ETV Bharat / sports

फुटबॉल: AIFF ने मिनर्वा पंजाब को खेलने से रोका, जानिए वजह - रंजीत बजाज

मिनर्वा पंजाब एफसी के मालिक रंजीत बजाज ने आरोप लगाया है कि, 'उनकी अंडर-13 टीम को आई-लीग में खेलने से गलत तरीके से रोका गया और वजह कुछ खिलाड़ियों की ज्यादा उम्र होना बताया गया.'

मिनर्वा पंजाब लोगो
author img

By

Published : Apr 9, 2019, 2:07 AM IST

नई दिल्ली: मिनर्वा पंजाब एफसी और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के बीच का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को क्लब के मालिक रंजीत बजाज ने कहा है कि उनकी लड़कों की अंडर-13 टीम को आई-लीग में खेलने से गलत तरीके से रोका गया और वजह कुछ खिलाड़ियों की ज्यादा उम्र होना बताया गया.

मिनर्वा पंजाब अंडर-13 टीम
मिनर्वा पंजाब अंडर-13 टीम

चंड़ीगढ़ स्थित इस क्लब को युवा प्रतिभाओं के विकास के लिए सर्वश्रेष्ठ क्लबों में जाना जाता है. बीते सीजन मिनर्वा ने अंडर-13, अंडर-15 और अंडर-18 आई-लीग टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया था. यह क्लब 2017-18 में सीनियर आई-लीग खिताब भी जीत चुका है. हाल ही के दिनों में क्लब और एआईएफएफ के बीच कई मुद्दों पर विवाद दिखा है.

बजाज ने कहा, "मेरी अंडर-13 टीम के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय महासंघ द्वारा ओवर ऐज बता दिए गए. मैं इस समय अपनी टीम को खिलाने की स्थिति में नहीं हूं." बजाज ने कहा कि यह तब हुआ है जब उन्होंने अपनी टीम के खिलाड़ियों के सही सर्टिफिकेट जमा किए थे

रंजीत बजाज
रंजीत बजाज

उन्होंने कहा, "सही जन्म प्रमाण पत्र जमा करने के अलावा हमने लड़कों के पासपोर्ट की कॉपी भी जमा की है. जहां तक मेरी जानकारी की बात है, पासपोर्ट को इस देश में पहचान का सबसे बड़ा सबूत माना जाता है."

वहीं एआईएफएफ के अधिकारी ने कहा है कि यह कहना गलत होगा कि महासंघ ने पंजाब की टीम के खिलाफ बदला लेने वाला व्यवहार किया है.

अधिकारी ने कहा, "खिलाड़ियों की उम्र को बोन एज प्रोग्राम से जांचा जाता है, जो टीडब्ल्यू 3 है. इस प्रोग्राम की अध्यक्षता वेसे पेस करते हैं जो फेडरेशन की मेडिकल समिति के चेयरमैन हैं."

अधिकारी ने कहा, "आई-लीग अंडर-13 टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली टीम 40 खिलाड़ियों को रजिस्टर करती है. 18 खिलाड़ियों की टीम, जिनकी उम्र जांच ली जाती है वह टूर्नामेंट में हिस्सा लेती है. महासंघ के अधिकारियों का इससे कोई लेना देना नहीं है. इस प्रक्रिया का इस्तेमाल भारतीय क्रिकेट बोर्ड भी करता है."

मिनर्वा पिछले महीने भी चर्चा में थी जब उसने पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद रियल कश्मीर एफसी के खिलाफ आई-लीग मैच खेलने से मना कर दिया था.

नई दिल्ली: मिनर्वा पंजाब एफसी और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के बीच का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को क्लब के मालिक रंजीत बजाज ने कहा है कि उनकी लड़कों की अंडर-13 टीम को आई-लीग में खेलने से गलत तरीके से रोका गया और वजह कुछ खिलाड़ियों की ज्यादा उम्र होना बताया गया.

मिनर्वा पंजाब अंडर-13 टीम
मिनर्वा पंजाब अंडर-13 टीम

चंड़ीगढ़ स्थित इस क्लब को युवा प्रतिभाओं के विकास के लिए सर्वश्रेष्ठ क्लबों में जाना जाता है. बीते सीजन मिनर्वा ने अंडर-13, अंडर-15 और अंडर-18 आई-लीग टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया था. यह क्लब 2017-18 में सीनियर आई-लीग खिताब भी जीत चुका है. हाल ही के दिनों में क्लब और एआईएफएफ के बीच कई मुद्दों पर विवाद दिखा है.

