नई दिल्ली : पूर्व भारतीय क्रिकेटर और बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ ने विराट कोहली के अगले साल 4 से 30 जून तक वेस्टइंडीज और अमेरिका में होने वाले टी20 विश्व कप में खेलने की जोरदार वकालत की है और उसके कारण भी गिनाए हैं. कोहली को कई पीढ़ियों के क्रिकेटरों से आगे रखते हुए उनके लिए पैरवी की और कहा कि अगला टी-20 विश्वकप उनको जरूर खेलना चाहिए.
बांगड़ ने एक यूट्यूब चैनल 'क्रिकेट बसु' से कहा-
“सौ फीसदी उन्हें टी20 टीम में होना चाहिए. उन्होंने पिछले टी20 विश्व कप और उन करीबी मैचों में क्या किया, मुझे इसका कारण समझ नहीं आता कि वह टी20 क्रिकेट और अगले साल के टी20 विश्व कप में क्यों नहीं खेलते दिखेंगे.."
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“आप जानते हैं कि बड़ी स्थितियों में जहाँ भावनाएँ बहुत अधिक होती हैं, एक छोटी सी गलती आपको महंगी पड़ सकती है. आपको बड़े खिलाड़ियों की जरूरत है जो उन परिस्थितियों से गुजरे हों. उस समय, यह वास्तव में मायने नहीं रखता कि आपका स्ट्राइक-रेट क्या है, या आपने आईपीएल में क्या किया है, बड़े खेलों में आपको बड़े मैच वाले खिलाड़ियों की आवश्यकता होती है. ..कोहली ने भारत-पाकिस्तान मैच में ऐसा जज्बा दिखाया है..''
रेलवे के पूर्व कप्तान और ऑलराउंडर बांगर ने यह भी स्पष्ट किया कि उच्चतम स्तर पर बल्लेबाजी का मतलब केवल चौके और छक्के लगाना नहीं है. यह एक और दो रन बनाने के बारे में भी है जो कोहली को कई पीढ़ियों के क्रिकेटरों से आगे रखता है.
ऑलराउंडर बांगर ने समझाया-
“हर किसी की स्कोरिंग की शैली होती है और इसका मतलब यह नहीं है कि केवल बड़े हिटर ही गेम जीत सकते हैं. अगर ऐसा होता तो वेस्टइंडीज की टीम सभी टी20 वर्ल्ड कप जीत जाती. विराट कोहली ऐसे बल्लेबाज हैं जो बिना छक्का लगाए भी शतक बना सकते हैं और उसने ऐसा किया है. गुजरात टाइटंस के खिलाफ उन्होंने एक भी छक्का नहीं लगाया और फिर भी शतक बनाया. उनके सभी शॉट ग्राउंडेड थे और यह विराट कोहली के बारे में बहुत कुछ बताता है.''
इसके बाद बांगड़ ने कहा कि विराट खेल के दिग्गज हैं और उनके कद के कारण लोग उनसे खास तरह से जुड़ते हैं.
ऑलराउंडर बांगर ने कहा-
“विराट ने कपिल देव, सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग जैसे क्रिकेटरों की पीढ़ी से प्रेरणा ली है. वह एक अग्रणी हैं. उन्होंने मैदान पर फिटनेस मानकों और आक्रामकता को फिर से परिभाषित किया है. ऑस्ट्रेलिया को उनकी सरजमीं पर हराना विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम के लिए काफी बड़ी उपलब्धि थी. हर इंच के लिए लड़ने की उनकी कप्तानी की शैली और उनके बल्लेबाजी कौशल ने उन्हें एक बहुत ही खास क्रिकेटर बना दिया."
बांगड़ ने भारतीय क्रिकेट के स्वर्णिम काल उसी समय माना जाता है, जब टीम को आईसीसी रेटिंग में नंबर एक स्थान दिया गया था. उन दिनों को याद करते हुए कहा कि उस समय सब कुछ अच्छा रहा. उस चरण के दौरान हमारी गेंदबाजी भी अच्छी रही. अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा ने सबसे ज्यादा रन बनाए. उस समय भारतीय टीम ने विराट की कप्तानी में विशेष प्रदर्शन किया.
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---आईएएनएस के इनपुट के साथ