध्य में अखिरकार घर जाने का मौका मिला.

टीम के अनुभवी गोलकीपर पीआर. श्रीजेश ने कहा, "ये हमारे लिए काफी मुश्किल है. हम गतिविधियों, टीम बैठकों और इस तरह की चीजों में व्यस्त थे. जब लॉकडाउन आया हमारी ट्रेनिंग का समय कम हो गया. हमें ट्रेनिंग कार्यक्रम मिला और उसके आधार पर हम छोटे-छोटे समूहों में जाकर ट्रेनिंग करने लगे."

उन्होंने कहा, "इसलिए अगर हम कुछ गतिविधियां नहीं कर रहे होते तो हम बस बैठे रहते थे. मैं जल्दी उठ जाता हूं कि क्योंकि मैं किताब पढ़ता हूं और अपने खाली समय में कुछ रचनात्मक करने की कोशिश करता हूं. सुबह में कुछ योगा करता था और इसके बाद ब्रेकफास्ट कर हम अपना काम करते थे."

हॉकी खिलाड़ियों के लिए एक अच्छी बात ये है कि प्रो लीग का कार्यक्रम बदला गया है और टोक्यो ओलम्पिक भी अगले साल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

श्रीजेश ने कहा, "हम इसलिए तो तैयारी कर रहे हैं, ओलम्पिक के लिए. अब हम जानते हैं कि हम कब किसी टीम के खिलाफ खेलेंगे. ये हमारे लिए बड़ी प्ररेणा है कि हम कोविड-19 से वापसी करें क्योंकि चार महीने हमने नहीं खेला है, लेकिन जब कार्यक्रम आया तो यह हमारे लिए अच्छा था। इससे हमें कुछ काम करने में मदद मिली."

पुरुष टीम का प्रो लीग में अगला मैच अप्रैल-2021 में अर्जेंटीना के खिलाफ होगा. श्रीजेश ने कहा है कि वह इसी साल नवंबर में होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप ट्रॉफी में वापसी की तैयारी कर रहे हैं.

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श्रीजेश

श्रीजेश लंबे अरसे बाद वापसी के अनुभव से गुजर चुके हैं. एसीएल चोट न 2017 में श्रीजेश को तकरीबन एक साल के लिए टीम से बाहर रखा था.

उन्होंने कहा, "पहले भी मुझे सामान्य ट्रेनिंग में वापसी करने में छह से सात महीने का समय लगा, लेकिन वो अलग था, तब हमारे पास छोटा लक्ष्य था. हम जानते थे कि हमारा अगला टूर्नामेंट कब है और मैं वापसी के बारे में सोच सकता था."

उन्होंने कहा, "लेकिन इस समय में आप स्वास्थ हो ट्रेनिंग से दूर हो तो, यह जरूरी है कि आप उन सभी मैचों को देखें जो आप पहले खेल चुके हो और अपनी गलती निकालो. आप किसी और से बेहतर अपनी गलती निकाल सकते हो. इसलिए यह हमारे लिए समय है कि हम उन गलतियों को देखें और हमारी बुनियाद को मजबूत करें. एक बार टूर्नामेंट्स शुरू हो जाएंगे तो हम तैयार रहेंगे क्योंकि हम एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी में कोई शीर्ष टीम से नहीं खेलेंगे."

उन्होंने कहा, "हर किसी के लिए अंतरराष्ट्रीय हॉकी में उसी लय में वापसी करना मुश्किल होगा लेकिन मुझे लगता है कि हमारे पास लय हासिल करने का समय है."

श्रीजेश उन चुनौती को भलीभांती जानते हैं जो भारत के बाहर सफर करने को लेकर आएंगी, लेकिन इस समय उनका पूरा ध्यान मैदान पर वापसी करने पर है.

उन्होंने कहा, "पहली चीज हम जिसका इंतजार कर रहे हैं वो है मैदान पर वापसी. हम क्वांरनटीन में जाने, स्टेडियम में रहने और बाकी चीजों को लेकर भी चिंतित नहीं हैं. पहली चीज टूर्नामेंट्स खेलना है, जब आप हॉकी के बारे में सोचते हो तो यह काफी मुश्किल है क्योंकि यह फिजिकल स्पोर्ट है."

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