बजाज ने कहा, "मेरी अंडर-13 टीम के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय महासंघ द्वारा ओवर ऐज बता दिए गए. मैं इस समय अपनी टीम को खिलाने की स्थिति में नहीं हूं." बजाज ने कहा कि यह तब हुआ है जब उन्होंने अपनी टीम के खिलाड़ियों के सही सर्टिफिकेट जमा किए थे

रंजीत बजाज
रंजीत बजाज

उन्होंने कहा, "सही जन्म प्रमाण पत्र जमा करने के अलावा हमने लड़कों के पासपोर्ट की कॉपी भी जमा की है. जहां तक मेरी जानकारी की बात है, पासपोर्ट को इस देश में पहचान का सबसे बड़ा सबूत माना जाता है."

वहीं एआईएफएफ के अधिकारी ने कहा है कि यह कहना गलत होगा कि महासंघ ने पंजाब की टीम के खिलाफ बदला लेने वाला व्यवहार किया है.

अधिकारी ने कहा, "खिलाड़ियों की उम्र को बोन एज प्रोग्राम से जांचा जाता है, जो टीडब्ल्यू 3 है. इस प्रोग्राम की अध्यक्षता वेसे पेस करते हैं जो फेडरेशन की मेडिकल समिति के चेयरमैन हैं."

अधिकारी ने कहा, "आई-लीग अंडर-13 टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली टीम 40 खिलाड़ियों को रजिस्टर करती है. 18 खिलाड़ियों की टीम, जिनकी उम्र जांच ली जाती है वह टूर्नामेंट में हिस्सा लेती है. महासंघ के अधिकारियों का इससे कोई लेना देना नहीं है. इस प्रक्रिया का इस्तेमाल भारतीय क्रिकेट बोर्ड भी करता है."

मिनर्वा पिछले महीने भी चर्चा में थी जब उसने पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद रियल कश्मीर एफसी के खिलाफ आई-लीग मैच खेलने से मना कर दिया था.

Intro:Body:

नई दिल्ली: मिनर्वा पंजाब एफसी और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के बीच का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को क्लब के मालिक रंजीत बजाज ने कहा है कि उनकी लड़कों की अंडर-13 टीम को आई-लीग में खेलने से गलत तरीके से रोका गया और वजह कुछ खिलाड़ियों की ज्यादा उम्र होना बताया गया.



चंड़ीगढ़ स्थित इस क्लब को युवा प्रतिभाओं के विकास के लिए सर्वश्रेष्ठ क्लबों में जाना जाता है. बीते सीजन मिनर्वा ने अंडर-13, अंडर-15 और अंडर-18 आई-लीग टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया था. यह क्लब 2017-18 में सीनियर आई-लीग खिताब भी जीत चुका है. हाल ही के दिनों में क्लब और एआईएफएफ के बीच कई मुद्दों पर विवाद दिखा है.



बजाज ने कहा, "मेरी अंडर-13 टीम के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय महासंघ द्वारा ओवर ऐज बता दिए गए. मैं इस समय अपनी टीम को खिलाने की स्थिति में नहीं हूं." बजाज ने कहा कि यह तब हुआ है जब उन्होंने अपनी टीम के खिलाड़ियों के सही सर्टिफिकेट जमा किए थे.



उन्होंने कहा, "सही जन्म प्रमाण पत्र जमा करने के अलावा हमने लड़कों के पासपोर्ट की कॉपी भी जमा की है. जहां तक मेरी जानकारी की बात है, पासपोर्ट को इस देश में पहचान का सबसे बड़ा सबूत माना जाता है."



वहीं एआईएफएफ के अधिकारी ने कहा है कि यह कहना गलत होगा कि महासंघ ने पंजाब की टीम के खिलाफ बदला लेने वाला व्यवहार किया है.



अधिकारी ने कहा, "खिलाड़ियों की उम्र को बोन एज प्रोग्राम से जांचा जाता है, जो टीडब्ल्यू 3 है. इस प्रोग्राम की अध्यक्षता वेसे पेस करते हैं जो फेडरेशन की मेडिकल समिति के चेयरमैन हैं."



अधिकारी ने कहा, "आई-लीग अंडर-13 टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली टीम 40 खिलाड़ियों को रजिस्टर करती है. 18 खिलाड़ियों की टीम, जिनकी उम्र जांच ली जाती है वह टूर्नामेंट में हिस्सा लेती है. महासंघ के अधिकारियों का इससे कोई लेना देना नहीं है. इस प्रक्रिया का इस्तेमाल भारतीय क्रिकेट बोर्ड भी करता है."



मिनर्वा पिछले महीने भी चर्चा में थी जब उसने पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद रियल कश्मीर एफसी के खिलाफ आई-लीग मैच खेलने से मना कर दिया था.


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.