नयी दिल्ली : शिखर धवन के लिए हिचकिचाहट और फैसले लेने में अनिश्चितता अब बीती बात हो गई है और वह कप्तान के रूप में ऐसे निर्णय करने में नहीं हिचकिचाते हैं जो किसी खिलाड़ी को भले ही अच्छा न लगे लेकिन उससे टीम को फायदा पहुंचता है. बाएं हाथ का यह बल्लेबाज न्यूजीलैंड के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाली तीन एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की श्रंखला में भारतीय टीम की कमान संभालने के लिए तैयार हैं. वह इन खिलाड़ियों को मौका दे सकते हैं, जिन्हें टी20 सीरीज में किसी मैच में मौका नहीं मिला. शुभमान गिल व संजू सैमसन को वह टीम में शामिल कर सकते हैं.
यह पहला अवसर नहीं है जबकि धवन टीम की कप्तानी करेंगे. इससे पहले भी वह कुछ अवसरों पर भारत की दूसरी श्रेणी की टीम की अगुवाई कर चुके हैं. उनके नेतृत्व में भारत ने श्रीलंका के खिलाफ 3-2 से और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2-1 से जीत दर्ज की थी. टीम को उनके कप्तान रहते हुए वेस्टइंडीज से 1-4 से हार का सामना करना पड़ा था. दिल्ली के इस बल्लेबाज ने कहा कि समय के साथ उनकी निर्णय लेने की क्षमता में सुधार हुआ है.
धवन ने कहा, ''आप जितना अधिक खेलते हैं, आप अपने फैसलों को लेकर उतने अधिक आश्वस्त रहते हैं. इससे पहले ऐसे भी मौके आते थे जबकि मैं किसी गेंदबाज के प्रति सम्मान दिखाते हुए उसे अतिरिक्त ओवर दे देता था. लेकिन अब मैं परिपक्व हो गया हूं और अगर किसी को बुरा भी लगे तब भी मैं वह फैसला करूंगा, जिससे टीम को फायदा पहुंचे.’’ नेतृत्व कौशल को लेकर आगे बात करते हुए धवन ने कहा कि संतुलन बनाए रखना और खिलाड़ियों का भरोसा जीतना महत्वपूर्ण होता है. वह बमुश्किल ही दबाव महसूस करते हैं और अपने आसपास का माहौल खुशनुमा रखते हैं.
धवन ने कहा, ''जब आप किसी तार वाले वाद्य यंत्र पर संगीत बजाते हैं तो यदि तार बहुत ढीला है तो उसका स्वर अच्छा नहीं आएगा या यदि तार बहुत कसा गया है तो वह टूट जाएगा. इसलिए यह संतुलन पैदा करने से जुड़ा हुआ है. कप्तान के रूप में संतुलन पैदा करना महत्वपूर्ण होता है.’’
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कप्तान शिखर धवन ने कहा, ''आपको यह पता होना चाहिए कि कब तार को कसना है और कब उसे थोड़ा ढीला छोड़ना है. यह समय पर निर्भर करता है. इस स्तर पर मैं यह भी समझ गया हूं कब खिलाड़ियों से कैसी बात करनी है और कितनी बात करनी है.’’
कप्तान शिखर धवन ने गेंदबाजों के बारे में कहा, ''अगर किसी गेंदबाज की गेंद पर शॉट लगता है तो यह जानना महत्वपूर्ण होता है कि उससे कब बात करनी है. जब माहौल में गर्मी हो तो मैं तब उससे बात नहीं करूंगा. इसके बजाय मैं उससे बाद में सहजता से बात करूंगा.’’
कप्तान शिखर धवन ने आगे बताया कि, ''यह इस पर भी निर्भर करता है कि आप किस स्तर पर कप्तानी कर रहे हैं. यदि यह आईपीएल है तो अधिकतर खिलाड़ी परिपक्व होते हैं, इसलिए आपको यह सोचना पड़ेगा तार कसना है या नहीं. रणजी ट्रॉफी में कुछ अवसरों पर आपको दृढ़ता दिखानी होती है क्योंकि उस स्तर पर कुछ खिलाड़ी कच्चे घड़े की तरह होते हैं और आपको उन्हें ढालने के लिए दृढ़ बनना पड़ता है. संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण होता है.’’
36 वर्षीय शिखर धवन को हाल में इंडियन प्रीमियर लीग की टीम पंजाब किंग्स का कप्तान नियुक्त किया गया है.
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