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VIDEO: फुटबॉल जगत में छेत्री के हुए 15 साल पूरे, जानिए कैसा रहा कप्तान का सफर -  सुनील छेत्री

साल 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ क्वेटा में एक दोस्ताना मैच के जरिए अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में पदार्पण करने वाले भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने आज अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के 15 साल पूरे कर लिए. जानिए कैसा रहा उनका सफर.

Sunil Chettri
Sunil Chettri
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Published : Jun 12, 2020, 9:22 AM IST

Updated : Jun 12, 2020, 2:38 PM IST

हैदराबाद: जिस देश में अन्य खेलों के मुकाबले क्रिकेट को ज्यादा तव्वजो मिलती है, उसी देश में एक खिलाड़ी की अपील पर पूरा स्टेडियम खचाखच भर जाता है.

देखिए वीडियो

हमें गालियां दो, आलोचना करो लेकिन भारतीय फुटबॉल टीम को खेलते देखने स्टेडियम में आओ. ये शब्द थे भारतीय टीम के कप्तान सुनील छेत्री के.

उनके इस एक अपील के बाद मानो चमत्कार हो गया और केनिया के खिलाफ खेले गए इंटरकॉन्टिनेंटल कप में भारतीय फुटबॉल टीम के मैच से पहले ही सारे टिकट बिक गए.

इस मैच की खास बात ये थी कि छेत्री का ये 100वां अंतरराष्ट्रीय मैच था.

साल 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ क्वेटा में एक दोस्ताना मैच के जरिए अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में पदार्पण करने वाले छेत्री ने आज अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के 15 साल पूरे कर लिए.

15 years of Sunil Chhetri
सुनील छेत्री

इन 15 सालों में छेत्री ने बहुत कुछ हासिल किया है और अपनी अलग पहचान बना चुके है. अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में कदम रखने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. अपनी लगन और मेहनत से वे आगे बढ़ते रहे.

ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि छेत्री ने बहुत ही कम उम्र से ही फुटबॉल खेलना शुरू कर दिया था. मात्र 17 साल की उम्र में ही उन्होंने मोहन बगान के लिए पहली बार प्रोफेशनल फुटबॉल खेला था.

फुटबॉल तो सुनील छेत्री के खून में था. उनके माता-पिता दोनों ही फुटबॉल खेला करते थे. छेत्री की मां नेपाल की महिला टीम से फुटबॉल खेला करती थी और पिता भारतीय सेना की ओर से फुटबॉल खेलते थे.

अंतरराष्ट्रीय करियर

छेत्री के लिए साल 2007 उनकी जिंदगी का टर्निंग प्वॉइंट था. इस साल खेले गए नेहरू कप में उन्होंने कम्बोडिया के खिलाफ दो गोल दागे थे. इस मैच ने उन्हें रातों रात स्टार बना दिया और लोगों ने उनकी प्रतिभा की खूब सराहना की.

इसके बाद वे एक के बाद एक बुलंदियों की सीढ़ियां चढ़ते गए. साल 2007, 2009 और 2012 में उन्होंने भारतीय टीम को नेहरू कप जिताया. इसके अलावा साल 2011 में सैफ चैंपियनशिप में भारतीय टीम ने जीत का परचम लहराया.

15 years of Sunil Chhetri
भारतीय फुटबॉल टीम

एफसी चैलेंज कप 2008 में ताजिकिस्तान के विरुद्ध तीन गोल मारकर उन्होंने भारत को 27 साल के बाद एशिया कप के लिए प्रवेश दिलाया था. 2011 एएफसी एशियन कप में उनकी कप्तानी में टीम ने पांचवां स्थान हासिल किया.

मलेशिया में हुए 2012 एएपसी चैलेंज कप क्वालीफीकेशन के लिए छेत्री को भारतीय टीम का कप्तान चुना गया. इस टूर्नामेंट में उन्होंने कुल 21 गोल किए. अपनी बेहतरीन कप्तानी में उन्होंने भारतीय टीम को कई बार जीत का स्वाद चखाया है.

कल्ब करियर

कप्तान सुनील छेत्री ने अपने क्लब करियर की शुरुआत साल 2002 में ही कर दी थी. वे मोहन बगान के लिए खेला करते थे. इसके बाद वे 2005 में जेसीटी से जुड़ गए जहां उन्होंने 48 खेलों में 21 गोल किए. 2008 तक वे इसी क्लब के साथ बने रहे.

