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IND vs NZ: टीम प्रबंधन से कोई निर्देश नहीं मिला, दूसरे दिन से स्पिन होने उम्मीद- ग्रीन पार्क के क्यूरेटर

पहले कई बार टीम प्रबंधन ने कुछ विशिष्ट प्रकार की पिच तैयार करने के निर्देश दिये है, लेकिन कुमार ने कहा कि इस बार न तो कोच राहुल द्रविड़ और न ही कप्तान अजिंक्य रहाणे की कोई विशेष मांग थी.

No instructions received from team management, expected to spin from day two: Green Park curator
No instructions received from team management, expected to spin from day two: Green Park curator
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Published : Nov 25, 2021, 1:54 PM IST

कानपुर: भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जाने वाले पहले टेस्ट मैच की मेजबानी करने वाले यहां के ग्रीन पार्क स्टेडियम के स्थानीय क्यूरेटर शिव कुमार का कहना है कि इस मैदान की पिच पर घास नहीं है लेकिन इसके टूटने (ज्यादा दरार पड़ने) की संभावना काफी कम है.

पहले कई बार टीम प्रबंधन ने कुछ विशिष्ट प्रकार की पिच तैयार करने के निर्देश दिये है, लेकिन कुमार ने कहा कि इस बार न तो कोच राहुल द्रविड़ और न ही कप्तान अजिंक्य रहाणे की कोई विशेष मांग थी.

पिछले दो दशक से इस मैदान में काम रहे कुमार ने कहा, "हमें BCCI से कोई निर्देश नहीं मिला है, न ही टीम प्रबंधन से किसी ने मुझसे संपर्क करके पूरी तरह से स्पिनरों की मददगार पिच बनाने की बात कही. मैंने अच्छी पिच को ध्यान में रखते हुए एक पिच तैयार की है."

ये भी पढ़ें- T20 सीरीज में रोहित शर्मा के तीनों टॉस जीतने पर जाहिर खान ने जताई हैरानी

उन्होंने कहा, "यह नवंबर का महीना है और दुनिया के इस हिस्से में इस समय पिच में थोड़ी नमी होगी. मैं आपको इस बात के लिए आश्वस्त कर सकता हूं कि यह पिच जल्दी टूटेगी नहीं."

कानपुर में 2016 में खेला गया भारत और न्यूजीलैंड का टेस्ट मैच पांचवें दिन तक चला था लेकिन पिछले कुछ समय से ज्यादातर विदेशी टीमें स्पिनरों के अनुकूल पिचों में तीन दिनों में ही घुटने टेक दे रही है.

कुमार ने मैचों के तीन दिनों के अंदर खत्म होने के बारे में पूछे जाने पर कहा, "इसके लिए सिर्फ पिचें ही जिम्मेदार नहीं है. टी20 क्रिकेट के कारण बल्लेबाजों के स्पिनरों को खेलने का तरीका भी एक वजह है."

कानपुर: भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जाने वाले पहले टेस्ट मैच की मेजबानी करने वाले यहां के ग्रीन पार्क स्टेडियम के स्थानीय क्यूरेटर शिव कुमार का कहना है कि इस मैदान की पिच पर घास नहीं है लेकिन इसके टूटने (ज्यादा दरार पड़ने) की संभावना काफी कम है.

पहले कई बार टीम प्रबंधन ने कुछ विशिष्ट प्रकार की पिच तैयार करने के निर्देश दिये है, लेकिन कुमार ने कहा कि इस बार न तो कोच राहुल द्रविड़ और न ही कप्तान अजिंक्य रहाणे की कोई विशेष मांग थी.

पिछले दो दशक से इस मैदान में काम रहे कुमार ने कहा, "हमें BCCI से कोई निर्देश नहीं मिला है, न ही टीम प्रबंधन से किसी ने मुझसे संपर्क करके पूरी तरह से स्पिनरों की मददगार पिच बनाने की बात कही. मैंने अच्छी पिच को ध्यान में रखते हुए एक पिच तैयार की है."

ये भी पढ़ें- T20 सीरीज में रोहित शर्मा के तीनों टॉस जीतने पर जाहिर खान ने जताई हैरानी

उन्होंने कहा, "यह नवंबर का महीना है और दुनिया के इस हिस्से में इस समय पिच में थोड़ी नमी होगी. मैं आपको इस बात के लिए आश्वस्त कर सकता हूं कि यह पिच जल्दी टूटेगी नहीं."

कानपुर में 2016 में खेला गया भारत और न्यूजीलैंड का टेस्ट मैच पांचवें दिन तक चला था लेकिन पिछले कुछ समय से ज्यादातर विदेशी टीमें स्पिनरों के अनुकूल पिचों में तीन दिनों में ही घुटने टेक दे रही है.

कुमार ने मैचों के तीन दिनों के अंदर खत्म होने के बारे में पूछे जाने पर कहा, "इसके लिए सिर्फ पिचें ही जिम्मेदार नहीं है. टी20 क्रिकेट के कारण बल्लेबाजों के स्पिनरों को खेलने का तरीका भी एक वजह है."

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