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राष्ट्रीय खेल दिवस: मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस के मौके पर, जानिए कुछ दिलचस्प बातें - National Sports Day News

29 अगस्त को मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस के मौके पर पूरे देश में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाएगा.

major dhyan chand
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Published : Aug 28, 2019, 3:35 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 2:56 PM IST

हैदराबाद: 'हॉकी के जादूगर' कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का 114वां जन्मदिवस 29 अगस्त को मनाया जाएगा. इस दिग्गज खिलाड़ी के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए हर साल उनके जन्मदिन पर भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है. उनके जन्मदिवस के मौके पर उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें जानते हैं.

भारतीय दिग्गज हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद में एक राजपूत परिवार में हुआ था. ध्यानचंद खेल के इतिहास में सबसे महान हॉकी खिलाड़ियों में से एक थे.राष्ट्रपति इस दिन राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार जैसे अवॉर्ड प्रदान करते हैं.

मेजर ध्यानचंद
मेजर ध्यानचंद

16 साल की उम्र में फौज में हुए भर्ती

16 साल की उमर में मेजर ध्यानचंद ब्रिटिश भारतीय सेना में शामिल हुए. मेजर ध्यानचंद को अं भारतीय सेना टीम के लिए चुना गया जो न्यूजीलैंड दौरे के लिए थी. टीम ने इस दौरे पर शानदार प्रदर्शन करते हुए 18 मैच जीते, 2 ड्रा रहे और केवल एक मैच में हार का सामना करना पड़ा.

देखिए वीडियो

भारत लौटकर मेजर ध्यानचांद को 1927 में लांस नायक के रूप में प्रमोट किया गया था. आखिर में मेजर ध्यानचंद 1956 में मेजर के पोस्ट से रिटायर हुए ध्यानचंद 1922 से 1956 तक सेना से जुड़े रहे.

ऐसा रहा करियर

मेजर ध्यानचंद को 1928 के समर ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था. भारत ने इस ओलंपिक में हॉकी का स्वर्ण पदक जीता और ध्यानचंद ने फाइनल मैच में दो गोल किए. उन्होंने 1936 के समर ओलंपिक फाइनल में भी भारतीय हॉकी टीम का नेतृत्व किया, लेकिन उन्हें 1936 के ओलंपिक में भाग लेने के लिए उनकी रेजिमेंट ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था, हालांकि बाद में उन्होंने मंजूरी दे दी.

मेजर ध्यानचंद
मेजर ध्यानचंद

तीन ओलंपिक खेलों में भारत को दिलाए गोल्ड

ध्यानचंद ने तीन ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया तथा तीनों बार देश को स्वर्ण पदक दिलाया. भारत ने 1932 में 37 मैच में 338 गोल किए, जिसमें 133 गोल ध्यानचंद ने किए थे. दूसरे विश्व युद्ध से पहले ध्यानचंद ने 1928 (एम्सटर्डम), 1932 (लॉस एंजिल्स) और 1936 (बर्लिन) में लगातार तीन ओलिंपिक में भारत को हॉकी में गोल्ड मेडल दिलाए.

हैदराबाद: 'हॉकी के जादूगर' कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का 114वां जन्मदिवस 29 अगस्त को मनाया जाएगा. इस दिग्गज खिलाड़ी के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए हर साल उनके जन्मदिन पर भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है. उनके जन्मदिवस के मौके पर उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें जानते हैं.

भारतीय दिग्गज हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद में एक राजपूत परिवार में हुआ था. ध्यानचंद खेल के इतिहास में सबसे महान हॉकी खिलाड़ियों में से एक थे.राष्ट्रपति इस दिन राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार जैसे अवॉर्ड प्रदान करते हैं.

मेजर ध्यानचंद
मेजर ध्यानचंद

16 साल की उम्र में फौज में हुए भर्ती

16 साल की उमर में मेजर ध्यानचंद ब्रिटिश भारतीय सेना में शामिल हुए. मेजर ध्यानचंद को अं भारतीय सेना टीम के लिए चुना गया जो न्यूजीलैंड दौरे के लिए थी. टीम ने इस दौरे पर शानदार प्रदर्शन करते हुए 18 मैच जीते, 2 ड्रा रहे और केवल एक मैच में हार का सामना करना पड़ा.

