लिस्बन: पहली बार यूएफा चैंपियंस लीग के खिताबी मुकाबले में पहुंची पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) को बायर्न म्यूनिख ने 1-0 से हरा दिया. रविवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में बायर्न म्यूनिख ने छठी बार खिताब पर कब्जा किया.
कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय तक निलंबित हुई यूएफा चैंपियंस लीग का पहला मैच शुरू होने के 425 दिनों के बाद हुए फाइनल मैच में पीएसजी के स्टार खिलाड़ी नेमार का जादू देखने को नहीं मिला.
रविवार देर रात हुए इस मैच के पहले हाफ में दोनों ही टीमों में से किसी के भी खाते में कोई गोल दर्ज नहीं हुआ. हालांकि दूसरे हाफ में बायर्न के लिए किंग्सली कोमान ने हेडर से 59वें मिनट में पहला गोल दागा. इसी के साथ टीम ने 1-0 की बढ़त बना ली.
यह बढ़त खेल का समय समाप्त होने तक बरकरार रही और बायर्न म्यूनिख ने खिताब अपने नाम कर लिया. इससे पहले पीएसजी के नेमार 2 और किलियन एम्बाप्पे ने 1 बार गोल का मौका गंवाया. वहीं, बायर्न के लेवनडॉस्की भी दो बार गोल से चूक गए.
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बता दें कि इससे पहले बायर्न की टीम सात साल पहले (2013) फाइनल में पहुंची थी और चैंपियन भी बनी थी. इससे पहले बायर्न 1974, 1975, 1976, 2001 के अलावा 2013 में चैंपियन बनी थी. बायर्न का ये छठा खिताब है.
जबकि पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) पहली बार फाइनल तक पहुंची थी. फाइनल पहले मई में इस्तांबुल में खेला जाना था, लेकिन इसकी मेजबानी बाद में लिस्बन को दे दी गई थी.
पहली बार ऐसा हुआ है कि फैंस के बिना ही फुटबॉल का फाइनल मैच खेला गया. फाइनल से पहले स्टेडियम में जाने वाले सभी की कोविड-19 जांच हुई. इस दौरान मैदान में कुछ सौ लोग ही मौजूद रहे. इससे पहले कभी भी इस यूरोपीय चैंपियनशिप के मुकाबलों को खाली स्टेडियम में नहीं खेला गया था.