नई दिल्ली: रिद्धिमान साहा द्वारा पत्रकार को साक्षात्कार नहीं देने पर कथित रूप से 'धमकी' मिलने के मामले की जांच के लिए बीसीसीआई द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति की बैठक के बाद, विकेटकीपर बल्लेबाज ने शनिवार को कहा कि उन्होंने सभी आवश्यक जानकारी साझा की हैं. 37 वर्षीय केंद्रीय अनुबंधित क्रिकेटर साहा ने पिछले महीने एक पत्रकार के संदेशों का स्क्रीनशॉट ट्वीट किया था, जब उन्हें श्रीलंका के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट श्रृंखला के लिए भारत की टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया था.
रवि शास्त्री, पार्थिव पटेल, हरभजन सिंह और वीरेंद्र सहवाग जैसे पूर्व खिलाड़ियों ने पत्रकार की आलोचना की थी, जिसके बाद मामले ने और तुल पकड़ लिया था.
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने बाद में इस मुद्दे की तह तक जाने का फैसला किया और इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया, जिसमें बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, कोषाध्यक्ष अरुण धूमल और शीर्ष परिषद के सदस्य प्रभातेज भाटिया शामिल हैं.
साहा ने कहा, "मैंने समिति को वह सब कुछ बता दिया है जो मैं जानता हूं. मैंने उनके साथ जो भी विवरण साझा किया है. मैं अभी आपको ज्यादा कुछ नहीं बता सकता. बीसीसीआई ने मुझसे बाहर कुछ भी बात नहीं करने के लिए कहा है."
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यह देखा जाना बाकी है कि साहा ने समिति के सामने पत्रकार के नाम का खुलासा किया है या नहीं, जैसा कि क्रिकेटर ने पहले कहा था कि वह नाम का खुलासा नहीं करेंगे, क्योंकि इससे पत्रकार के करियर को नुकसान पहुंच सकता है.
उन्होंने ट्वीट किया था, "मेरा स्वभाव ऐसा नहीं है कि मैं किसी का करियर खत्म करने की हद तक किसी को नुकसान पहुंचाऊं. इसलिए इंसानियत के आधार पर उसके परिवार को देखते हुए मैं फिलहाल नाम उजागर नहीं कर रहा हूं, लेकिन अगर ऐसी कोई पुनरावृत्ति होती है, मैं पीछे नहीं हटूंगा."
40 टेस्ट खेल चुके साहा को भारतीय टीम प्रबंधन ने पहले ही बता दिया है कि उन्होंने एक युवा विकेटकीपर बल्लेबाज को तैयार करने का फैसला किया है और इसी वजह से श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट टीम में इस अनुभवी खिलाड़ी की अनदेखी की गई थी.
केएस भरत को श्रीलंका श्रृंखला के लिए मुख्य विकेटकीपर ऋषभ पंत के बैकअप के रूप में टेस्ट टीम में शामिल किया गया था.