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गुरजंत को ओलंपिक से पहले खुद को साबित करने की उम्मीद - FIH

भारतीय फॉरवर्ड गुरजंत सिंह ने कहा है कि रुटीन सेट करना और बायो बबल में रहना आसान नहीं है, ये किसी भी खिलाड़ी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है.

भारतीय फॉरवर्ड गुरजंत सिंह
भारतीय फॉरवर्ड गुरजंत सिंह
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Published : Nov 11, 2020, 6:33 PM IST

बेंगलुरु: इस साल की शुरुआत में एफआईएच हॉकी प्रो लीग में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का हिस्सा रहे फॉरवर्ड गुरजंत सिंह का मानना है कि उनके खेल में थोड़ी और सटीकता से उन्हें भारतीय टीम में नियमित रूप से अपनी जगह बनाने में मदद मिल सकती है.

गुरजंत ने कहा, "बेल्जियम और नीदरलैंड्स जैसी शीर्ष टीमों के खिलाफ खेलना मेरे लिए अच्छा था. मुझे लगता है कि अपनी भूमिका को बेहतर बनाने और इसे क्रियान्वित करने के लिए मैं और अधिक कर सकता हूं. ये अगले कुछ महीने मेरे लिए महत्वपूर्ण होंगे और मुझे उम्मीद है कि ओलंपिक से पहले मैं खुद को साबित कर सकता हूं."

गुरजंत सिंह
गुरजंत सिंह

छह सप्ताह के ब्रेक के बाद भारतीय टीम अगस्त की शुरुआत से ही बेंगलुरु के साई सेंटर में बायो बबल में रह रही है. गुरजंत का मानना है कि टीम साथियों के साथ रहने से ये आसान हो गया है.

2016 में एफआईएच जूनियर पुरुष विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रहे फॉरवर्ड ने कहा, "रुटीन सेट करना और बायो बबल में रहना आसान नहीं है. नियम काफी कठिन है और ये किसी भी खिलाड़ी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है."

भारतीय फॉरवर्ड गुरजंत सिंह
भारतीय फॉरवर्ड गुरजंत सिंह

उन्होंने कहा, "हम इसे बिना टीम-बॉन्डिंग के साझा नहीं कर सकते थे और जो सहयोग हमें कोचिंग स्टाफ से मिला है, जो पिछले नौ महीनों से खुद कैंपस से बाहर नहीं आया है. वे घर से बाहर हमारे परिवार की तरह हो गए हैं."

बेंगलुरु: इस साल की शुरुआत में एफआईएच हॉकी प्रो लीग में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का हिस्सा रहे फॉरवर्ड गुरजंत सिंह का मानना है कि उनके खेल में थोड़ी और सटीकता से उन्हें भारतीय टीम में नियमित रूप से अपनी जगह बनाने में मदद मिल सकती है.

गुरजंत ने कहा, "बेल्जियम और नीदरलैंड्स जैसी शीर्ष टीमों के खिलाफ खेलना मेरे लिए अच्छा था. मुझे लगता है कि अपनी भूमिका को बेहतर बनाने और इसे क्रियान्वित करने के लिए मैं और अधिक कर सकता हूं. ये अगले कुछ महीने मेरे लिए महत्वपूर्ण होंगे और मुझे उम्मीद है कि ओलंपिक से पहले मैं खुद को साबित कर सकता हूं."

गुरजंत सिंह
गुरजंत सिंह

छह सप्ताह के ब्रेक के बाद भारतीय टीम अगस्त की शुरुआत से ही बेंगलुरु के साई सेंटर में बायो बबल में रह रही है. गुरजंत का मानना है कि टीम साथियों के साथ रहने से ये आसान हो गया है.

2016 में एफआईएच जूनियर पुरुष विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रहे फॉरवर्ड ने कहा, "रुटीन सेट करना और बायो बबल में रहना आसान नहीं है. नियम काफी कठिन है और ये किसी भी खिलाड़ी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है."

भारतीय फॉरवर्ड गुरजंत सिंह
भारतीय फॉरवर्ड गुरजंत सिंह

उन्होंने कहा, "हम इसे बिना टीम-बॉन्डिंग के साझा नहीं कर सकते थे और जो सहयोग हमें कोचिंग स्टाफ से मिला है, जो पिछले नौ महीनों से खुद कैंपस से बाहर नहीं आया है. वे घर से बाहर हमारे परिवार की तरह हो गए हैं."

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