पोर्ट ऑफ स्पेन : एक समय ऐसा था जब वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों से पूरी दुनिया के बल्लेबाज खौफ खाते थे. 22 गज की पिच पर खड़े होकर तेज गेंदबाजों का सामना करना काफी दिलदहलाने वाला लगता था. अब वेस्टइंडीज की गेंदबाजी में वो पुरानी धार नहीं दिख रही है, जिससे न सिर्फ युवा बल्लेबाज यशस्वी जयसवाल बल्कि रोहित शर्मा व विराट कोहली जैसे दिग्गज बल्लेबाज बैटिंग में अपनी छाप छोड़ रहे हैं.
भारत के बल्लेबाज वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में बहुत ही सोच समझकर बल्लेबाजी कर रहे हैं. कप्तान रोहित शर्मा और यशस्वी जयसवाल के द्वारा की गई अच्छी शुरुआत के बाद अचानक 4 विकेट गिर जाने के कारण भारतीय क्रिकेट टीम बैकफुट पर जाने लगी थी, लेकिन विराट कोहली और रविंद्र जडेजा ने शतकीय साझेदारी करते हुए टीम को संकट से बाहर निकाला. कोहली के बाद खेलने आए रहाणे ने उनसे पहले सिंगल लेकर खाता खोला, लेकिन कोहली खाता खोलने के लिए अच्छी गेंद का इंतजार करते रहे.
ध्यान देने वाली बात यह है कि सपाट पिच पर भी विराट कोहली ने अपनी पारी शुरू करने के लिए मैदान पर उतरे तो उनको पहला रन बनाने के लिए कुल सात ओवरों से अधिक का समय लग गया और कोहली ने जब अपनी पारी का पहला रन 21वीं गेंद खेलते हुए बनाया. इसके पहले वह 20 गेंदों तक पिच का मिजाज समझते रहे है और 21वीं गेंद पर अल्जारी जोसेफ को चौका लगाकर चौके से स्कोरिंग शुरू की. इसके बाद भी वह एक दम से अक्रामक नहीं हुए और जब कमजोर गेंद मिली तभी बाउंड्री लगाने की कोशिश की.
इसके विराट कोहली ने दूसरा चौका अल्जारी की गेंद पर अपने द्वारा खेली गयी 28वीं गेंद पर ही लगा दिया और इसी चौके के साथ वह दोहरे अंक में पहुंच गए. इसके बाद कोहली ही नहीं टीम इंडिया को अगले 9 ओवरों तक कोई बाउंड्री नहीं मिली. फिर कोहली ने अपनी पारी की 59वीं गेंद पर अपना तीसरा चौका जड़ा. इसके बाद कोहली ने केमार रोच को खेलते हुए अपनी पारी की 68वीं और 69वीं गेंद पर लगातार 2 चौके मार दिए. जिससे थोड़ा सा दबाव कम होने लगा.
कोहली का अगला चौका उनकी पारी की 97वीं गेंद पर आया, जब वॉरिकन की गेंद को शानदार कवर ड्राइव के जरिए सीमा रेखा के पार भेजा.
विराट कोहली ने पारी का सातवां चौका पारी की 118वीं गेंद पर आया जब अल्जारी जोसेफ की बाउंसर को फाइन लेग बाउंड्री की तरफ भेज दिया. पहले दिन के खेल का आखिरी व विराट कोहली का आठवां चौका 142वीं गेंद पर आया जब कोहली ने वॉरिकन को स्लैश करके चौका जड़ा और टीम के लिए जडेजा के साथ 100 रन की साझेदारी पूरी की.
इस तरह से देखा जाए तो विराट कोहली काफी समझदारी के साथ बल्लेबाजी करते देखे जा रहे हैं. वह ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करके विकेट गंवाने के बजाय मैदान पर खड़े होकर कमजोर गेदों का इंतजार करने की कोशिश कर रहे हैं. इस दौरान जब भी कोई कमजोर गेंद या उनके जोन में गेंद मिल रही है तो ही वह बाउंड्री लगाने की कोशिश कर रहे हैं. कोहली की यह बल्लेबाजी शैली टीम के लिए फायदेमंद साबित हो रही है. पहले टेस्ट में अर्धशतक बनाने वाले कोहली दूसरे टेस्ट में शतक की ओर बढ़ रहे हैं और आज उनसे करियर के 76वें शतक की उम्मीद है.