हैदराबाद: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का अंतिम मैच ब्रिस्बेन के मैदान पर खेला गया था, जिसे टीम इंडिया ने शानदार खेल दिखाते हुए तीन विकेट से जीतकर अपने नाम किया. इस मुकाबले के लिए भारतीय टीम ने अपनी प्लेइंग इलेवन में चार बड़े बदलाव किए थे. मैच में जसप्रीत बुमराह और आर अश्विन के चोटिल होने के चलते टी नटराजन और वॉशिंगटन सुंदर को टेस्ट डेब्यू करने का मौका मिला था.
मैच से पहले ऐसी उम्मीद लगाई जा रही थी कि, शायद अश्विन के स्थान पर कुलदीप यादव को अंतिम एकादश का हिस्सा बनाया जाएगा, लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला. जिसके चलते कप्तान अजिंक्य रहाणे और पूरे टीम मैनेजमेंट को काफी आलोचना का सामना भी करना पड़ा. हाल ही में अपने एक बयान में कुलदीप ने कहा कि अच्छा हुआ जो मुझे ब्रिस्बेन में खेलने का मौका नहीं मिला.
एक स्पोर्ट्स वेबसाइट से बात करते हुए उन्होंने कहा, ''आपको खुद को इसी तरह से तैयार करना होता है कि जब भी कोई भी मौका आपके सामने आए तो आप उस चैलेंज के लिए पूरी तरह से तैयार रहें. मैं फाइनल टेस्ट मैच तक रेडी था. हां, फाइनल टेस्ट मैच से पहले खिलाड़ियों की चोट चिंता का विषय था और हम जानते थे कि हमारे कुछ खिलाड़ी उपलब्ध नहीं होंगे, लेकिन हमने अपने प्लान पर ही रहना का फैसला किया.''
कुलदीप ने आगे कहा, ''हम खिलाड़ियों की चोटों पर नहीं, बल्कि अपनी फील्डिंग सेटअप पर और मैच में क्या रणनीति होगी इस पर बातचीत कर रहे थे. मैंने अपने गोल्स सेट कर रखे थे. जब हम ब्रिस्बेन पहुंचे, तो मुझे लगा कि मेरे को मौका मिलेगा, लेकिन विकेट को देखने के बाद, जो कि हल्की हरी दिख रही थी, यह फैसला लिया गया कि हम चार तेज गेंदबाजों के साथ जाएंगे. वह एकदम सही फैसला था.''
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बता दे कि, अश्विन के जगह खेलने वाले वॉशिंगटन सुंदर ने गेंद और बल्ले दोनों के साथ दमदार खेल दिखाया था और मैच में चार विकेट लेने के साथ 84 रन बनाने में भी सफल हुए थे.
26 वर्षीय कुलदीप को भले ही ऑस्ट्रेलिया में एक भी मैच खेलने का मौका ना मिला हो, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की घरेलू सीरीज में उनको जरूर खेलते देखा जा सकता है.