ज्यूरिख: अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) ने अपने व भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा का बचाव किया है और कहा है कि वह बत्रा के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करेगा. बत्रा और आईओए के उपाध्यक्ष सुधांशु मित्तल के बीच इस समय विवाद गहराया हुआ है.
मित्तल ने कहा था कि दिसंबर-2017 में हुए आईओए के अध्यक्ष पद के चुनावों में नियमों का उल्लंघन कर बत्रा को चुना गया था. उन्होंने साथ ही कहा था कि बत्रा आईओए अध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ ( FIH) के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थे.
![FIH](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7593038_fih.jpg)
एफआईएच की इंटीग्रिटी यूनिट के चेयरमैन वाएने स्नेल ने एक बयान में कहा, "एफआईएच के नियमों का पालन करते हुए, उस शिकायत को एफआईएच की स्वतंत्र इंटीग्रिटी यूनिट के पास भेजा गया था जिसने यह फैसला लिया है कि वह एफआईएच अध्यक्ष बत्रा के खिलाफ इस मामले में किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करेगी क्योंकि इस मामले में दम नहीं है."
उन्होंने कहा, "एफआईएच के नियमों के मुताबिक नवंबर-2016 में बत्रा को एफआईएच अध्यक्ष चुने जाने के बाद उन्हें हॉकी इंडिया से अपने संबंध बदलने की जरूरत नहीं थी. उन्होंने इसलिए किसी भी तरह से नियमों का उल्लंघन नहीं किया है."
![सुधांशु मित्तल](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7593038_sudhanshu.jpg)
आठ जून को मित्तल ने एफआईएच की अनुशासन समिति को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने बत्रा के एफआईएच अध्यक्ष होने की अहर्ता पर सवाल उठाया था. मित्तल ने अपनी शिकायत में एफआईएच के अनुच्छेद 7.2 का उल्लेख किया था जिसके मुताबिक, एफआईएच के चुने हुए अध्यक्ष को 30 दिन के अंदर राष्ट्रीय और महाद्वीपीय हॉकी संस्था में मिले पद को त्यागना पड़ता है.