देखिए वीडियो

भारत लौटकर मेजर ध्यानचांद को 1927 में लांस नायक के रूप में प्रमोट किया गया था. आखिर में मेजर ध्यानचंद 1956 में मेजर के पोस्ट से रिटायर हुए ध्यानचंद 1922 से 1956 तक सेना से जुड़े रहे.

ऐसा रहा करियर

मेजर ध्यानचंद को 1928 के समर ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था. भारत ने इस ओलंपिक में हॉकी का स्वर्ण पदक जीता और ध्यानचंद ने फाइनल मैच में दो गोल किए. उन्होंने 1936 के समर ओलंपिक फाइनल में भी भारतीय हॉकी टीम का नेतृत्व किया, लेकिन उन्हें 1936 के ओलंपिक में भाग लेने के लिए उनकी रेजिमेंट ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था, हालांकि बाद में उन्होंने मंजूरी दे दी.

मेजर ध्यानचंद
मेजर ध्यानचंद

तीन ओलंपिक खेलों में भारत को दिलाए गोल्ड

ध्यानचंद ने तीन ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया तथा तीनों बार देश को स्वर्ण पदक दिलाया. भारत ने 1932 में 37 मैच में 338 गोल किए, जिसमें 133 गोल ध्यानचंद ने किए थे. दूसरे विश्व युद्ध से पहले ध्यानचंद ने 1928 (एम्सटर्डम), 1932 (लॉस एंजिल्स) और 1936 (बर्लिन) में लगातार तीन ओलिंपिक में भारत को हॉकी में गोल्ड मेडल दिलाए.

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हैदराबाद: 'हॉकी के जादूगर' कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का 114वां जन्मदिवस 29 अगस्त को मनाया जाएगा. इस दिग्गज खिलाड़ी के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए हर साल उनके जन्मदिन पर भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है. उनके जन्मदिवस के मौके पर उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें जानते हैं.



भारतीय दिग्गज हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद  में एक राजपूत परिवार में हुआ था. ध्यानचंद खेल के इतिहास में सबसे महान हॉकी खिलाड़ियों में से एक थे.राष्ट्रपति इस दिन राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार जैसे अवॉर्ड प्रदान करते हैं.



16 साल की उम्र में फौज में हुए भर्ती



16 साल की उमर में मेजर ध्यानचंद ब्रिटिश भारतीय सेना में शामिल हुए. मेजर ध्यानचंद को अं भारतीय सेना टीम के लिए चुना गया जो न्यूजीलैंड दौरे के लिए थी. टीम ने इस दौरे पर शानदार प्रदर्शन करते हुए 18 मैच जीते, 2 ड्रा रहे और केवल एक मैच में हार का सामना करना पड़ा.



भारत लौटकर मेजर ध्यानचांद को 1927 में लांस नायक के रूप में प्रमोट किया गया था. आखिर में मेजर ध्यानचंद 1956 में मेजर के पोस्ट से रिटायर हुए ध्यानचंद 1922 से 1956 तक सेना से जुड़े रहे.



ऐसा रहा करियर



मेजर ध्यानचंद को 1928 के समर ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था. भारत ने इस ओलंपिक में हॉकी का स्वर्ण पदक जीता और ध्यानचंद ने फाइनल मैच में दो गोल किए. उन्होंने 1936 के समर ओलंपिक फाइनल में भी भारतीय हॉकी टीम का नेतृत्व किया, लेकिन उन्हें 1936 के ओलंपिक में भाग लेने के लिए उनकी रेजिमेंट ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था, हालांकि बाद में उन्होंने मंजूरी दे दी.



तीन ओलंपिक खेलों में भारत को दिलाए गोल्ड



ध्यानचंद ने तीन ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया तथा तीनों बार देश को स्वर्ण पदक दिलाया.  भारत ने 1932 में 37 मैच में 338 गोल किए, जिसमें 133 गोल ध्यानचंद ने किए थे. दूसरे विश्व युद्ध से पहले ध्यानचंद ने 1928 (एम्सटर्डम), 1932 (लॉस एंजिल्स) और 1936 (बर्लिन) में लगातार तीन ओलिंपिक में भारत को हॉकी में गोल्ड मेडल दिलाए.


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Last Updated : Sep 28, 2019, 2:56 PM IST
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