नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मादक द्रव्य एवं नशा निरोधक दिवस के अवसर पर भारतीय फुटबॉल के कई दिग्गज नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ाई में आगे आए हैं. भारतीय फुटबॉल परिवार ने स्पष्ट संदेश देते हुए कहा है कि फुटबॉल के आदी हो, नशे के नहीं.
दिग्गज भारतीय फुटबॉलर आईएम विजयन ने कहा,"फुटबॉल एक शानदार स्तर पर है. ड्रग्स के माध्यम से त्वरित समाधान चाहने के बजाय, फुटबॉल के मैदान में प्रवेश करने का एक अच्छा विचार है. आपके पास एक स्वस्थ भूख है और आठ घंटे की नींद लेना जारी रखें जो कि फिट रहने के लिए महत्वपूर्ण है. फुटबॉल के आदी हो, ड्रग्स के नहीं."
रेनेडी सिंह ने कहा,"खेल, अकेले फुटबॉल आपको इतनी सकारात्मकता और ऊर्जा प्रदान करता है जोकि आपको नकारात्मक और बाधापूर्ण चीजों से पार पाने में मदद करती है. ये शारीरिक रूप से स्वस्थ होने के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक रूप से भी आपकी मदद करता है. ये आपको इन खतरों से दूर-शांतिपूर्ण जीवन जीने का एक विकल्प देता है."
पद्मश्री बेमबेम देवी ने कहा,"माता-पिता भोजन के लिए अपने बच्चों को जेब खर्च देते हैं, लेकिन वे ड्रग्स के लिए उनका उपयोग करते हैं. शुरू में, माता-पिता इससे अनजान रहते हैं और जब उन्हें पता चलता है, तो बच्चे पहले ही इसका शिकार हो जाते हैं."
गोलकीपर सुब्रतो पॉल ने खेल को एक आदत की तरह लेने का अनुरोध करते हुए कहा,"आजकल परिवारों में, बच्चों के बीच बहुत अधिक संबंध नहीं है. हर कोई बाहर जाकर खेलता नहीं है. ये अकेलापन अक्सर आपको नष्ट कर देता है. खेल को एक शौक के रूप में चुनें. आप अच्छा महसूस करोगे. मैं सभी माता-पिता से अपने बच्चों को खेल में आगे बढ़ाने का आग्रह करता हूं."