नई दिल्ली: किडनी की समस्या से जूझ रहे भारत के जूनियर फुटबॉल खिलाड़ी मणिपुर के रहने वाले रामानंद निंगथाउजम की मदद के लिए खेल मंत्रालय ने मदद का हाथ बढ़ा उन्हें पांच लाख रुपये की मदद देने का फैसला किया है. रिक्शा चालक का ये बेटा कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुका है और इस समय मणिपुर के एक अस्पताल में है. किडनी के अलावा वो आंखों की परेशानी से भी जूझ रहे हैं. उनका परिवार इलाज कराने में असमर्थ है और इसी को देखते हुए खेल मंत्री किरण रिजिजू ने मदद के हाथ आगे बढ़ाए हैं.
खेल मंत्री ने पंडित दिनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय वेलफेयर फंड में से उनकी मदद करने का फैसला किया है. ये फंड खिलाड़ियों के लिए ही बनाया गया है.
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Sanctioned Rs 5 lakhs for the ailing Indian junior footballer Ramananda Ningthoujam who is presently at Hospital suffering from blurred vision, along with kidney problem. Will try to help more if necessary. I pray for the speedy recovery of the young player. pic.twitter.com/VuO0mjqM5X
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— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) September 9, 2020
खेल मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, ''उसकी गंभीर मेडिकल और परिवार की वित्तीय परिस्थितियों को देखते हुए खेल मंत्री किरेन रिजीजू ने इस एथलीट को खिलाड़ियों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कल्याण कोष के अंतर्गत पांच लाख रुपए की अनुग्रह राशि की वित्तीय सहायता को मंजूरी दी."
मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी बयान में रिजिजू ने कहा, "सरकार के लिए अपने खिलाड़ियों की खुशहाली प्राथमिकता है. रामानंद ने कई मौकों पर भारत का प्रतिनिधत्व किया है और भारतीय खेल में अपना योगदान दिया है. मैदान के बाहर और अंदर दोनों जगह सर्वश्रेष्ठ सुविधा देना इसलिए जरूरी है, क्योंकि खिलाड़ी न सिर्फ इस राष्ट्र की संपत्ति हैं, बल्कि वो राष्ट्र के आइकन भी हैं."
रामानंदा 2017 में गुवाहाटी में अंडर-17 एशियाई चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इससे पहले अनुभवी खेल कमेंटेटर नोवी कपाडिया को भी इसी कोष से वित्तीय सहायता मुहैया कराई गई थी.
रामानंद अपने परिवार में सबसे बड़ा बेटा है और उसने 2017 में गुवाहाटी में हुई अंडर-17 एशियाई फुटबॉल चैंपियनशिप, कल्याणी में अंडर-12/ अंडर-13 नेशनल सब -जूनियर चैंपियनशिप (2013) और अंडर-15 नेशनल चैंपियनशिप दिल्ली (2015) में हिस्सा लिया था.