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शेफाली वर्मा सभी प्रारूपों में हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण: मिताली राज - sports news

फॉलोआन खेलते हुए इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र टेस्ट ड्रॉ कराने के बाद मिताली ने कहा, "वो सभी प्रारूपों में भारतीय बल्लेबाजी इकाई के लिए काफी महत्वपूर्ण है. उसने काफी खूबसूरती से इस प्रारूप से सामंजस्य बैठाया."

Shefali verma is important for all formats of the game
Shefali verma is important for all formats of the game
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Published : Jun 20, 2021, 1:43 PM IST

ब्रिस्टल: शेफाली वर्मा के शानदार टेस्ट पदार्पण से भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज काफी प्रभावित हैं और उन्होंने कहा कि यह युवा खिलाड़ी भविष्य में खेल के तीनों प्रारूपों में टीम की अहम सदस्य होंगी.

सत्रह साल की शेफाली ने इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र टेस्ट की पहली पारी में 96 रन की आक्रामक पारी खेलने के बाद दूसरी पारी में भी 63 रन बनाए. वो पदार्पण टेस्ट की दोनों पारियों में अर्धशतक जड़ने वाली सबसे युवा और कुल चौथी खिलाड़ी बनीं. उन्हें मैन आफ द मैच चुना गया.

फॉलोआन खेलते हुए इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र टेस्ट ड्रॉ कराने के बाद मिताली ने कहा, "वो सभी प्रारूपों में भारतीय बल्लेबाजी इकाई के लिए काफी महत्वपूर्ण है. उसने काफी खूबसूरती से इस प्रारूप से सामंजस्य बैठाया."

उन्होंने कहा, "उसने टी20 प्रारूप की तरह पहली गेंद से ही आक्रामक बल्लेबाजी नहीं की. वह नई गेंद के खिलाफ समझदारी से खेली और टीम में उसका होना शानदार है."

ये पूछने पर कि टीम प्रबंधन ने क्यों इंग्लैंड में शेफाली को पदार्पण कराने का फैसला किया, मिताली ने कहा, "उसके पास विविध शॉट हैं और अगर वो लय में आती है तो इस तरह के प्रारूप में बेहद प्रभावी हो सकती है. अगर वो लय में आती है तो काफी तेजी से रन बना सकती है."

उन्होंने कहा, "जब हमें पता चला कि यह इस्तेमाल किया हुआ विकेट है और इस पर इतनी मूवमेंट नहीं होगी तो हमने सोचा कि उसे पदार्पण कराना सही रहेगा और वह उम्मीदों पर खरी उतरी."

मिताली ने शेफाली के दूसरी पारी में बनाए गए रनों को पहली पारी के रनों से बेहतर आंका.

इंग्लैंड ने पहली पारी नौ विकेट पर 396 रन बनाने के बाद घोषित की थी जिसके जवाब में सात साल में पहला टेस्ट खेल रही भारतीय टीम एक समय बिना विकेट खोए 167 रन बनाने के बावजूद पहली पारी में 231 रन पर ढेर हो गई.

दूसरी पारी में भी शेफाली और दीप्ति शर्मा के अर्धशतकों के बावजूद भारतीय पारी ढहने लगी थी लेकिन पदार्पण कर रहे स्नेह राणा (नाबाद 80) और विकेटकीपर तानिया भाटिया (नाबाद 44) ने इंग्लैंड के गेंदबाजों को हताश करते हुए मैच ड्रॉ करा दिया.

पांच साल में भारत के लिए पहला मुकाबला खेल रही स्नेह को पदार्पण का मौका मिला और मिताली ने कहा कि इस आफ स्पिनर की बल्लेबाजी करने की क्षमता के कारण ऐसा हुआ.

मिताली ने इंग्लैंड की अपनी समकक्ष हीथर नाइट की महिला क्रिकेट में भी टेस्ट प्रारूप को पांच दिन करने की मांग का समर्थन किया.

उन्होंने कहा, "पांच दिन का टेस्ट अच्छा विचार है लेकिन असल में पहले नियमित तौर पर टेस्ट मैचों का आयोजन शुरू करना होगा. हर श्रृंखला में टेस्ट मैच का आयोजन महत्वपूर्ण है और इसके बाद आप इसे पांच दिवसीय कर सकते हैं."

मिताली ने कहा, "मुझे इससे कोई परेशानी नहीं है क्योंकि इससे नतीजे की अधिक संभावना होगी. लेकिन मैं प्रत्येक श्रृंखला में टेस्ट मैच को प्राथमिकता दूंगी और उसके बाद देखते हैं क्या होता है."

इस ड्रॉ के साथ भारतीय महिला टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ अपने अजेय अभियान को 26 साल तक खींच दिया और मिताली ने कहा कि मेहमान टीम के प्रदर्शन से मेजबान टीम सीमित ओवरों की श्रृंखला में बैकफुट पर होगी.

