हैदराबाद: 25 अगस्त रात 8 बजे बर्सिलोना में अचानक सन्नाटा छा गया क्योंकि अब जो परदे के पीछे था वो सबके सामने आ गया था. मेसी ने अपने बचपन के क्लब बार्सिलोना को छोड़ने का फैसला किया और ब्यूरोफैक्स (स्पेन में इस्तेमाल होने वाली फैक्स सर्विस) के जरिए क्लब को जानकारी दी कि वो अब क्लब से अपने सारे संबंध खत्म करना चाहते हैं.
बार्सिलोना की सड़कों से लेकर ला मासिया की दीवारों तक इस टूटते रिश्ते के निशान देखे जा सकते हैं लेकिन कैंम नोउ ने जो राज दबा रखे थे अब उनके सामने आने की बारी आ गई थी.
मेसी के क्लब को छोड़ने के फैसले के बाद बार्सिलोना में हड़कंप मच गया और उन्होंने फुटबॉल के लीजेंड मेसी को रोकने के लिए विफल होते प्रयासों के बाद एक क्लॉस के झांसे में मेसी को फंसा दिया.
मेसी का फैक्स भेजकर क्लब छोड़ने का फैसला एक सोची समझी चाल थी इस बारे में मेसी के वकील और परिवारजनों ने कहा कि अब जंग ज्यादा पावर की नहीं है बल्कि बात सिर्फ क्लब को छोड़ने की है. हालांकि बार्सिलोना अपनी जगह सही है उनका मानना है कि क्लॉज के अनुसार मेसी को 10 जून तक ही अपना फैसला लेने की अनुमती है लेकिन अब वो ऐसे नहीं कर सकते.
मेसी के आसपास के लोगो का मानना था कि क्लॉज क्या है उनको इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता, बार्सिलोना उनसे 700 मिलियन यूरो मांग कर फुटबॉल का सबसे बड़ा ट्रांसफर फीस डिमांड कर रही हों लेकिन मेसी को कोई फर्क नहीं पड़ता वो बस क्लब से बाहर जाना चाहते हैं और ये फाइनल है.
मेसी का ये फैसला आज इतना दृढ़ क्यों है? क्यों आज वो मेसी से 'द ग्रेट लियोनल मेसी' बनाने वाले क्लब को छोड़कर जाना चाहते हैं? क्यों आज मेसी को फुटबॉल के सबसे बड़े ट्रांसफर फीस से कोई फर्क नहीं पड़ता? शायद इसका कारण ये है कि अब बहुत देर हो चुकी है. क्योंकि अब ये फैसला लेना मेसी की पसंद नहीं मजबूरी बन गया है.
बायर्न म्युनिख से चैंपियंस लीग के क्वार्टरफाइनल में मिलने वाले हार के बाद बार्सिलोना के मैनेजमेंट और मेसी की बीच की दूरियों का सभी को पता लग गया. उस मैच में बार्सिलोना को 8-2 से अपमान का सामना करना पड़ा जिसके बाद से ये कयास लगाए जा रहे थे कि मेसी कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.
एक के बाद कैंप नोउ से आने वाली खबरें मेसी के मन का हाल बता रहीं थी और इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता था कि वो किन चीजों से जुझ रहे हैं.
चैंपियंस लीग से बाहर होते ही जो अमुमन होता है बार्सिलोना ने वहीं किया और कोच क्विक्यू सेटिन को बर्खास्त कर पूर्व बार्सिलोना खिलाड़ी रॉनल्ड कोमन को कोच नियुक्त किया. क्लब के इस फैसले के बाद मेसी की नए कोच से बातचीत हुई जिसको लेकर ये खबर आई कि कोमन ने मेसी से कहा है कि 'अब आपके सारे विशेषाधिकार खत्म होते हैं"
हालांकि मेसी बार्सिलोना के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं ऐसे में कोच कोमन का काम था उनके आसपास टीम को बनाने का न कि खुद मेसी को बाहर का रास्ता देखने पर मजबूर करना. इस दौरान क्लब के दूसरे महात्वपूर्ण खिलाड़ी लुइस सुआरेज को भी कोच ने 2 मिनट की कॉल के दौरान कहा कि क्लब को अब उनकी जरूरत नहीं है.
बीते काफी समय से मेसी की जो क्लब पर कमांड थी उसको कम होते देखा गया था. मेसी नहीं चाहते थे कि नेमार क्लब को छोड़कर जाएं, मेसी नहीं चाहते थे कि पूर्व कोच अर्नेस्टो वाल्वरडे क्लब छोड़े. मेसी नहीं चाहते थे कि एंटोनियो ग्रिजमन क्लब के लिए खेलें लेकिन वो सब हुआ.
बीते काफी समय से ये खबरें आ रही थीं कि मेसी का बर्सिलोना से मन खराब हो चुका है और इसकी शुरूआत 2016 से ही हो चुकी थी लेकिन फिर एक उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए मेसी सिर्फ मामले को घसीट रहे थे और अपने क्लब को अलविदा कहने के दिन को दूर करने की कोशिश कर रहे थे.
ऐसे मे मेसी के लिए वो हालात पैदा हो गए थे कि क्लब का साथ उनके लिए न तो निगलते बन रहा था और न ही उगलते बन रहा था.
अब भविष्य की कोख में मेसी के लिए जो भी छुपा हो फिलहाल मेसी अपने 19 साल से बनाए हुए घर को छोड़ना चाहते हैं. ऐसे में कैंप नोउ क्या मेसी को रोक पाएगा वो भी तब जब मेसी रूकना ही नहीं चाहते?
ये तो सच है कि ये मामला वित्तीय तौर पर काफी पेचिदा है ऐसे में इसको सुलझाने और अपने 'वॉक ऑफ फेम' में मेसी को जोड़ने के लिए पीएसजी, मैनचेस्टर सिटी, इंटर मिलान या चेल्सी इनमें से कौन सामने आएगा ये तो समय ही बताएगा.
इस पूरे मामले के गवाह बने सभी लोगों को ये सीख लेना बहुत जरूरी है कि वो अफसाना जिसे अंजाम तक ले जाना मुमकिन नहीं उसे एक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना अच्छा होता है क्योंकि जो चीज आज खुबसूरत दिख रही है वो कल बदसूरत भी दिख सकती है ऐसे में समय रहते रास्ते अलग कर लेने बेहद जरूरी है.