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ओलंपिक में गोल्ड मेडल नहीं जीतने का मलाल हमेशा रहेगा: सरदार सिंह - सरदार सिंह

भारतीय पुरुष हॉकी टीम के पूर्व कप्तान सरदार सिंह ने कहा, "314 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के बाद मुझे हमेशा खेद रहेगा कि मेरे घर में ओलंपिक पदक नहीं है."

Sardar Singh
Sardar Singh
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Published : Jul 20, 2020, 2:09 PM IST

नई दिल्ली: पूर्व कप्तान सरदार सिंह को गर्व है कि वह उस पीढ़ी का हिस्सा रहे जिसने भारतीय हॉकी में नई जान आते हुए देखी और उन्हें अपने शानदार करियर में एकमात्र मलाल यह है कि वह देश के लिए ओलंपिक पदक नहीं जीत पाए.

सरदार का हालांकि मानना है कि मनप्रीत सिंह की अगुआई वाली मौजूदा टीम के पास अगले साल टोक्यो में चार दशक के इंतजार को खत्म करने का अच्छा मौका है.

सरदार ने कहा, "हॉकी में मेरा सफर संतोषजनक रहा क्योंकि मैं ऐसे युग का हिस्सा था जिसमें खेल में नई जान आई. 2012 में लंदन ओलंपिक में अंतिम स्थान पर रहने के बाद 2018 में जब मैंने संन्यास लिया तो दुनिया की छठे नंबर की टीम तक का हमने लंबा सफर तय किया."

Sardar Singh, Indian Hockey Team
टीम के साथ सरदार सिंह

उन्होंने कहा, "अब मौजूदा टीम की रैंकिंग चौथी है जिससे निश्चित तौर पर टोक्यो ओलंपिक अभियान से पहले इस टीम का मनोबल काफी बढ़ेगा."

ओलंपिक में भारतीय टीम का इतिहास शानदार रहा है और उसने आठ स्वर्ण पदक के अलावा एक रजत और दो कांस्य पदक जीते हैं. भारत ने हालांकि खेलों के महाकुंभ में पिछली सफलता 40 साल पहले 1980 में मास्को ओलंपिक में हासिल की थी जब उसने अपना आठवां और अंतिम स्वर्ण पदक जीता था.

सरदार ने हॉकी इंडिया की विज्ञप्ति में कहा, "314 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के बाद मुझे हमेशा खेद रहेगा कि मेरे घर में ओलंपिक पदक नहीं है."

Sardar Singh, Indian Hockey Team
टोक्यो ओलंपिक

उन्होंने कहा, "लेकिन पिछले साल इस टीम को लगातार मजबूत होते हुए देखना और इस साल एफआईएच हॉकी प्रो लीग में वे जिस तरह खेले, मुझे उम्मीद है कि वे ओलंपिक पदक जीत सकते हैं. टोक्यो में निश्चित तौर पर उनके पास वास्तविक मौका है."

टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों के कोरोना वायरस महामारी के कारण एक साल के लिए स्थगित होने के बाद सरदार का मानना है कि इससे भारतीय टीम को अपने कमजोर पक्षों पर काम करने और नई प्रतिभा को खोजने का मौका मिलेगा.

सरदार ने कहा, "उनके पास उपलब्ध नई प्रतिभा को निखारने का समय है. राजकुमार, दिलप्रीत, विवेक सागर, गुरसाहिब जैसे युवा खिलाड़ियों ने प्रतिभा दिखाई है और मुख्य कोच ग्राहम रीड को प्रो लीग जैसे बड़े मैचों में उन्हें आजमाने का प्रयास करना अच्छा फैसला था."

Sardar Singh, Indian Hockey Team
सरदार सिंह

उन्होंने कहा, "ओलंपिक के स्थगित होने के बाद हमारे पास कमजोर पक्षों पर काम करने का समय है. मौकों को भुनाना एक कमजोर पक्ष बना हुआ है लेकिन मुझे लगता है कि हम दो या तीन साल पहले की तुलना में बेहतर फिनिशिंग कर रहे हैं."

सरदार ने भारतीय खिलाड़ियों को सलाह दी कि मौजूदा वैश्विक स्वास्थ्य संकट को देखे हुए भारतीय टीम को अपना ध्यान नहीं भटकाना चाहिए.

हरियाणा के सिरसा के इस 34 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, "मैं समझ सकता हूं कि भारत में सभी खिलाड़ियों के लिए यह मुश्किल समय है क्योंकि कोरोना वायरस महामारी ने ओलंपिक तैयारी के लिए कई चुनौतियां पेश की है लेकिन भारतीय हॉकी के कोर संभावित पुरुष और महिला खिलाड़ियों को मेरी सलाह है कि वे अपने लक्ष्य को लेकर एकाग्र रहें."

Sardar Singh, Indian Hockey Team
भारतीय हॉकी टीम

सरदार ने अपने 12 साल के करियर में सबसे यादगार लम्हा 2014 एशियाई खेलों में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर स्वर्ण पदक जीतकर रियो ओलंपिक 2016 के लिए क्वालीफाई करने को बताया.

