चंडीगढ़ : कोरोनावायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है और सभी लोग घर में बैठे हैं. इस दौरान पूर्व क्रिकेटर और मौजदा एक्टर योगराज सिंह ने ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्टार ऑलराउंडर और बेटे युवराज सिंह के बारे में बात करते हुए उनकी खास पारी के बारे में बताया.
योगराज सिंह ने कहा, “जब तक आग ना लगी हो सीने में दर्द ना हो, ज्वालामुखी ना उबल रहा हो, तब तक कोई चीज होती नहीं है. लीग से हटकर चीजें करनी पड़ती हैं. युवराज को बनाने में खुदा का बहुत बड़ा हाथ है.”
उन्होंने कहा कि केवल पिता ही नहीं बल्कि एक कोच के रूप में भी कि उसकी क्लास, उसका एरोगेंस, खेलने, चलने और फिल्डिंग के स्टाइल का मैं उसका बहुत बड़ा फैन हूं. मैच के दौरान 90 प्रतिशत पारियों में उनसे हार से जीत दिलाई है. महेंद्र सिंह धोनी के साथ बेहतरीन साझेदारियां की हैं लेकिन मेरे ख्याल में एक पारी है जो बहुत कमाल की खेली थी जोऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वॉटरफाइनल में 50 रन बनाए थे.
योगराज ने कहा, “वो इनिंग इसलिए भी अहम है क्योंकि वो कैंसर से लड़ रहा था. उसके मुंह से खून निलक रहा था, थकावट हो रही थी. उस वक्त मेरे दिल में ये ख्याल आता था कि कहीं कुछ हो ना जाए. मुझे लगता है कि उन चीजों से उभर कर, कैंसर होते हुए अपने देश और टीम के लिए खेला है, मैंने ऐसा जज्बा किसी और खिलाड़ी में नहीं देखा. ये उसकी किसी भी इनिंग से बढ़कर है और मैं उसे सैल्यूट करता हूं. ऐसा बेटा घर-घर में पैदा हो, जिसे ये जरूरी हो कि मेरा देश, मेरे देशवासी जरूरी हैं. इसी चीज की मैं उसे दाद देता हूं.”
योगराज ने आगे बताया कि उसके मुंह से बार-बार खून निकल रहा था तो मैंने उसे फोन करके कहा था कि मैच छोड़कर हम पहले डॉक्टर को दिखा लेते हैं. उसने मुझे कहा कि पिता जी आप खुदा को बहुत मानते हो, बहुत पाठ-पूजा करते हो, अपने अपने खुदा से बात कहना मैं मर भी जाऊं लेकिन मेरे हाथ में वर्ल्ड कप हो अपने देश और देशवासियों के लिए. मैं समझूंगा कि आपकी तपस्या पूरी हो गई.