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टेस्ट मैचों में पारी के आगाज का मौका मिलना वरदान होगा : सुंदर

वॉशिंगटन सुंदर ने कहा, ''अगर मुझे कभी भारत की तरफ से टेस्ट मैचों में पारी का आगाज करने का मौका मिलता है तो यह मेरे लिए वरदान होगा. मुझे लगता है कि मैं उसी तरह इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करूंगा जैसे हमारे कोच रवि सर ने अपने खेल के दिनों में किया था.''

Washington Sundar
Washington Sundar
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Published : Jan 24, 2021, 3:44 PM IST

नई दिल्ली: कोच रवि शास्त्री की ड्रेसिंग रूम में दी गई 'दृढ़ता और प्रतिबद्धता' की सीख ने युवा वॉशिंगटन सुंदर के लिए टॉनिक का काम किया जो किसी भी तरह की चुनौती के लिए तैयार हैं जिसमें टेस्ट मैचों में भारत के लिए पारी का आगाज करना भी शामिल है.

इक्कीस वर्षीय वॉशिंगटन भारत अंडर-19 के दिनों में शीर्ष क्रम के विशेषज्ञ बल्लेबाज थे लेकिन उन्होंने अपनी ऑफ स्पिन को निखारा और भारतीय टी20 टीम में जगह बनाई.

वॉशिंगटन सुंदर और रोहित शर्मा
वॉशिंगटन सुंदर और रोहित शर्मा

ब्रिस्बेन में भारतीय जीत में अहम भूमिका निभाने वाले वॉशिंगटन ने चेन्नई से अपने आवास से एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा, ''अगर मुझे कभी भारत की तरफ से टेस्ट मैचों में पारी का आगाज करने का मौका मिलता है तो यह मेरे लिए वरदान होगा. मुझे लगता है कि मैं उसी तरह इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करूंगा जैसे हमारे कोच रवि सर ने अपने खेल के दिनों में किया था.''

वॉशिंगटन ने गाबा में पहली पारी में 62 रन बनाकर भारत को मैच में बनाए रखा और फिर दूसरी पारी में 22 रन की तेजतर्रार पारी खेली जिसमें पैट कमिन्स पर लगाया गया छक्का भी शामिल है. इसके अलावा उन्होंने चार विकेट भी लिए.

उन्होंने कहा, ''रवि सर ने हमें खेल के अपने दिनों की प्रेरणादायी बातें बताई. जैसे कि कैसे उन्होंने विशेषज्ञ स्पिनर के तौर पर पदार्पण किया तथा चार विकेट लिए और न्यूजीलैंड के खिलाफ इस मैच में दसवें नंबर पर बल्लेबाजी की.''

वॉशिंगटन ने कहा, ''और वहां से वह कैसे टेस्ट सलामी बल्लेबाज बने और उन्होंने कैसे अपने जमाने के सभी शीर्ष तेज गेंदबाजों का सामना किया. मैं भी उनकी तरह टेस्ट मैचों में पारी की शुरुआत करना पसंद करूंगा.''

वॉशिंगटन सुंदर
वॉशिंगटन सुंदर

उनका मानना है कि टेस्ट टीम में आए किसी युवा खिलाड़ी के लिए किसी बाहरी खिलाड़ी से प्रेरणा लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि भारतीय ड्रेसिंग रूम में ही कई आदर्श खिलाड़ी हैं.

वॉशिंगटन ने कहा, ''एक युवा होने के नाते जब मैं किसी से प्रेरणा लेना चाहता हूं तो मुझे अपने ड्रेसिंग रूम में ही इतने अधिक आदर्श खिलाड़ी मिल जाते हैं. विराट कोहली, रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, आर अश्विन जैसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी वहां हैं. ये खिलाड़ी हमेशा आपकी मदद के लिए तैयार रहते हैं.''

टेस्ट डेब्यू नहीं बल्कि ये लम्हा है वॉशिंग्टन सुंदर के लिए यादगार

वॉशिंगटन को सीमित ओवरों की श्रृंखला समाप्त होने के बाद नेट गेंदबाज के रूप में ऑस्ट्रेलिया में रहने के लिए कहा गया. इससे उन्हें लाल गेंद से नेट पर काफी गेंदबाजी करने को मिली.

भारत की तरफ से एक टेस्ट के अलावा 26 टी20 और एक वनडे खेलने वाले वॉशिंगटन ने कहा, ''इससे निश्चित तौर पर मुझे मदद मिली क्योंकि मुझे टेस्ट मैचों के लिये टीम में बने रहने के लिए कहा गया था. लेकिन वह हमारे गेंदबाजी कोच भरत अरुण सर सहित सभी कोचों की रणनीति थी जिससे मदद मिली.''

उन्होंने कहा, ''ब्रिस्बेन में पहले दिन पिच से मदद नहीं मिल रही थी लेकिन पहले टेस्ट विकेट के तौर पर स्टीव स्मिथ का विकेट लेना सपना सच होने जैसा था.''

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के साथ वॉशिंगटन सुंदर
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के साथ वॉशिंगटन सुंदर

वॉशिंगटन की बड़ी बहन शैलजा भी पेशेवर क्रिकेटर है और ये भाई बहन कभी कभार अपनी बातें एक दूसरे से साझा भी करते हैं.