15 years of Sunil Chhetri
सुनील छेत्री

साल 2010 में सुनील विदेश जाने के लिए उपमहाद्वीप के तीसरे ऐसे खिलाड़ी बन गए थे जिसको मेजर लीग सॉकर में कंसास सिटी विजार्ड के लिए साइन किया गया था. विदेश जाने से पहले उन्होंने चिराग यूनाइटेड और मोहन बागान के लिए खेला था.

इसके साथ ही वे उन्होंने इंडियन सुपर लीग में बेंगलुरू एफसी और मुंबई सिटी एफसी का नेतृत्व किया. 2015 इंडियन सुपर लीग के दौरान छेत्री को मुंबई सिटी में 1.2 करोड़ रुपयो में टीम में रखा गया था, वो तब ऑक्शन में सबसे महंगे भारतीय खिलाड़ी के तौर पर बिके थे.

उपलब्धियां

भारत के महान फुटबॉलरों में शुमार छेत्री की उपलबधियों की लिस्ट काफी लंबी है. छेत्री को साल 2007, 2011, 2013, 2014, 2017 और साल 2019 में एएईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर चुना जा चुका है.

उनके नाम 115 मैचों में 72 गोल हैं. यही नहीं वो भारत की ओर से सर्वाधिक मैच खेलने वाले खिलाड़ी हैं. उनके बाद पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया (107 मैच) हैं.

गोल के मामले में छेत्री से आगे सिर्फ पुर्तगाल के दिग्गज क्रिस्टियानो रोनाल्डो ही हैं. अर्जेंटीनी स्टार लियोनल मेसी तीसरे नंबर पर हैं.

15 years of Sunil Chhetri
सुनील छेत्री

इसके साथ ही छेत्री को 2008 में एएफसी चैलेंज कप मोस्ट वेल्यूवेबल प्लेयर का भी अवॉर्ड मिल चुका है. 2011 में वे सैफ चैंपियनशिप प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब भी जीत चुके है.

साल 2008 में अर्जुन अवॉर्ड और साल 2019 में वे पद्म श्री से सम्मानित किए गए थे.

छेत्री अपनी काबिलियत के दम पर अपनी पहचान बना चुके है. इस 15 साल लंबे करियर में उन्होंने अनेको उतार-चढ़ाव देखे लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारी. उनका ये करियर आज के युवाओं के लिए प्ररेणादायक है.

हैदराबाद: जिस देश में अन्य खेलों के मुकाबले क्रिकेट को ज्यादा तव्वजो मिलती है, उसी देश में एक खिलाड़ी की अपील पर पूरा स्टेडियम खचाखच भर जाता है.

देखिए वीडियो

हमें गालियां दो, आलोचना करो लेकिन भारतीय फुटबॉल टीम को खेलते देखने स्टेडियम में आओ. ये शब्द थे भारतीय टीम के कप्तान सुनील छेत्री के.

उनके इस एक अपील के बाद मानो चमत्कार हो गया और केनिया के खिलाफ खेले गए इंटरकॉन्टिनेंटल कप में भारतीय फुटबॉल टीम के मैच से पहले ही सारे टिकट बिक गए.

इस मैच की खास बात ये थी कि छेत्री का ये 100वां अंतरराष्ट्रीय मैच था.

साल 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ क्वेटा में एक दोस्ताना मैच के जरिए अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में पदार्पण करने वाले छेत्री ने आज अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के 15 साल पूरे कर लिए.

15 years of Sunil Chhetri
सुनील छेत्री

इन 15 सालों में छेत्री ने बहुत कुछ हासिल किया है और अपनी अलग पहचान बना चुके है. अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में कदम रखने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. अपनी लगन और मेहनत से वे आगे बढ़ते रहे.

ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि छेत्री ने बहुत ही कम उम्र से ही फुटबॉल खेलना शुरू कर दिया था. मात्र 17 साल की उम्र में ही उन्होंने मोहन बगान के लिए पहली बार प्रोफेशनल फुटबॉल खेला था.

फुटबॉल तो सुनील छेत्री के खून में था. उनके माता-पिता दोनों ही फुटबॉल खेला करते थे. छेत्री की मां नेपाल की महिला टीम से फुटबॉल खेला करती थी और पिता भारतीय सेना की ओर से फुटबॉल खेलते थे.