उन्होंने कहा, "एक दशक से अधिक के मेरे करियर में कुछ यादगार मैच रहे. 2014 एशियाई खेलों में टीम की अगुआई करते हुए 16 साल में पहला स्वर्ण पदक जीतना हमेशा इस सूची में शीर्ष पर रहेगा क्योंकि यह ऐतिहासिक था और पाकिस्तान को फाइनल में हराना हमेशा सोने पर सुहागा होता है."

नई दिल्ली: पूर्व कप्तान सरदार सिंह को गर्व है कि वह उस पीढ़ी का हिस्सा रहे जिसने भारतीय हॉकी में नई जान आते हुए देखी और उन्हें अपने शानदार करियर में एकमात्र मलाल यह है कि वह देश के लिए ओलंपिक पदक नहीं जीत पाए.

सरदार का हालांकि मानना है कि मनप्रीत सिंह की अगुआई वाली मौजूदा टीम के पास अगले साल टोक्यो में चार दशक के इंतजार को खत्म करने का अच्छा मौका है.

सरदार ने कहा, "हॉकी में मेरा सफर संतोषजनक रहा क्योंकि मैं ऐसे युग का हिस्सा था जिसमें खेल में नई जान आई. 2012 में लंदन ओलंपिक में अंतिम स्थान पर रहने के बाद 2018 में जब मैंने संन्यास लिया तो दुनिया की छठे नंबर की टीम तक का हमने लंबा सफर तय किया."

Sardar Singh, Indian Hockey Team
टीम के साथ सरदार सिंह

उन्होंने कहा, "अब मौजूदा टीम की रैंकिंग चौथी है जिससे निश्चित तौर पर टोक्यो ओलंपिक अभियान से पहले इस टीम का मनोबल काफी बढ़ेगा."

ओलंपिक में भारतीय टीम का इतिहास शानदार रहा है और उसने आठ स्वर्ण पदक के अलावा एक रजत और दो कांस्य पदक जीते हैं. भारत ने हालांकि खेलों के महाकुंभ में पिछली सफलता 40 साल पहले 1980 में मास्को ओलंपिक में हासिल की थी जब उसने अपना आठवां और अंतिम स्वर्ण पदक जीता था.

सरदार ने हॉकी इंडिया की विज्ञप्ति में कहा, "314 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के बाद मुझे हमेशा खेद रहेगा कि मेरे घर में ओलंपिक पदक नहीं है."

Sardar Singh, Indian Hockey Team
टोक्यो ओलंपिक

उन्होंने कहा, "लेकिन पिछले साल इस टीम को लगातार मजबूत होते हुए देखना और इस साल एफआईएच हॉकी प्रो लीग में वे जिस तरह खेले, मुझे उम्मीद है कि वे ओलंपिक पदक जीत सकते हैं. टोक्यो में निश्चित तौर पर उनके पास वास्तविक मौका है."

टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों के कोरोना वायरस महामारी के कारण एक साल के लिए स्थगित होने के बाद सरदार का मानना है कि इससे भारतीय टीम को अपने कमजोर पक्षों पर काम करने और नई प्रतिभा को खोजने का मौका मिलेगा.

सरदार ने कहा, "उनके पास उपलब्ध नई प्रतिभा को निखारने का समय है. राजकुमार, दिलप्रीत, विवेक सागर, गुरसाहिब जैसे युवा खिलाड़ियों ने प्रतिभा दिखाई है और मुख्य कोच ग्राहम रीड को प्रो लीग जैसे बड़े मैचों में उन्हें आजमाने का प्रयास करना अच्छा फैसला था."

Sardar Singh, Indian Hockey Team
सरदार सिंह

उन्होंने कहा, "ओलंपिक के स्थगित होने के बाद हमारे पास कमजोर पक्षों पर काम करने का समय है. मौकों को भुनाना एक कमजोर पक्ष बना हुआ है लेकिन मुझे लगता है कि हम दो या तीन साल पहले की तुलना में बेहतर फिनिशिंग कर रहे हैं."

सरदार ने भारतीय खिलाड़ियों को सलाह दी कि मौजूदा वैश्विक स्वास्थ्य संकट को देखे हुए भारतीय टीम को अपना ध्यान नहीं भटकाना चाहिए.

हरियाणा के सिरसा के इस 34 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, "मैं समझ सकता हूं कि भारत में सभी खिलाड़ियों के लिए यह मुश्किल समय है क्योंकि कोरोना वायरस महामारी ने ओलंपिक तैयारी के लिए कई चुनौतियां पेश की है लेकिन भारतीय हॉकी के कोर संभावित पुरुष और महिला खिलाड़ियों को मेरी सलाह है कि वे अपने लक्ष्य को लेकर एकाग्र रहें."

Sardar Singh, Indian Hockey Team
भारतीय हॉकी टीम

सरदार ने अपने 12 साल के करियर में सबसे यादगार लम्हा 2014 एशियाई खेलों में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर स्वर्ण पदक जीतकर रियो ओलंपिक 2016 के लिए क्वालीफाई करने को बताया.

उन्होंने कहा, "एक दशक से अधिक के मेरे करियर में कुछ यादगार मैच रहे. 2014 एशियाई खेलों में टीम की अगुआई करते हुए 16 साल में पहला स्वर्ण पदक जीतना हमेशा इस सूची में शीर्ष पर रहेगा क्योंकि यह ऐतिहासिक था और पाकिस्तान को फाइनल में हराना हमेशा सोने पर सुहागा होता है."

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