भारत और इंग्लैंड की महिला टीमों के बीच अब तीन एकदिवसीय और तीन टी20 मैचों की श्रृंखला होगा जिसका पहला मुकाबला 27 जून से खेला जाएगा.

ब्रिस्टल: शेफाली वर्मा के शानदार टेस्ट पदार्पण से भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज काफी प्रभावित हैं और उन्होंने कहा कि यह युवा खिलाड़ी भविष्य में खेल के तीनों प्रारूपों में टीम की अहम सदस्य होंगी.

सत्रह साल की शेफाली ने इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र टेस्ट की पहली पारी में 96 रन की आक्रामक पारी खेलने के बाद दूसरी पारी में भी 63 रन बनाए. वो पदार्पण टेस्ट की दोनों पारियों में अर्धशतक जड़ने वाली सबसे युवा और कुल चौथी खिलाड़ी बनीं. उन्हें मैन आफ द मैच चुना गया.

फॉलोआन खेलते हुए इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र टेस्ट ड्रॉ कराने के बाद मिताली ने कहा, "वो सभी प्रारूपों में भारतीय बल्लेबाजी इकाई के लिए काफी महत्वपूर्ण है. उसने काफी खूबसूरती से इस प्रारूप से सामंजस्य बैठाया."

उन्होंने कहा, "उसने टी20 प्रारूप की तरह पहली गेंद से ही आक्रामक बल्लेबाजी नहीं की. वह नई गेंद के खिलाफ समझदारी से खेली और टीम में उसका होना शानदार है."

ये पूछने पर कि टीम प्रबंधन ने क्यों इंग्लैंड में शेफाली को पदार्पण कराने का फैसला किया, मिताली ने कहा, "उसके पास विविध शॉट हैं और अगर वो लय में आती है तो इस तरह के प्रारूप में बेहद प्रभावी हो सकती है. अगर वो लय में आती है तो काफी तेजी से रन बना सकती है."

उन्होंने कहा, "जब हमें पता चला कि यह इस्तेमाल किया हुआ विकेट है और इस पर इतनी मूवमेंट नहीं होगी तो हमने सोचा कि उसे पदार्पण कराना सही रहेगा और वह उम्मीदों पर खरी उतरी."

मिताली ने शेफाली के दूसरी पारी में बनाए गए रनों को पहली पारी के रनों से बेहतर आंका.

इंग्लैंड ने पहली पारी नौ विकेट पर 396 रन बनाने के बाद घोषित की थी जिसके जवाब में सात साल में पहला टेस्ट खेल रही भारतीय टीम एक समय बिना विकेट खोए 167 रन बनाने के बावजूद पहली पारी में 231 रन पर ढेर हो गई.

दूसरी पारी में भी शेफाली और दीप्ति शर्मा के अर्धशतकों के बावजूद भारतीय पारी ढहने लगी थी लेकिन पदार्पण कर रहे स्नेह राणा (नाबाद 80) और विकेटकीपर तानिया भाटिया (नाबाद 44) ने इंग्लैंड के गेंदबाजों को हताश करते हुए मैच ड्रॉ करा दिया.

पांच साल में भारत के लिए पहला मुकाबला खेल रही स्नेह को पदार्पण का मौका मिला और मिताली ने कहा कि इस आफ स्पिनर की बल्लेबाजी करने की क्षमता के कारण ऐसा हुआ.

मिताली ने इंग्लैंड की अपनी समकक्ष हीथर नाइट की महिला क्रिकेट में भी टेस्ट प्रारूप को पांच दिन करने की मांग का समर्थन किया.

उन्होंने कहा, "पांच दिन का टेस्ट अच्छा विचार है लेकिन असल में पहले नियमित तौर पर टेस्ट मैचों का आयोजन शुरू करना होगा. हर श्रृंखला में टेस्ट मैच का आयोजन महत्वपूर्ण है और इसके बाद आप इसे पांच दिवसीय कर सकते हैं."

मिताली ने कहा, "मुझे इससे कोई परेशानी नहीं है क्योंकि इससे नतीजे की अधिक संभावना होगी. लेकिन मैं प्रत्येक श्रृंखला में टेस्ट मैच को प्राथमिकता दूंगी और उसके बाद देखते हैं क्या होता है."

इस ड्रॉ के साथ भारतीय महिला टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ अपने अजेय अभियान को 26 साल तक खींच दिया और मिताली ने कहा कि मेहमान टीम के प्रदर्शन से मेजबान टीम सीमित ओवरों की श्रृंखला में बैकफुट पर होगी.

भारत और इंग्लैंड की महिला टीमों के बीच अब तीन एकदिवसीय और तीन टी20 मैचों की श्रृंखला होगा जिसका पहला मुकाबला 27 जून से खेला जाएगा.

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