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विवियन रिचर्डस के खिलाफ और गावस्कर के साथ नहीं खेलने का मलाल रहेगा : तेंदुलकर

तेंदुलकर ने कहा, "मुझे दो बातों का मलाल है. पहला ये कि मैं कभी भी सुनील गावस्कर के साथ नहीं खेल पाया. जब मैं बड़ा हो रहा था तो गावस्कर मेरे बैटिंग हीरो थे. एक टीम के तौर पर उनके साथ नहीं खेलने का हमेशा मलाल रहेगा. वो मेरे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने से कुछ पहले ही संन्यास ले चुके थे."

sachin tendulkar
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Published : May 30, 2021, 1:30 PM IST

मुंबई: भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि दो दशक से भी अधिक समय तक शानदार करियर रहने के बावजूद उन्हें अपने जीवन में हमेशा दो बातों का मलाल रहेगा.

तेंदुलकर ने कहा, "मुझे दो बातों का मलाल है. पहला ये कि मैं कभी भी सुनील गावस्कर के साथ नहीं खेल पाया. जब मैं बड़ा हो रहा था तो गावस्कर मेरे बैटिंग हीरो थे. एक टीम के तौर पर उनके साथ नहीं खेलने का हमेशा मलाल रहेगा. वो मेरे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने से कुछ पहले ही संन्यास ले चुके थे."

2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने वाले तेंदुलकर के नाम अभी भी टेस्ट और वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड है. भारत के लिए 200 टेस्ट और 463 वनडे मैच खेलने वाले तेंदुलकर के नाम टेस्ट में 51 और वनडे में 49 शतक दर्ज हैं.

उन्होंने कहा, "मेरे बचपन के हीरो सर विवियन रिचर्डस के खिलाफ नहीं खलेने का मेरा दूसरा मलाल है. मैं भाग्यशाली था कि मैं उनके खिलाफ काउंटी क्रिकेट में खेल पाया लेकिन मुझे अब भी उनके खिलाफ एक इंटरनेशनल मैच नहीं खेल पाने का मलाल है. भले ही रिचर्डस साल 1991 में रिटायर्ड हुए और हमारे करियर में कुछ साल उतार चढाव के हैं, लेकिन हमें एक-दूसरे के खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिला."

मुंबई: भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि दो दशक से भी अधिक समय तक शानदार करियर रहने के बावजूद उन्हें अपने जीवन में हमेशा दो बातों का मलाल रहेगा.

तेंदुलकर ने कहा, "मुझे दो बातों का मलाल है. पहला ये कि मैं कभी भी सुनील गावस्कर के साथ नहीं खेल पाया. जब मैं बड़ा हो रहा था तो गावस्कर मेरे बैटिंग हीरो थे. एक टीम के तौर पर उनके साथ नहीं खेलने का हमेशा मलाल रहेगा. वो मेरे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने से कुछ पहले ही संन्यास ले चुके थे."

2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने वाले तेंदुलकर के नाम अभी भी टेस्ट और वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड है. भारत के लिए 200 टेस्ट और 463 वनडे मैच खेलने वाले तेंदुलकर के नाम टेस्ट में 51 और वनडे में 49 शतक दर्ज हैं.

उन्होंने कहा, "मेरे बचपन के हीरो सर विवियन रिचर्डस के खिलाफ नहीं खलेने का मेरा दूसरा मलाल है. मैं भाग्यशाली था कि मैं उनके खिलाफ काउंटी क्रिकेट में खेल पाया लेकिन मुझे अब भी उनके खिलाफ एक इंटरनेशनल मैच नहीं खेल पाने का मलाल है. भले ही रिचर्डस साल 1991 में रिटायर्ड हुए और हमारे करियर में कुछ साल उतार चढाव के हैं, लेकिन हमें एक-दूसरे के खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिला."

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