सिडनी : भारतीय टीम के बल्लेबाज हनुमा विहारी ने कहा है कि लाल गेंद की तुलना में गुलाबी गेंद से बल्लेबाजी करना अच्छा भी है और चुनौतीपूर्ण भी क्योंकि गेंद बल्ले पर अच्छे से आती है, लेकिन गेंद रात में मूव भी बहुत करती है.
सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर खेले गए दूसरे अभ्यास मैच में विहारी ने ऑस्ट्रेलिया-ए के खिलाफ शतक जमाया था. यह अभ्यास मैच दिन-रात प्रारूप में खेला गया था.
उन्होंने कहा कि भारतीय गेंदबाजों ने इस बात पर भी चर्चा की है कि गुलाबी गेंद से किस तरह से गेंदबाजी करनी है.
विहारी ने रविवार को कहा, "गुलाबी गेंद से खेलने का आदि होना एक चुनौती है. लाल गेंद की तुलना में इसकी तेजी और उछाल काफी अलग है. यह गेंद बल्ले पर अच्छे से आती है. पहले दिन भी सीम मूवमेंट था. इससे खेलने की आदत डालना बड़ी चुनौती है और अब मुझे लगाता है कि हम एक टीम के तौर पर तैयार हैं. मुझे लगता है कि टेस्ट से पहले गुलाबी गेंद से खेलना अच्छा था."
विहारी ने कहा कि बल्लेबाजों का काम गेंदबाजों के लिए बड़ा स्कोर खड़ा करना होगा. उन्होंने मार्नस लाबुशैन, जोश हेजलवुड और बाकी खिलाड़ियों की इस बात पर सहमति जाहिर की कि शाम के समय गुलाबी गेंद से खेलना मुश्किल होगा.
विहारी ने कहा, "गुलाबी गेंद से शाम को बल्लेबाजी करना और फिर फ्लडलाइट्स में बल्लेबाजी करना चुनौती होगी. यह हमने एक टीम के तौर पर महसूस किया है. हम इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि हम गेंदबाजों को मजबूत लक्ष्य दें."
विहारी ने कहा कि गेंदबाज इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि गुलाबी गेंद से किस लाइन और लैंग्थ पर गेंदबाजी करनी है.
विहारी ने कहा, "गेंदबाजों की बात करूं तो वह इस पर चर्चा कर रहे हैं कि किस लाइन और लैंग्थ पर गेंदबाजी करनी है क्योंकि उन्हें मैच के अलग-अलग फेज में गेंदबाजी करनी है, दिन में, शाम को, और लाइट्स में. मुझे लगता कि गेम प्लान का हिस्सा होगा जिसमें मैं इस समय बता नहीं सकता."
भारत का यह दूसरा दिन-रात प्रारूप का टेस्ट मैच होगा. टीम ने अपना पहला दिन-रात प्रारूप का टेस्ट पिछले साल कोलकाता में बांग्लादेश के खिलाफ खेला था जिसमें विहारी टीम का हिस्सा नहीं थे.