अंतरराष्ट्रीय करियर

छेत्री के लिए साल 2007 उनकी जिंदगी का टर्निंग प्वॉइंट था. इस साल खेले गए नेहरू कप में उन्होंने कम्बोडिया के खिलाफ दो गोल दागे थे. इस मैच ने उन्हें रातों रात स्टार बना दिया और लोगों ने उनकी प्रतिभा की खूब सराहना की.

इसके बाद वे एक के बाद एक बुलंदियों की सीढ़ियां चढ़ते गए. साल 2007, 2009 और 2012 में उन्होंने भारतीय टीम को नेहरू कप जिताया. इसके अलावा साल 2011 में सैफ चैंपियनशिप में भारतीय टीम ने जीत का परचम लहराया.

15 years of Sunil Chhetri
भारतीय फुटबॉल टीम

एफसी चैलेंज कप 2008 में ताजिकिस्तान के विरुद्ध तीन गोल मारकर उन्होंने भारत को 27 साल के बाद एशिया कप के लिए प्रवेश दिलाया था. 2011 एएफसी एशियन कप में उनकी कप्तानी में टीम ने पांचवां स्थान हासिल किया.

मलेशिया में हुए 2012 एएपसी चैलेंज कप क्वालीफीकेशन के लिए छेत्री को भारतीय टीम का कप्तान चुना गया. इस टूर्नामेंट में उन्होंने कुल 21 गोल किए. अपनी बेहतरीन कप्तानी में उन्होंने भारतीय टीम को कई बार जीत का स्वाद चखाया है.

कल्ब करियर

कप्तान सुनील छेत्री ने अपने क्लब करियर की शुरुआत साल 2002 में ही कर दी थी. वे मोहन बगान के लिए खेला करते थे. इसके बाद वे 2005 में जेसीटी से जुड़ गए जहां उन्होंने 48 खेलों में 21 गोल किए. 2008 तक वे इसी क्लब के साथ बने रहे.

15 years of Sunil Chhetri
सुनील छेत्री

साल 2010 में सुनील विदेश जाने के लिए उपमहाद्वीप के तीसरे ऐसे खिलाड़ी बन गए थे जिसको मेजर लीग सॉकर में कंसास सिटी विजार्ड के लिए साइन किया गया था. विदेश जाने से पहले उन्होंने चिराग यूनाइटेड और मोहन बागान के लिए खेला था.

इसके साथ ही वे उन्होंने इंडियन सुपर लीग में बेंगलुरू एफसी और मुंबई सिटी एफसी का नेतृत्व किया. 2015 इंडियन सुपर लीग के दौरान छेत्री को मुंबई सिटी में 1.2 करोड़ रुपयो में टीम में रखा गया था, वो तब ऑक्शन में सबसे महंगे भारतीय खिलाड़ी के तौर पर बिके थे.

उपलब्धियां

भारत के महान फुटबॉलरों में शुमार छेत्री की उपलबधियों की लिस्ट काफी लंबी है. छेत्री को साल 2007, 2011, 2013, 2014, 2017 और साल 2019 में एएईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर चुना जा चुका है.

उनके नाम 115 मैचों में 72 गोल हैं. यही नहीं वो भारत की ओर से सर्वाधिक मैच खेलने वाले खिलाड़ी हैं. उनके बाद पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया (107 मैच) हैं.

गोल के मामले में छेत्री से आगे सिर्फ पुर्तगाल के दिग्गज क्रिस्टियानो रोनाल्डो ही हैं. अर्जेंटीनी स्टार लियोनल मेसी तीसरे नंबर पर हैं.

15 years of Sunil Chhetri
सुनील छेत्री

इसके साथ ही छेत्री को 2008 में एएफसी चैलेंज कप मोस्ट वेल्यूवेबल प्लेयर का भी अवॉर्ड मिल चुका है. 2011 में वे सैफ चैंपियनशिप प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब भी जीत चुके है.

साल 2008 में अर्जुन अवॉर्ड और साल 2019 में वे पद्म श्री से सम्मानित किए गए थे.

छेत्री अपनी काबिलियत के दम पर अपनी पहचान बना चुके है. इस 15 साल लंबे करियर में उन्होंने अनेको उतार-चढ़ाव देखे लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारी. उनका ये करियर आज के युवाओं के लिए प्ररेणादायक है.

Last Updated : Jun 12, 2020, 2:38 PM IST
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