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50वें जन्मदिन के पहले सचिन की खास सलाह, वन डे क्रिकेट को बचाना हैं तो बदलें ये नियम

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Published : Apr 22, 2023, 3:57 PM IST

सचिन तेंदुलकर ने अपने 50वें जन्मदिन के पहले एकदिवसीय क्रिकेट मैच को बचाने व एकतरफा बनने से बचने के लिए कुछ जरूरी सुझाव दिए हैं, जिस खेल के नियमों को बनाने वाली संस्थाओं को विचार करना चाहिए....

Sachin Tendulkar advice On One Day Cricket before 50th birthday
50वें जन्मदिन के पहले सचिन

नई दिल्ली : सचिन तेंदुलकर ने अपने 50वें जन्मदिन के पहले अपनी एक खास इच्छा व्यक्त की. सचिन चाहते हैं कि क्रिकेट में बल्लेबाजों और गेंदबाजों को समान अवसर मिले. सचिन ने बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बनाने के लिए एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के नियमों में भी बदलाव की बात कही है, जिससे खेल को और भी रोमांचक बनाया जा सके. यह खेल बल्लेबाजों के अनुकूल होने लगा है और गेंदबाजों को उतने मौके नहीं मिल पा रहे हैं.

लिटिल मास्टर ने अपने 50वें जन्मदिन से पहले पत्रकारों से बात करते हुए कि कहा दो नई गेंदों के उपयोग से क्रिकेट के खेल से रिवर्स स्विंग को खत्म कर दिया है और गेंदों को नरम होने या रंग खोने से रोकने की पूरी कोशिश की है. उन्होंने सुझाव दिया कि क्षेत्ररक्षण प्रतिबंधों को भी गेंदबाजों के पक्ष में बदलने की आवश्यकता है, क्योंकि स्पिनरों को फील्ड प्रतिबंधों के दौरान रक्षात्मक गेंदबाजी करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. जब पांच क्षेत्ररक्षक सर्किल में रहते हैं तो भी स्पिन गेंदबाजों को ऐसी ही गेंदबाजी को लिए मजबूर किए जाते हैं.

खेल वेबसाइट से बातचीत के दौरान तेंदुलकर ने कहा कि वनडे में टॉस का लाभ और ओस कारक खेल पर प्रभाव पड़ता है. सिक्का उछालकर खेल में टीमों के भाग्य का फैसला किया जाना सही नहीं है. इसके लिए भी कुछ नए सुझाव दिए हैं.

Sachin Tendulkar advice On One Day Cricket before 50th birthday
50वें जन्मदिन के पहले सचिन

तेंदुलकर ने इसके लिए वन डे मैचों को 25-25 ओवरों का कराने का प्रस्ताव रखा, जिसमें प्रत्येक टीम 25 ओवरों के लिए बल्लेबाजी करेगी, उसके बाद दूसरी टीम 25 ओवरों की बल्लेबाजी करेगी. फिर पहली टीम को जहां पर रुके थे, वहीं से अगले 25 ओवर खेलने का मौका मिले. इससे दोनों टीमों को सूखी और गीली दोनों तरह की परिस्थितियों में बल्लेबाजी और गेंदबाजी करने का मौका मिलेगा और उनकी असली परीक्षा होगी. साथ ही टॉस जीतने वाली टीम को मिलने वाला लाभ कम हो जाएगा.

तेंदुलकर ने स्वीकार किया कि टॉस जीतने से अभी भी थोड़ा फायदा होना चाहिए, लेकिन दिन रात के मैच होने के कारण मौजूदा प्रणाली 90 फीसदी टॉस जीतने वाली टीम को लाभ देती है. यह खेल का अनुचित तरीका हो गया है.

तेंदुलकर ने कहा कि क्रिकेट की वर्तमान स्थिति में वन डे क्रिकेट पर चिंता लाजिमी है. दो गेंदो के इस्तेमाल किए जाने का फॉर्मूला भी बल्लेबाजों के पक्ष में हैं.

इसे भी पढ़ें.....इसलिए दूसरी टीमों में भी अधिक लोकप्रिय हैं महेंद्र सिंह धोनी, देखिए वीडियो व तस्वीरें

नई दिल्ली : सचिन तेंदुलकर ने अपने 50वें जन्मदिन के पहले अपनी एक खास इच्छा व्यक्त की. सचिन चाहते हैं कि क्रिकेट में बल्लेबाजों और गेंदबाजों को समान अवसर मिले. सचिन ने बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बनाने के लिए एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के नियमों में भी बदलाव की बात कही है, जिससे खेल को और भी रोमांचक बनाया जा सके. यह खेल बल्लेबाजों के अनुकूल होने लगा है और गेंदबाजों को उतने मौके नहीं मिल पा रहे हैं.

लिटिल मास्टर ने अपने 50वें जन्मदिन से पहले पत्रकारों से बात करते हुए कि कहा दो नई गेंदों के उपयोग से क्रिकेट के खेल से रिवर्स स्विंग को खत्म कर दिया है और गेंदों को नरम होने या रंग खोने से रोकने की पूरी कोशिश की है. उन्होंने सुझाव दिया कि क्षेत्ररक्षण प्रतिबंधों को भी गेंदबाजों के पक्ष में बदलने की आवश्यकता है, क्योंकि स्पिनरों को फील्ड प्रतिबंधों के दौरान रक्षात्मक गेंदबाजी करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. जब पांच क्षेत्ररक्षक सर्किल में रहते हैं तो भी स्पिन गेंदबाजों को ऐसी ही गेंदबाजी को लिए मजबूर किए जाते हैं.

खेल वेबसाइट से बातचीत के दौरान तेंदुलकर ने कहा कि वनडे में टॉस का लाभ और ओस कारक खेल पर प्रभाव पड़ता है. सिक्का उछालकर खेल में टीमों के भाग्य का फैसला किया जाना सही नहीं है. इसके लिए भी कुछ नए सुझाव दिए हैं.

Sachin Tendulkar advice On One Day Cricket before 50th birthday
50वें जन्मदिन के पहले सचिन

तेंदुलकर ने इसके लिए वन डे मैचों को 25-25 ओवरों का कराने का प्रस्ताव रखा, जिसमें प्रत्येक टीम 25 ओवरों के लिए बल्लेबाजी करेगी, उसके बाद दूसरी टीम 25 ओवरों की बल्लेबाजी करेगी. फिर पहली टीम को जहां पर रुके थे, वहीं से अगले 25 ओवर खेलने का मौका मिले. इससे दोनों टीमों को सूखी और गीली दोनों तरह की परिस्थितियों में बल्लेबाजी और गेंदबाजी करने का मौका मिलेगा और उनकी असली परीक्षा होगी. साथ ही टॉस जीतने वाली टीम को मिलने वाला लाभ कम हो जाएगा.

तेंदुलकर ने स्वीकार किया कि टॉस जीतने से अभी भी थोड़ा फायदा होना चाहिए, लेकिन दिन रात के मैच होने के कारण मौजूदा प्रणाली 90 फीसदी टॉस जीतने वाली टीम को लाभ देती है. यह खेल का अनुचित तरीका हो गया है.

तेंदुलकर ने कहा कि क्रिकेट की वर्तमान स्थिति में वन डे क्रिकेट पर चिंता लाजिमी है. दो गेंदो के इस्तेमाल किए जाने का फॉर्मूला भी बल्लेबाजों के पक्ष में हैं.

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