मुंबई: भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने बांग्लादेश के खिलाफ जो पारी निदहास ट्रॉफी के फाइनल में खेली थी उसे कोई भी भारतीय नहीं भूल सकता. उस पारी को लेकर कार्तिक ने कहा है कि वह अपने आप को साबित करने के लिए इस तरह के मौके का इंतजार कर रहे थे.
कार्तिक ने एक शो पर बात करते हुए कहा, "मैं अपने आप को साबित करने के लिए इस तरह के मौके का इंतजार कर रहा था. मैंने इस तरह की स्थिति के लिए अभ्यास किया था. जब हकीकत में इस तरह की स्थिति आई तो मुझे उस स्टेज पर मजा आया. काफी कुछ ऑटो मोड पर हो गया था."
उन्होंने कहा, "जब आप काफी अभ्यास करते हैं और वो स्थिति आपके सामने आ जाती है तो आप जानते हो कि क्या करना है. मुझे विश्वास था कि हम मैच जीत जाएंगे. दो ओवरों में 34 रन चाहिए थे तब भी मैं सोच रहा था कि मैं इस मैच को जीत सकता हूं."
कार्तिक ने साथ ही खेल में मानसिक ताकत की अहमियत पर भी बात की. उन्होंने कहा, "मानसिक मजबूती के लिए लगातार वर्तमान में रहने की क्षमता बहुत जरुरी है. जब आप कठिन परिस्थिति में होते हैं तो दिमाग में बहुत तरह के ख्याल आते है लेकिन उस दौरान अगर आप इस बात पर ध्यान केंद्रित करें कि आपको अभी क्या करने की आवश्यकता है तो आप ज्यादातर सफलता प्राप्त करेंगे. सभी सफल खिलाड़ियों ने समय के साथ मानसिक मजबूती हासिल की है."
बता दें कि कार्तिक ने साल 2018 में निदहास ट्रॉफी के फाइनल में छक्का लगा कर एतिहासिक जीत दिलाई थी.
उस मैच में भारत जीत के लिए दिए गए 167 रनों के जवाब में 133 पर 5 विकेट गंवा कर संघर्ष कर रहा था. जब कार्तिक आए तब टीम को 12 गेंदों पर 34 रनों की जरूरत थी लेकिन उन्होंने 8 गेंदों 29 बना कर टीम को जीत दिला दी. जिसमें तीन छक्के और एक चौका शामिल था. उस पारी के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच भी चुना गया था.