दुबई: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) ज्योफ अलार्डिस ने पुष्टि की कि अगर किसी टीम में कोविड-19 मामला सामने आता है तो किसी भी मैच पर फैसला करने का अधिकार ICC द्वारा गठित समिति का होगा. इससे उन्होंने स्पष्ट किया कि द्विपक्षीय मुकाबलों की तरह कोई भी सदस्य देश इस संबंध में फैसला नहीं कर सकता.
आईसीसी ने पहले ही एक चिकित्सीय विशेषज्ञों की समिति बना दी है जिसमें बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के डा. अभिजीत साल्वी भी शामिल है क्योंकि समझा जा सकता है कि बायो-बबल होने के बावजूद भी कुछ पॉजिटिव मामले सामने आ सकते हैं.
अलार्डिस ने कहा, "मुझे लगता है कि हम सदस्यों के साथ अपने संवाद में काफी स्पष्ट रहे हैं. टूर्नामेंट के दौरान कोई भी पॉजिटिव मामला आता है तो उसकी देखभाल के लिये हमने एक समिति गठित की है."
उन्होंने कहा, "मैचों के संबंध में कोई भी फैसला उस समिति द्वारा ही लिया जायेगा और इसका निपटारा सदस्य देशों द्वारा नहीं लिया जायेगा जैसा कि वे द्विपक्षीय क्रिकेट में कर सकते हैं."
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अलार्डिस ने साथ ही कहा कि टी20 विश्व कप के दौरान प्रत्येक टीम को दो डीआरएस रैफरल दिये जायेंगे.
उन्होंने ‘वर्चुअल कांफ्रेंस कॉल’ के दौरान कहा, "हम पिछले 12 महीनों में टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिये अपनायी गयी खेलने की शर्तों के साथ जारी रहेंगे जिसमें प्रत्येक टीम को दो रिव्यू दिये जाते रहे हैं इसलिये इस टूर्नामेंट को अलग तरह का मानने के बजाय हम उन्हीं नियमों पर जारी रहेंगे जिनके साथ हम पिछले 12 या 18 महीनों से खेल रहे हैं."
अंतरिम सीईओ ने संकेत दिया कि तटस्थ अंपायरों की भी जल्द वापसी हो सकती है.
उन्होंने स्पष्ट किया कि जैसे ही हालात अनुकूल होते हैं क्रिकेट संस्था तटस्थ अंपायरों का इस्तेमाल शुरू कर देगी.
कोविड-19 के बाद आईसीसी ने यात्रा और ‘लॉजिस्टिकल’ मुद्दों के कारण घरेलू अंपायरों का इस्तेमाल किया जा रहा था.
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हम अपने एलीट पैनल अंपायरों और रैफरियों को इस टूर्नामेंट (आईसीसी पुरूष टी20 विश्व कप) में अंपायरिंग के लिये लाने में सक्षम हैं, यूएई ऐसा देश है जो यात्रा करने में ज्यादा पांबदियां नहीं लगा रहा है."
अलार्डिस ने कहा कि विभिन्न देशों की विभिन्न पाबंदियां लगायी हुई हैं जिससे इसमें मुश्किल आ रही थी.
उन्होंने यह भी कहा कि घरेलू अंपायरों ने पिछले 18 महीनों में शानदार काम किया है.