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'स्ट्रेंथ ट्रेनिंग' शामिल करना शानदार रहा: मेमोल रॉकी - स्ट्रेंथ ट्रेनिंग

भारतीय महिला फुटबॉल टीम की मुख्य कोच मेमोल रॉकी ने हाल में हुए अपनी टीम के सुधार के पीछे खिलाड़ियों के लिए शुरू की गयी 'स्ट्रेंथ ट्रेनिंग' को श्रेय दिया.

Indian women's football team head coach Maymol Rocky
Indian women's football team head coach Maymol Rocky
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Published : Aug 6, 2020, 7:16 PM IST

नई दिल्ली : अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ़) टीवी से बात करते हुए मेमोल ने उस समय का जिक्र किया जब पहली बार टीम में 'स्ट्रेंथ ट्रेनिंग' शुरू किया गया था. मेमोल ने कहा, ''हम ओलंपिक क्वालीफायर के लिए तैयारी कर रहे थे और मुझे याद है हमारे महासचिव कुशल दास सर और राष्ट्रीय टीम के निदेशक अभिषेक यादव के साथ बैठक हुई थी.

हमारे पास दो फिजियो थे

हमारा एक लंबा शिविर हुआ था और तभी पहली बार हमने 'स्ट्रेंथ ट्रेनिंग' को शामिल किया था.'' उन्होंने कहा, ''हमारे पास दो फिजियो थे, दोनों 24 घंटे सातों दिन लड़कियों के साथ अलग अलग ट्रेनिंग पर काम करते रहते थे. हमारा सुबह एक 'स्ट्रेंथ ट्रेनिंग' का सत्र होता था और शाम में 'टैक्टिकल' सत्र.''

उन्होंने कहा, ''हमारा एक वीडियो सत्र भी होता था जिसमें हम लड़कियों को दिखाते थे कि वे कहां गलत रहीं और उनके खेल में सुधार पर काम करते थे. इससे काफी अंतर पड़ा.'' मेमोल ने कहा, ''खिलाड़ियों को पिच पर भी मजबूत होने की जरूरत है और इस इकाई ने ये दिखा दिया है.''

मैंने एक नियम बना दिया

स्ट्रेंथ सत्र के अलावा फिजियो ने उनके खान-पान पर भी काफी ध्यान दिया. उन्होंने कहा, ''ये जानना होता है कि क्या खाया जाए. वे पहले सामान्य घर का खाना खाती थीं, लेकिन मैंने एक नियम बना दिया कि जब भी कोई वजन बढ़ाकर लौटी तो उसे शिविर के दौरान ज्यादा काम करना होगा. इससे लड़कियां थोड़ी सतर्क हो गयीं.'' भारत ने पहली बार एएफसी महिला ओलंपिक क्वालीफायर के पहले दौर के लिये क्वालीफाई कर इतिहास रच दिया था.

नई दिल्ली : अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ़) टीवी से बात करते हुए मेमोल ने उस समय का जिक्र किया जब पहली बार टीम में 'स्ट्रेंथ ट्रेनिंग' शुरू किया गया था. मेमोल ने कहा, ''हम ओलंपिक क्वालीफायर के लिए तैयारी कर रहे थे और मुझे याद है हमारे महासचिव कुशल दास सर और राष्ट्रीय टीम के निदेशक अभिषेक यादव के साथ बैठक हुई थी.

हमारे पास दो फिजियो थे

हमारा एक लंबा शिविर हुआ था और तभी पहली बार हमने 'स्ट्रेंथ ट्रेनिंग' को शामिल किया था.'' उन्होंने कहा, ''हमारे पास दो फिजियो थे, दोनों 24 घंटे सातों दिन लड़कियों के साथ अलग अलग ट्रेनिंग पर काम करते रहते थे. हमारा सुबह एक 'स्ट्रेंथ ट्रेनिंग' का सत्र होता था और शाम में 'टैक्टिकल' सत्र.''

उन्होंने कहा, ''हमारा एक वीडियो सत्र भी होता था जिसमें हम लड़कियों को दिखाते थे कि वे कहां गलत रहीं और उनके खेल में सुधार पर काम करते थे. इससे काफी अंतर पड़ा.'' मेमोल ने कहा, ''खिलाड़ियों को पिच पर भी मजबूत होने की जरूरत है और इस इकाई ने ये दिखा दिया है.''

मैंने एक नियम बना दिया

स्ट्रेंथ सत्र के अलावा फिजियो ने उनके खान-पान पर भी काफी ध्यान दिया. उन्होंने कहा, ''ये जानना होता है कि क्या खाया जाए. वे पहले सामान्य घर का खाना खाती थीं, लेकिन मैंने एक नियम बना दिया कि जब भी कोई वजन बढ़ाकर लौटी तो उसे शिविर के दौरान ज्यादा काम करना होगा. इससे लड़कियां थोड़ी सतर्क हो गयीं.'' भारत ने पहली बार एएफसी महिला ओलंपिक क्वालीफायर के पहले दौर के लिये क्वालीफाई कर इतिहास रच दिया था.

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