नई दिल्ली : भारतीय टीम के पूर्व क्षेत्ररक्षण कोच आर श्रीधर ने अपनी नई किताब में खुलासा किया है कि विराट कोहली 2016 में वनडे कप्तानी के लिए बेचैन थे और तब तत्कालीन कोच रवि शास्त्री ने उनसे एम एस धोनी के विवेक का सम्मान करके अपनी बारी आने का इंतजार करने के लिए कहा था.
अनुभवी पत्रकार आर कौशिक के साथ लिखी अपनी किताब ‘कोचिंग बियोंड : माय डेज विद इंडियन क्रिकेट टीम’ में श्रीधर ने भारतीय टीम के साथ अपने अनुभवों का जिक्र किया है. श्रीधर ने किताब में लिखा, जहां तक कोचिंग ग्रुप का सवाल है तो ऐसा माहौल बनाया गया था जिसमें आप हर खिलाड़ी की आंख में आंख डालकर सच कह सकते चाहे वह कितना ही कड़वा क्यो ना हो.
इसमें उन्होंने कोहली के शुरूआती दिनों के एक वाकये का जिक्र किया जब कोहली टेस्ट टीम के कप्तान थे लेकिन सीमित ओवरों में अभी कप्तानी के लिए इंतजार कर रहे थे. उन्होंने लिखा, 2016 में ऐसा समय था जब विराट सीमित ओवरों की कप्तानी के लिए भी व्याकुल थे. उन्होंने कुछ ऐसी बातें कही कि लगा कि वह कप्तानी के लिए बेचैन हैं.
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उन्होंने आगे लिखा, एक शाम को रवि ने उसे बुलाया और कहा, देखो विराट, एम एस ने तुम्हे टेस्ट टीम की कप्तानी दी है. तुम्हे उसका सम्मान करना चाहिए. वह सीमित ओवरों की कप्तानी भी तुम्हे देगा लेकिन सही समय आने पर. अगर तुम अभी उसका सम्मान नहीं करोगे तो कल जब तुम कप्तान बनोगे तो तुम्हारी टीम तुम्हारा सम्मान नहीं करेगी.
श्रीधर ने कहा, विराट ने वह सलाह मानी और बाद में एक साल के भीतर वह सीमित ओवरों का कप्तान भी बना. उन्होंने शास्त्री को शानदार संचारक करार देते हुए कहा कि वह सीधी बात करते थे और हिचकिचाते नहीं थे. उन्होंने यह भी कहा कि टीम से बाहर होने वाले खिलाड़ी को सूचना देने का काम भी पूर्व कोच को ही करना पड़ता था. किताब का प्रकाशन रूपा ने किया है.