कोलकाता : भारत के दो पुराने फुटबॉल क्लब मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के विदेशी खिलाड़ी और प्रशिक्षक आखिरकार स्वदेश जा सकेंगे. ये लोग यहां से नई दिल्ली की यात्रा बस के माध्यम से करेंगे और फिर नीदरलैंड्स के एम्सटरडम के लिए उड़ान भरेंगे. एक सूत्र ने इस बात की जानकारी दी. भारत के दो पुराने क्लबों के विदेशी खिलाड़ी कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन के चलते यहां फंसे हुए हैं.
हर चीज की व्यवस्था एम्बेसी द्वारा की गई है
एक सूत्र ने एक समाचार एजेंसी से नाम न बताने की शर्त पर कहा, "कुल 16 खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ (दोनों क्लबों के आठ-आठ लोग) दिल्ली के लिए बस में शनिवार रात को रवाना होंगे. हर चीज की व्यवस्था एम्बेसी द्वारा की गई है और इस संबंध में जरूरी मंजूरी भी ले ली गई है. यहां से दिल्ली का सफर 40 घंटों का होगा. वहां से ये लोग केएलएम (नीदरलैंड्स की विशेष विमान सेवा) में बैठेंगे जो नीदरलैंडस की एम्बेसी ने निर्धारित की है."
इस ग्रुप के साथ नहीं जाएंगे
ईस्ट बंगाल में पांच स्पेन के लोग हैं जिसमें से चार खिलाड़ी हैं जिनमें जैमी सांतोल, जुआन मेरा, मार्कोस डे ला इस्पाडा, विक्टर पेरेज और कोच मारियो रिवेरा हैं. इनके अलावा कोस्टा रिका के जॉनी एकोस्टा, सेनेगल के कासिम एइडारा भी हैं जो भारत में हैं. एकोस्टा और एइडारा हालांकि इस ग्रुप के साथ नहीं जाएंगे क्योंकि इन दोनों के लिए अपने देश पहुंचने के लिए ये रूट सही नहीं है.
मेरा परिवार बहुत खुश है
मोहन बागान में स्पेन के फ्रेन मोरांटे, फ्रेन गोंजालेज, जोसेबा बेइटिया, त्रिनिदादा के डेनियल सायरस, सेनेगल के बाबा डियावारा, तजाकिस्तान के कोमरोन तुरुनोन और कोच किबु विकुना (जो अब केरला ब्लास्टर्स में हैं) भारत में ही हैं. ईस्ट बंगाल के स्पेनिश कोच मारियो रिवेरा ने कहा, ''मेरा परिवार बहुत खुश है कि मैं स्पेन लौट रहा हूं. सभी ठीक हैं और रविवार की सुबह रवाना होंगे.'' उन्होंने कहा, ''इसमें कोई शक नहीं कि ये सफर लंबा होगा लेकिन कोई और चारा भी नहीं है. वरना यहीं रहना पड़ेगा.