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छेत्री के बाद कोई नहीं, ये चिंता का विषय : बाइचुंग भूटिया - भूटिया और छेत्री

बाइचुंग भूटिया ने एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए सुनील छेत्री के संन्यास लेने के बाद उनका स्थान लेने वाले खिलाड़ियों पर बात की, साथ ही कहा कि भारतीय क्रिकेट की तरह फुटबॉल में भी पूर्व खिलाड़ियों को आगे आना चाहिए.

Bhaichung Bhutia
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Published : Jul 20, 2020, 6:53 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय फुटबॉल के साथ एक स्थायी समस्या है कि उसके पास गोल मशीन की कमी रही है. आई.एम. विजयन, बाइचुंग भूटिया और सुनील छेत्री जैसे स्टार देश के पास तो रहे हैं लेकिन कभी भी खिलाड़ियों का पूल नहीं रहा है जिसमें से गोल मशीन निकल सकें. एक समय भूटिया और छेत्री की साझेदारी शानदार थी लेकिन भूटिया के जाने के बाद छेत्री अकेले पड़ गए हैं और भूटिया के लिए खिलाड़ियों की कमी एक चिंता का विषय है.

Sunil Chhetri
सुनील छेत्री

दोनों अभी तक वो प्रभाव नहीं छोड़ पाए

छेत्री के साथ जो लोग बेहतरीन साझेदारी बना सकते हैं उनमें दो नाम सबसे पहले आते हैं जिनमें जेजे लालपेखुलआ और बलवंत सिंह शामिल हैं लेकिन दोनों अभी तक वो प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं जिनकी उनसे उम्मीद थी और भूटिया को लगता है कि इसमें चोट का अहम रोल रहा है.

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान ने कहा, "ये बड़ी चिंता है क्योंकि छेत्री के बाद कोई नहीं है. ये कहना काफी मुश्किल है कि भारत में स्ट्राइकर अपना रास्ता क्यों भटक रहे हैं. निरंतरता मुझे लगता है कि काफी जरूरी है. जेजे को काफी चोटें लगी और अब उनकी उम्र (29) भी उनके पक्ष में नहीं है. जेजे ने हालांकि अच्छा काम किया है. मुझे लगता है कि चोट मुख्य कारण है. बलवंत को भी चोट के कारण काफी कुछ झेलना पड़ा."

Jeje Lalpekhlua
जेजे लालपेखुलआ

निरंतरता काफी जरूरी

भूटिया ने कहा कि यह दोनों चोट के कारण ज्यादा खेल भी नहीं पाए. उन्होंने कहा, "मैं यही कह रहा हूं कि वह चोट के कारण खेल नहीं पाए लेकिन फिर भी यह कहना काफी मुश्किल है कि वह कहां अपने रास्ते से भटक गए. मुझे लगता है कि निरंतरता काफी जरूरी है."

क्या भूटिया को लगता है कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) का स्ट्राइकर बनाने में रोल है? पूर्व स्ट्राइकर ने कहा है कि शीर्ष स्तर पर इस मामले में एआईएफएफ ज्यादा कुछ नहीं कर सकती. उन्होंने कहा, "महासंघ ज्यादा कुछ नहीं कर सकती. क्लब वेतन दे रहे हैं और वो ट्रॉफियां जीतना चाहते हैं और चाहते हैं कि खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करें. चूंकि क्लब वेतन दे रहे हैं तो महासंघ उनसे ये कुछ नहीं कह सकती कि आप उसे खेलाएं और उसे खेलाएं. वो ये तब तक नहीं कह सकती जब तक वह वेतन न दे."

Balwant Singh
बलवंत सिंह

उन्हें आगे आना चाहिए

भूटिया को हालांकि लगता है कि खिलाड़ियों का पूल बनाना एक विकल्प हो सकता है क्योंकि सारे क्लब इसी समस्या से गुजर रहे हैं.

उन्होंने कहा, "निश्चित तौर पर मुझे लगता है कि स्ट्राइकरों की कमी एक समस्या है. ये क्लब पर निर्भर करता है क्योंकि हर कोई इसी समस्या से जूझ रहा है. हां, छेत्री के बाद कमी रहेगी. ये बड़ी चिंता का विषय है क्योंकि छेत्री के बाद कोई नहीं है. हमें जमीनी स्तर पर स्ट्राइकरों की कमी पर काम करना होगा."

