नई दिल्ली : 20 साल के विवेक ने पिछले साल एफआईएच सीरीज फाइनल्स और एफआईएच ओलंपिक क्वालीफायर्स में भारत की जीत में अहम योदगान दिया था. वो तीसरे यूथ ओलंपिक खेलों में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रह चुके हैं. उनका मानना है कि यह पल हमेशा उनके करियर का सबसे खास पाल रहेगा.
मिडफील्डर ने कहा कि उन्होंने उस प्रतियोगिता में कम दूरी के पास के महत्व को समझा.
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उन्होंने कहा, "तीसरे युवा ओलंपिक खेलों में हमने तय किया कि हमें पिच पर कम दूरी के पास से आगे बढ़ना चाहिए. हमें लगा कि कम दूरी के पास से गुजरना हमेशा बेहतर होता है और हम टूर्नामेंट में इस रणनीति के साथ सफल रहे. यहां तक कि सीनियर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में, मैंने कम दूरी के पास की रणनीति लागू की और इससे मुझे मदद मिली. तीसरे युवा ओलंपिक खेलों से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला."
अपने करियर के शुरूआती मैचों के दौरान भारी संख्या में दर्शकों के सामने खेलने के लिए विवेक को जिन चीजों को ध्यान में रखने की जरूरत होती है, उनके बारे में उन्होंने अपने सीनियर्स से बात की.
20 वर्षीय ने विवेक ने कहा, " खचाखच भरे दर्शकों सामने खेलने के दौरान उत्साह और घबराहट की भावना होती है, विशेष रूप से जब हमारे घरेलू दर्शक हो. जब मैं शुरूआत में भारतीय टीम में शामिल हुआ, तो मैंने अपने सीनियर्स से दर्शकों के सामने खेलने के तरीके के बारे में बात की और उन्होंने मुझसे कहा कि अगर मैं केवल अपने खेल पर ध्यान दूंगा तो मैं किसी और चीज से विचलित नहीं होऊंगा. अब, मैं दर्शकों के सामने खेलते हुए सहज हूं."