नई दिल्ली: बर्सिलोना ने हालहीं में कंफर्म किया है कि मेसी ने एक फैक्स भेजकर क्लब से अपने सारे संबंध खत्म करने के बात कही है जिसके बाद से ये खबरे भी सामने आ रही हैं कि बार्सिलोना नहीं चाहता कि मेसी उनका साथ छोड़े. ऐसे में अगर क्लब मैसी को छोड़ने को तैयार नहीं है तो फीफा उन पर बैन तक लगा सकता है.
मेसी के बैन को लेकर मामला इतना गंभीर होता जा रहा है कि उनपर बैन लगने की स्थिति भी गहराती जा रही है. इस वजह से वो उन्हें सीधे तरीके से ट्रांसफर नहीं लेने देगा.
स्पोर्ट्स के एक वकील ने इस स्थिति के बारे एक मीडिया हाउस से बात करते हुए कहा, "मेसी अर्जेंटीना की ओर से खेलते हैं और वहीं के रहने वाले हैं. इस कारण उनके मामले में स्पेनिश रूल, इंग्लिश कानून नहीं बल्कि फीफा के कानून मान्य होंगे. अगर क्बल उन्हें फ्री ट्रांसफर नहीं देता है तो खिलाड़ी और क्लब दोनों में से कोई भी कोर्ट ऑफ अर्बिट्रेशन जा सकता है जहां आमतौर पर इस तरह के मामलों के फैसले किए जाते हैं."
उन्होंने आगे बताया कि एक और तरीका है जिससे मेसी बार्सिलोना छोड़ सकते हैं. वो सीधे तौर पर जाकर क्लब से कह सकते हैं कि क्लब अपनी मर्जी से उन्हें छोड़ दे. हालांकि ये विकल्प उन्हें काफी महंगा पड़ सकता है. आमतौर पर फीफा खिलाड़ी के क्लब छोड़ने के फैसले का समर्थन करती है लेकिन अगर क्लब आगे आता है अपनी बात सही साबित करने में कामयाब होता है तो न सिर्फ खिलाड़ी को सारे नुकसान की भरपाई करनी होगी बल्कि फीफा के नियमों के मुताबिक उनपर कुछ समय के लिए उनपर बैन भी लग सकता है."