नई दिल्ली: भारत ने 17 अक्टूबर से होने वाले टी-20 विश्व कप के लिए बुधवार रात 18 सदस्यीय भारतीय टीम घोषित की, जिसमें तीन स्टैंडबाई खिलाड़ी शामिल हैं. अश्विन को भी इस टीम में जगह दी गई है. भारत टी-20 विश्व कप में ग्रुप-2 में शामिल हैं, जिसमें चिरप्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान भी है.
आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में दूसरे स्थान पर मौजूद अश्विन को इंग्लैड के खिलाफ चल रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले चार मुकाबलों में एकादश में जगह नहीं दी गई. इस फैसले पर कई पूर्व क्रिकेटर और विशेषज्ञों ने हैरानी जताई. लेकिन अश्विन का टी-20 विश्व कप के लिए टीम में शामिल होना यह दर्शाता है कि चयनकर्ताओं ने युवा जोश के साथ-साथ अनुभव को भी महत्व दिया है.
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भारत ने टी-20 विश्व कप 2007 में जीता था और इसके बाद से उसने अब तक इस टूर्नामेंट का खिताब नहीं जीता है. अश्विन इसके चार साल बाद 2011 में हुए वनडे विश्व कप टीम का हिस्सा थे, जिसने फाइनल में श्रीलंका को हराकर खिताब जीता था.
अश्विन ने 12 जून 2010 को जिम्बाब्वे के खिलाफ टी-20 में डेब्यू किया था और उन्होंने भारत के लिए अपना आखिरी टी-20 मैच नौ जुलाई 2017 को वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला. इसके बाद से अश्विन अब तक भारतीय टी-20 टीम में शामिल नहीं रहे. हालांकि, चार साल के लंबे अंतराल के बाद उनकी टी-20 टीम में वापसी हुई है.
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अश्विन ने भले ही पिछले चार साल से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टी-20 मुकाबला नहीं खेला हो, लेकिन वह इस दौरान लगातार आईपीएल में खेलते आए हैं. अश्विन ने 159 आईपीएल मैचों में 27.68 के औसत से 139 विकेट लिए हैं. इसके अलावा उन्होंने 46 टी-20 मैचों में 22.94 के औसत से 52 विकेट लिए हैं.
अश्विन का अनुभव को भारत को टी-20 विश्व कप में सफलता दिलवा सकता है, जो करीब 14 साल का सूखा खत्म कर इस टूर्नामेंट का खिताब जीतने के इरादे से उतरेगा. हालांकि, यह आने वाला वक्त ही बताएगा कि टीम मैनजमेंट अश्विन का कितना उपयोग करता है.