वॉशिंगटन ने कहा, ''अगर उसे (शैलजा) लगता है कि मुझे यह बात बतानी जरूरी है तो वह ऐसा करती है. उसके सुझाव हमेशा उपयोगी साबित होते हैं लेकिन अमूमन घर में हम क्रिकेट पर चर्चा नहीं करते हैं.''

नई दिल्ली: कोच रवि शास्त्री की ड्रेसिंग रूम में दी गई 'दृढ़ता और प्रतिबद्धता' की सीख ने युवा वॉशिंगटन सुंदर के लिए टॉनिक का काम किया जो किसी भी तरह की चुनौती के लिए तैयार हैं जिसमें टेस्ट मैचों में भारत के लिए पारी का आगाज करना भी शामिल है.

इक्कीस वर्षीय वॉशिंगटन भारत अंडर-19 के दिनों में शीर्ष क्रम के विशेषज्ञ बल्लेबाज थे लेकिन उन्होंने अपनी ऑफ स्पिन को निखारा और भारतीय टी20 टीम में जगह बनाई.

वॉशिंगटन सुंदर और रोहित शर्मा
वॉशिंगटन सुंदर और रोहित शर्मा

ब्रिस्बेन में भारतीय जीत में अहम भूमिका निभाने वाले वॉशिंगटन ने चेन्नई से अपने आवास से एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा, ''अगर मुझे कभी भारत की तरफ से टेस्ट मैचों में पारी का आगाज करने का मौका मिलता है तो यह मेरे लिए वरदान होगा. मुझे लगता है कि मैं उसी तरह इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करूंगा जैसे हमारे कोच रवि सर ने अपने खेल के दिनों में किया था.''

वॉशिंगटन ने गाबा में पहली पारी में 62 रन बनाकर भारत को मैच में बनाए रखा और फिर दूसरी पारी में 22 रन की तेजतर्रार पारी खेली जिसमें पैट कमिन्स पर लगाया गया छक्का भी शामिल है. इसके अलावा उन्होंने चार विकेट भी लिए.

उन्होंने कहा, ''रवि सर ने हमें खेल के अपने दिनों की प्रेरणादायी बातें बताई. जैसे कि कैसे उन्होंने विशेषज्ञ स्पिनर के तौर पर पदार्पण किया तथा चार विकेट लिए और न्यूजीलैंड के खिलाफ इस मैच में दसवें नंबर पर बल्लेबाजी की.''

वॉशिंगटन ने कहा, ''और वहां से वह कैसे टेस्ट सलामी बल्लेबाज बने और उन्होंने कैसे अपने जमाने के सभी शीर्ष तेज गेंदबाजों का सामना किया. मैं भी उनकी तरह टेस्ट मैचों में पारी की शुरुआत करना पसंद करूंगा.''

वॉशिंगटन सुंदर
वॉशिंगटन सुंदर

उनका मानना है कि टेस्ट टीम में आए किसी युवा खिलाड़ी के लिए किसी बाहरी खिलाड़ी से प्रेरणा लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि भारतीय ड्रेसिंग रूम में ही कई आदर्श खिलाड़ी हैं.

वॉशिंगटन ने कहा, ''एक युवा होने के नाते जब मैं किसी से प्रेरणा लेना चाहता हूं तो मुझे अपने ड्रेसिंग रूम में ही इतने अधिक आदर्श खिलाड़ी मिल जाते हैं. विराट कोहली, रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, आर अश्विन जैसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी वहां हैं. ये खिलाड़ी हमेशा आपकी मदद के लिए तैयार रहते हैं.''

टेस्ट डेब्यू नहीं बल्कि ये लम्हा है वॉशिंग्टन सुंदर के लिए यादगार

वॉशिंगटन को सीमित ओवरों की श्रृंखला समाप्त होने के बाद नेट गेंदबाज के रूप में ऑस्ट्रेलिया में रहने के लिए कहा गया. इससे उन्हें लाल गेंद से नेट पर काफी गेंदबाजी करने को मिली.

भारत की तरफ से एक टेस्ट के अलावा 26 टी20 और एक वनडे खेलने वाले वॉशिंगटन ने कहा, ''इससे निश्चित तौर पर मुझे मदद मिली क्योंकि मुझे टेस्ट मैचों के लिये टीम में बने रहने के लिए कहा गया था. लेकिन वह हमारे गेंदबाजी कोच भरत अरुण सर सहित सभी कोचों की रणनीति थी जिससे मदद मिली.''

उन्होंने कहा, ''ब्रिस्बेन में पहले दिन पिच से मदद नहीं मिल रही थी लेकिन पहले टेस्ट विकेट के तौर पर स्टीव स्मिथ का विकेट लेना सपना सच होने जैसा था.''

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के साथ वॉशिंगटन सुंदर
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के साथ वॉशिंगटन सुंदर

वॉशिंगटन की बड़ी बहन शैलजा भी पेशेवर क्रिकेटर है और ये भाई बहन कभी कभार अपनी बातें एक दूसरे से साझा भी करते हैं.

वॉशिंगटन ने कहा, ''अगर उसे (शैलजा) लगता है कि मुझे यह बात बतानी जरूरी है तो वह ऐसा करती है. उसके सुझाव हमेशा उपयोगी साबित होते हैं लेकिन अमूमन घर में हम क्रिकेट पर चर्चा नहीं करते हैं.''

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