नई दिल्ली : अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के महासचिव कुशल दास ने कहा कि देश में क्लबों के लिए लाइसेंसिंग मानदंडों के तहत एक महिला टीम का होना अनिवार्य कर दिया गया है. उन्होंने साथ ही कहा कि फिलहाल ये लाइसेंस बी-स्तर से नीचे के लिए है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में इसे बढ़ाया जाएगा.
दास ने एआईएफएफ से कहा, "हमने अपने लाइसेंसिंग मानदंडों में क्लबों के लिए एक मापदंड रखा है कि उनके पास एक महिला टीम होनी चाहिए. हालांकि यह ए या बी-स्तर पर नहीं लेकिन कम से कम यह एक शुरुआत तो है. उम्मीद है कि जिस तरह से हमारे युवा विकास कार्यक्रम ने धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ी है और अब काफी अच्छा कर रही है. यही चीज हमारी महिला फुटबाल के साथ भी होगी और अधिक से अधिक क्लब हमारी राष्ट्रीय प्रतियोगिता (हीरो आईडब्ल्यूएल) में टीमों को मैदान में उतारेंगे."
देश में अगले साल फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप और एएफसी एशियाई कप 2022 का आयोजन होना है. इसका आयोजन इस साल दो से 21 नवंबर तक होना था, लेकिन कोरोनावायरस के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था और अब इसका आयोजन अगले साल 17 फरवरी से सात मार्च तक होगा.
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि क्लबों को यह महसूस करना चाहिए कि महिला फुटबाल भी बहुत महत्वपूर्ण है. महिला फुटबॉल पर महासंघ काफी ध्यान दे रहा है. मुझे लगता है कि इसमें फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 2021 और एएफसी महिला एशियाई कप 2022 मदद करेगा. क्लबों को यह समझना चाहिए कि महिला फुटबॉल पर ध्यान देना जरूरी है और हीरो आईडब्ल्यूएल में एक टीम होनी चाहिए."
आईडब्ल्यूएल ने 2019-20 में अपना चौथा सीजन पूरा किया था, जिसमें 12 टीमों ने भाग लिया था. गोकुलम केरला की टीम चैंपियन बनी थी.