नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के बाएं हाथ के बल्लेबाज और 2011 की विश्व कप विजेता टीम के प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे युवराज सिंह का आज जन्मदिन है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने उनके जन्मदिन पर उनकी उपलब्धियों को याद करते हुए उनको जन्मदिन की बधाई दी है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने उनके 402 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 11,778 रन बनाने के साथ-साथ 17 की पारी खेलने और 148 इंटरनेशनल विकेट लेने की बधाई दी है. इसके साथ ही साथ भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने 2007 की आईसीसी T-20वर्ल्ड चैंपियनशिप और 2011 के आईसीसी वर्ल्ड कप विजेता टीम में शामिल होने वाले युवराज सिंह एक तस्वीर साझा की है, जिसमें वह आक्रामक शॉट लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं.
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— BCCI (@BCCI) December 12, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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Wishing the legendary @YUVSTRONG12 - former #TeamIndia all-rounder and 2️⃣0️⃣0️⃣7️⃣ ICC World T20 Championship & 2️⃣0️⃣1️⃣1️⃣ ICC World Cup-winner - a very happy birthday 🎂 👏 pic.twitter.com/S6w7T5iXZK
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आपको बता दें कि युवराज सिंह का जन्म 12 दिसंबर, 1981 को पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह के घर हुआ था. अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी के साथ साथ उपयोगी स्पिन गेंदबाज़ी और ज़बरदस्त फील्डिंग के लिए दुनिया के बेहतरीन क्रिकेट खिलाड़ियों में गिने जाते रहे हैं.
बताया जाता है कि उनके पिता ने बहुत कम उम्र में ही उन्हें क्रिकेट के लिए तैयार करने का मन बनाया था. इसके लिए उनको प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया था. 13 साल की उम्र में उन्होंने पंजाब की अंडर-16 टीम में और फिर अंडर-19 टीम में प्रवेश करके अपनी प्रतिभा का परिचय दिया था. साल 1997 में युवराज ने अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर की शुरुआत की और उसके बाद एक के बाद एक रिकॉर्ड बनाते चले गए.
बाएं हाथ के विस्फोटक बल्लेबाज के रूप में युवराज सिंह सबसे पहले वह तब लाइमलाइट में आये जब भारत की अंडर-19 टीम के लिए खेलते हुए उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 55 गेंदों में 89 रन ठोके. वह 2000 में अंडर-19 विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य के रूप में शानदार प्रदर्शन करते हुए मैन ऑफ द सीरीज़ का पुरस्कार भी जीता था. इसके बाद ही उनको 2000 में उन्हें भारतीय टीम में शामिल होने का मौका मिला.
हालांकि 2001 और 2002 में युवराज को खराब फॉर्म के कारण टीम से बाहर होना पड़ा था, लेकिन उसी साल ज़िम्बाब्वे के खिलाफ श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन कर उन्होंने राष्ट्रीय टीम में अपनी जोरदार वापसी की. 2002 की नेटवेस्ट श्रृंखला के फाइनल में उन्होंने मोहम्मद कैफ के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 121 रनों की साझेदारी को आज भी यादगार पारियों के रुप में याद किया जाता है, जिसमें युवराज ने 63 गेंदों में 69 रनों की पारी खेलकर भारत को जीत दिलाई थी.
बाएं हाथ के विस्फोटक बल्लेबाज के रूप में युवराज सिंह ने 2007 में टी-20 विश्व कप में टीम के उपकप्तान बनाए गए थे. इस विश्व कप में उन्होंने इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड को एक ओवर में 6 छक्के लगाकर इतिहास रच दिया था. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में 30 गेंदों पर 70 रन बनाकर टीम को फाइनल में पहुंचाने में मदद की थी.
इसके साथ ही अपने आलराउंडर प्रदर्शन की बदौलत उन्होंने विश्व कप 2011 में 'मैन ऑफ द सीरीज़' का पुरस्कार भी जीता था. इस विश्व कप में युवराज ने 300 रन से ज़्यादा रन बनाए और 15 विकेट लिए थे.
युवराज के करियर का कठिन दौर विश्व कप 2011 के बाद एक कठिन दौर भी आया. कैंसर की बीमारी होने के बाद वह कमजोर होते गए. इसके इलाज के लिए वह अमेरिका गए और ठीक होने के दो साल बाद उन्होंने टीम में वापसी की. लेकिन सर्जरी के बाद कुछ अच्छी पारियां खेलने के बावजूद युवराज फिटनेस समस्याओं के चलते फिलहाल भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं. उसके बाद वह केवल आईपीएल में खेलते नजर आए.
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