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Yashasvi Jaiswal के डेब्यू टेस्ट शतक से गदगद हैं बचपन के कोच ज्वाला सिंह, बोले- मुझे अहसास था कि जायसवाल शानदार आगाज करेगा

वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट में शतक बनाकर भारत के युवा स्टार बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने इतिहास रच दिया है. जायसवाल के इस कारनामे से उनके बचपन के गुरू ज्वाला सिंह भी बेहद गदगद हैं. इस खबर में जानिए जायसवाल के बचपन के कोच ने उनके इस शतक के बाद क्या प्रतिक्रियाएं दी हैं.

coach Jwala Singh on Yashasvi Jaiswal debut Test century
यशस्वी जायसवाल के कोच ज्वाला सिंह
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Published : Jul 14, 2023, 5:08 PM IST

पुणे : यशस्वी जायसवाल को बचपन के दिनों में क्रिकेट का ककहरा सिखाने वाले कोच ज्वाला सिंह को उम्मीद थी कि राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के बाद उनका शिष्य शानदार प्रदर्शन करेगा और इस वामहस्त युवा बल्लेबाज ने उन्हें निराश भी नहीं किया.

21 साल के इस खब्बू बल्लेबाज ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने पदार्पण टेस्ट में शतकीय पारी खेली. वह शतक के साथ टेस्ट करियर का आगाज करने वाले भारत के 17वें बल्लेबाज बने. वह 350 गेंद में 143 रन पर नाबाद है जिससे भारत ने मैच के दूसरे दिन अपनी पहली पारी में 162 रन की बढ़त कायम कर ली.

ज्वाला ने ब्रिटेन से 'पीटीआई-भाषा' को दिये इंटरव्यू में कहा, 'मैं उसके खेल में विकास होता देख खुश हूं. मुझे इसका अहसास था कि वह अच्छी शुरुआत करेगा. उसने आईपीएल में चार शानदार सत्र बिताये और घरेलू क्रिकेट में भी रनों का अंबार लगाया. उसने आईपीएल में दबाव की स्थिति में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों का सामना किया है.

यशस्वी के कोच ने कहा, 'उसे यह पता है कि शीर्ष श्रेणी के गेंदबाजों का सामना कैसे करना है. एक खिलाड़ी के तौर पर रन बनाने की आदत होना जरूरी है. एक कोच के रूप में मैं हमेशा अपने खिलाड़ियों को गेंदबाज को नहीं बल्कि गेंद को परखने और उसकी योग्यता पर खेलने के बारे में सिखाता हूं'. उन्होंने कहा, 'किसी भी प्रारूप में मैदान में हमेशा नौ क्षेत्ररक्षक होंगे चाहे वह टी20 हो या वनडे या टेस्ट. एक बल्लेबाज के रूप में आपको वर्तमान में रहना होगा और प्रत्येक गेंद को योग्यता के आधार पर सामना करना होगा और अपनी क्षमता पर विश्वास करना होगा'.

ज्वाला ने कहा, 'मुझे खुशी है कि यशस्वी मैदान पर ऐसा करने में सक्षम है और मुझे सही साबित कर रहा है'. जायसवाल 10 साल की उम्र में मुंबई के दादर आये थे और उन्होंने आजाद मैदान में क्रिकेट प्रशिक्षण लेना शुरू किया था'.

जायसवाल इस दौरान टेस्ट पदार्पण पर शतक जड़ने वाले मुंबई के लगातार चौथे बल्लेबाज बने. उनसे पहले श्रेयस अय्यर (बनाम न्यूजीलैंड, 2021), पृथ्वी शॉ (बनाम वेस्टइंडीज, 2018) और मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा (बनाम वेस्टइंडीज, 2013) ने ऐसा किया था.

ज्वाला ने कहा, 'मुझे लगता है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह बहुत अच्छी शुरुआत होगी, लेकिन उसे अपनी बल्लेबाजी को सरल बनाए रखने की जरूरत है. एक खिलाड़ी के रूप में टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना महत्वपूर्ण है, टीम के लिए रन बनाना किसी भी खिलाड़ी का काम है.

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(इनपुट: पीटीआई भाषा)

पुणे : यशस्वी जायसवाल को बचपन के दिनों में क्रिकेट का ककहरा सिखाने वाले कोच ज्वाला सिंह को उम्मीद थी कि राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के बाद उनका शिष्य शानदार प्रदर्शन करेगा और इस वामहस्त युवा बल्लेबाज ने उन्हें निराश भी नहीं किया.

21 साल के इस खब्बू बल्लेबाज ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने पदार्पण टेस्ट में शतकीय पारी खेली. वह शतक के साथ टेस्ट करियर का आगाज करने वाले भारत के 17वें बल्लेबाज बने. वह 350 गेंद में 143 रन पर नाबाद है जिससे भारत ने मैच के दूसरे दिन अपनी पहली पारी में 162 रन की बढ़त कायम कर ली.

ज्वाला ने ब्रिटेन से 'पीटीआई-भाषा' को दिये इंटरव्यू में कहा, 'मैं उसके खेल में विकास होता देख खुश हूं. मुझे इसका अहसास था कि वह अच्छी शुरुआत करेगा. उसने आईपीएल में चार शानदार सत्र बिताये और घरेलू क्रिकेट में भी रनों का अंबार लगाया. उसने आईपीएल में दबाव की स्थिति में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों का सामना किया है.

यशस्वी के कोच ने कहा, 'उसे यह पता है कि शीर्ष श्रेणी के गेंदबाजों का सामना कैसे करना है. एक खिलाड़ी के तौर पर रन बनाने की आदत होना जरूरी है. एक कोच के रूप में मैं हमेशा अपने खिलाड़ियों को गेंदबाज को नहीं बल्कि गेंद को परखने और उसकी योग्यता पर खेलने के बारे में सिखाता हूं'. उन्होंने कहा, 'किसी भी प्रारूप में मैदान में हमेशा नौ क्षेत्ररक्षक होंगे चाहे वह टी20 हो या वनडे या टेस्ट. एक बल्लेबाज के रूप में आपको वर्तमान में रहना होगा और प्रत्येक गेंद को योग्यता के आधार पर सामना करना होगा और अपनी क्षमता पर विश्वास करना होगा'.

ज्वाला ने कहा, 'मुझे खुशी है कि यशस्वी मैदान पर ऐसा करने में सक्षम है और मुझे सही साबित कर रहा है'. जायसवाल 10 साल की उम्र में मुंबई के दादर आये थे और उन्होंने आजाद मैदान में क्रिकेट प्रशिक्षण लेना शुरू किया था'.

जायसवाल इस दौरान टेस्ट पदार्पण पर शतक जड़ने वाले मुंबई के लगातार चौथे बल्लेबाज बने. उनसे पहले श्रेयस अय्यर (बनाम न्यूजीलैंड, 2021), पृथ्वी शॉ (बनाम वेस्टइंडीज, 2018) और मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा (बनाम वेस्टइंडीज, 2013) ने ऐसा किया था.

ज्वाला ने कहा, 'मुझे लगता है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह बहुत अच्छी शुरुआत होगी, लेकिन उसे अपनी बल्लेबाजी को सरल बनाए रखने की जरूरत है. एक खिलाड़ी के रूप में टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना महत्वपूर्ण है, टीम के लिए रन बनाना किसी भी खिलाड़ी का काम है.

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(इनपुट: पीटीआई भाषा)

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