India football team
भारतीय फुटबॉल टीम के खिलाड़ी

भूटिया से जब पूछा गया कि क्या एआईएफएफ बीसीसीआई की तरह पूर्व खिलाड़ियों को सिस्टम में ला सकती है जिस तरह राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली आए? भूटिया ने कहा, "अगर सक्षम हैं तो क्यों नहीं? ये आसान नहीं है, ये मुश्किल है लेकिन अगर वो कर सकते हैं तो उन्हें आगे आना चाहिए."

नई दिल्ली : भारतीय फुटबॉल के साथ एक स्थायी समस्या है कि उसके पास गोल मशीन की कमी रही है. आई.एम. विजयन, बाइचुंग भूटिया और सुनील छेत्री जैसे स्टार देश के पास तो रहे हैं लेकिन कभी भी खिलाड़ियों का पूल नहीं रहा है जिसमें से गोल मशीन निकल सकें. एक समय भूटिया और छेत्री की साझेदारी शानदार थी लेकिन भूटिया के जाने के बाद छेत्री अकेले पड़ गए हैं और भूटिया के लिए खिलाड़ियों की कमी एक चिंता का विषय है.

Sunil Chhetri
सुनील छेत्री

दोनों अभी तक वो प्रभाव नहीं छोड़ पाए

छेत्री के साथ जो लोग बेहतरीन साझेदारी बना सकते हैं उनमें दो नाम सबसे पहले आते हैं जिनमें जेजे लालपेखुलआ और बलवंत सिंह शामिल हैं लेकिन दोनों अभी तक वो प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं जिनकी उनसे उम्मीद थी और भूटिया को लगता है कि इसमें चोट का अहम रोल रहा है.

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान ने कहा, "ये बड़ी चिंता है क्योंकि छेत्री के बाद कोई नहीं है. ये कहना काफी मुश्किल है कि भारत में स्ट्राइकर अपना रास्ता क्यों भटक रहे हैं. निरंतरता मुझे लगता है कि काफी जरूरी है. जेजे को काफी चोटें लगी और अब उनकी उम्र (29) भी उनके पक्ष में नहीं है. जेजे ने हालांकि अच्छा काम किया है. मुझे लगता है कि चोट मुख्य कारण है. बलवंत को भी चोट के कारण काफी कुछ झेलना पड़ा."

Jeje Lalpekhlua
जेजे लालपेखुलआ

निरंतरता काफी जरूरी

भूटिया ने कहा कि यह दोनों चोट के कारण ज्यादा खेल भी नहीं पाए. उन्होंने कहा, "मैं यही कह रहा हूं कि वह चोट के कारण खेल नहीं पाए लेकिन फिर भी यह कहना काफी मुश्किल है कि वह कहां अपने रास्ते से भटक गए. मुझे लगता है कि निरंतरता काफी जरूरी है."

क्या भूटिया को लगता है कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) का स्ट्राइकर बनाने में रोल है? पूर्व स्ट्राइकर ने कहा है कि शीर्ष स्तर पर इस मामले में एआईएफएफ ज्यादा कुछ नहीं कर सकती. उन्होंने कहा, "महासंघ ज्यादा कुछ नहीं कर सकती. क्लब वेतन दे रहे हैं और वो ट्रॉफियां जीतना चाहते हैं और चाहते हैं कि खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करें. चूंकि क्लब वेतन दे रहे हैं तो महासंघ उनसे ये कुछ नहीं कह सकती कि आप उसे खेलाएं और उसे खेलाएं. वो ये तब तक नहीं कह सकती जब तक वह वेतन न दे."

Balwant Singh
बलवंत सिंह

उन्हें आगे आना चाहिए

भूटिया को हालांकि लगता है कि खिलाड़ियों का पूल बनाना एक विकल्प हो सकता है क्योंकि सारे क्लब इसी समस्या से गुजर रहे हैं.

उन्होंने कहा, "निश्चित तौर पर मुझे लगता है कि स्ट्राइकरों की कमी एक समस्या है. ये क्लब पर निर्भर करता है क्योंकि हर कोई इसी समस्या से जूझ रहा है. हां, छेत्री के बाद कमी रहेगी. ये बड़ी चिंता का विषय है क्योंकि छेत्री के बाद कोई नहीं है. हमें जमीनी स्तर पर स्ट्राइकरों की कमी पर काम करना होगा."

India football team
भारतीय फुटबॉल टीम के खिलाड़ी

भूटिया से जब पूछा गया कि क्या एआईएफएफ बीसीसीआई की तरह पूर्व खिलाड़ियों को सिस्टम में ला सकती है जिस तरह राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली आए? भूटिया ने कहा, "अगर सक्षम हैं तो क्यों नहीं? ये आसान नहीं है, ये मुश्किल है लेकिन अगर वो कर सकते हैं तो उन्हें आगे आना चाहिए."

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