मुंबई: भारत के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के आत्मविश्वास के स्तर की प्रशंसा की है. साथ ही कहा कि उन्होंने 2007 टी20 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ ग्रुप मैच जीतने वाली टीम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उथप्पा ने कहा कि डरबन में टी20 विश्व कप के पहले सीजन में चिर-प्रतिद्वंद्वी द्वारा रोमांचक खेल खेलने के बाद 14 सितंबर, 2007 की यादें हमेशा ताजा रहेगी. यह एक ऐसा मैच था जो आने वाली चीजों का संकेत था, क्योंकि भारतीय क्रिकेट में धोनी युग की शुरूआत टूर्नामेंट में इस शानदार जीत के साथ हुई थी.
बल्लेबाजी के लिए उतरी भारत ने उथप्पा के शानदार अर्धशतक और धोनी के 33 रनों की मदद से अपने 20 ओवरों में 141/9 का स्कोर बनाया, जिसमें मोहम्मद आसिफ ने पाकिस्तान के लिए चार विकेट लिए थे. रन चेज में मैच काफी रोमांचक हो रहा था. भले ही पाकिस्तान ने नियमित अंतराल पर विकेट गंवाए, लेकिन मिस्बाह-उल-हक ने पाकिस्तान को मैच में बनाए रखा था. अंतिम छह गेंदों पर 12 रनों की जरूरत थी और एस श्रीसंत को अंतिम ओवर फेंकने की जिम्मेदारी दी गई.
पाकिस्तान ने पहली पांच गेंदों में 11 रन बनाए और आखिरी गेंद पर जीत के लिए एक रन की जरूरत थी. इसके बाद मिस्बाह ने सिंगल लेने का प्रयास किया, लेकिन युवराज सिंह के थ्रो ने उन्हें रन आउट करा दिया. मैच टाई पर समाप्त हुआ, जिसके परिणामस्वरूप एक 'बोउल आउट' (Bowl-out) हुआ.
जबकि यासिर अराफात, उमर गुल और शाहिद अफरीदी को पाकिस्तान द्वारा गेंदबाजों के रूप में नामित किया गया था, भारत ने हरभजन सिंह, वीरेंद्र सहवाग और उथप्पा को चुना. भारतीय गेंदबाजों ने अपने तीन प्रयासों में से प्रत्येक में स्टंप्स को मारा, जबकि पाकिस्तानी गेंदबाज ऐसा करने में असफल रहे. नतीजतन, भारत ने 'बोउल आउट' जीत लिया, और टी20 विश्व कप में अपनी पहली जीत दर्ज की.
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चेन्नई सुपर किंग डॉट कॉम पर मैच को याद करते हुए, उथप्पा ने कहा कि धोनी के नेतृत्व में मैच को रोमांचक बनाया और आखिरी में जीत दिलाई. उथप्पा ने कहा, मुझे याद है कि जब हमने उस खेल को टाई किया था, तब हम ड्रेसिंग रूम में गए और पता चला कि यह एक 'बोउल आउट' है, मैं सीधे एमएस (धोनी) के पास गया, और मैंने कहा - 'भाई, मुझे गेंदबाजी करनी है, ' और उन्होंने एक पलक भी नहीं झपकाई. उन्होंने सिर्फ हां कहा, ठीक है, आप गेंदबाजी करेंगे.
उन्होंने कहा, मेरे लिए जब मैं इसे पीछे मुड़कर देखता हूं (यह) मुझे समझ में आता है कि वह किस तरह के लीडर थे. वह उस तरह के इंसान थे, जब आप वास्तव में अपने कौशल और अपनी क्षमता के बारे में सुनिश्चित होते हैं, तो वह इसका समर्थन करते हैं. भारत ने फाइनल में भी जीत हासिल की, 24 सितंबर, 2007 को जोहान्सबर्ग में पाकिस्तान को पांच रन से हरा दिया था.
आईएएनएस