नई दिल्ली: भारतीय फुटबॉल टीम के मुख्य कोच इगोर स्टीमाक के प्रदर्शन पर अब तक लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया रही है . जहां, एक ओर टीम ने कतर जैसी टॉप एशियन टीमों को ड्रॉ पर रोका है, तो वहीं उसे अफगानिस्तान जैसी टीमों के खिलाफ ड्रॉ भी खेलना पड़ा है.
टॉप घरेलू कोच जहार दास ने एक न्यूज एजेंसी के साथ बातचीत में कहा कि, "स्टीमाक भारतीय टीम को एक नए स्तर पर ले गए हैं और टीम को इस समय एक सही तकनीकी निदेशक की जरूरत है, जो कोच के साथ रणनीतियों पर चर्चा कर सके और टीम को अगले स्तर पर पहुंचाने में मदद कर सके.
दास ने कहा, "अगर हम स्टीफन कांस्टेनटाइन से लेकर बोब ह्यूगटन और इगोर तक की बात करें तो मैं एक चीज अवश्य कहना चाहूंगा कि ह्यूग्टन ने भारतीय टीम के साथ काफी काम किया है. कांस्टेनटाइन के दूसरे कार्यकाल के समय खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन वे कुछ खास प्रगति नहीं कर पाए. इस बार स्टीमाक के समय में मैं मानता हूं कि उन्होंने टीम को एक नई ऊंचाई दी है। हो सकता है कि परिणाम उनकी इच्छानुसार ना हो, लेकिन टीम ने शानदार प्रगति की है."
![जहार दास](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5680207_jahar-das.jpg)
दास ने आगे की योजना के बारे में कहा, "स्टीमाक के साथ समस्या यह है कि वह अब तक प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान नहीं कर पाए हैं और वह समय के साथ यह जान जाएंगे. ऐसा करने में समय लगेगा. आप केवल एक ऐसा कोच नहीं चुन सकते हैं और उसे एक टीम बनाने के लिए नहीं कर सकते हैं. आपको उन्हें समय देना होगा."
उन्होंने कहा, "अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) केवल 'हां' करेगा. जाहिर तौर पर, श्याम थापा अपने समय के महान खिलाड़ी थे. लेकिन, आप मुझे बताएं कि तकनीकी समिति के अध्यक्ष के रूप में उनका क्या योगदान रहा है?
दास ने कहा, "मुझे लगता है कि विश्व कप क्वालीफायर में भारत के परिणामों के बाद उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की लेकिन फिर उसका क्या मतलब है. आपको एक कोच के साथ बने रहने की जरूरत है. उपलब्ध खिलाड़ियों के बारे में बताकर उचित रूप से उनका मार्गदर्शन करें."
उन्होंने कहा, "मुझे बताएं कि क्या विदेशी कोचों पर कोई तकनीकी रिपोर्ट आई है? क्या इस चीज को लेकर कोई रिपोर्ट आई है कि किसी कोच के पदभार संभालने के समय टीम की स्थिति क्या थी और उनके चले जाने पर क्या स्थिति थी? इस तरह के रवैये से हम बुरे से बुरे कोचों के साथ जा सकते हैं."